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महाराष्ट्र चुनाव में एनसीपी के इंटरव्यू बम: अब नवाब बोले हमारे नेता मोदी नहीं ,धर्म की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलती,शरद पवार और दादा पानी के जैसे बोल कर दिया क्या संकेत?

फोटो: सना और नवाब मलिक की रैली में अजीत पवार

O महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक फिर से सुर्खियों हैं. एक बार फिर उनका बड़ा बयान सामने आया है. मुंबई में नवाब मलिक ने कहा कि वोटिंग के नतीजे आने के बाद कौन किसके साथ होगा ये कोई नहीं बता सकता. लोग चाहते हैं कि अजित पवार और शरद पवार एक साथ आएं.

TTN Desk

नवाब मलिक, महाराष्ट्र के वो नेता जो आर्यन खान ड्रग्स केस में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे। जिन्होंने तकरीबन रोज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी NCB के डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर आरोपों की झड़ी लगा दी थी।

उद्धव सरकार में मंत्री रहे नवाब मलिक अब शरद पवार को छोड़कर उनसे बगावत करने वाले भतीजे अजित पवार की NCP में शामिल हैं। अब वे विधानसभा चुनाव भी लड़ रहे हैं। उन्होंने बेटी सना को भी टिकट दिलवाया है।

इस बार महाराष्ट्र में दो गठबंधनों के बीच टक्कर है। महायुति और महाविकास अघाड़ी। दोनों खेमों में 3-3 पार्टियां हैं। एक ओर BJP, शिवसेना शिंदे और अजित पवार वाली NCP, तो दूसरी तरफ कांग्रेस, शिवसेना उद्धव और शरद पवार की NCP। मगर सियासत का रुख ऐसा बदला है कि दोनों खेमों में शामिल पार्टियां आपस में भी भिड़ी हुई हैं। कई सीटों पर बागी गणित बिगाड़ रहे हैं। ऐसा ही एक नाम है, नवाब मलिक।उन्होंने दैनिक भास्कर, एबीपी न्यूज सहित कुछ प्रमुख मीडिया आउटलेट्स को अपने चीर परिचित बेबाक अंदाज में इंटरव्यू दिए।आइए जानते है आखिर उनके ऐसे क्या जवाब है जिसने एक बार फिर से उन्हें सुर्खियों में ला दिया है….

O शरद , अजित पानी की तरह है

नवाब मलिक ने कहा, “अजित पवार और शरद पवार पानी की तरह हैं. पानी एक साथ आता रहता है. दादा या पवार एक परिवार के हैं। पार्टी कार्यकर्ता और महाराष्ट्र की जनता चाहती है कि परिवार एक हो जाए। जब तक वे दोनों खुद यह तय नहीं करते, यह मुमकिन नहीं है। लाठी मारने से कभी पानी अलग होता नहीं है। क्या होगा, कैसे होगा, अभी मैं बोल नहीं सकता।

O धर्म पर आधारित राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलती

जब नवाब मलिक से इन चुनावों में बंटेंगे तो कटेंगे,एक है तो सेफ है… जैसे नारों और सेक्युलर राजनीति पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि धर्म पर आधारित राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलती है। मैं गठबंधन में नहीं हूं, मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में हूं। अपनी विचारधारा के साथ हूं।

Oहमारी पार्टी के नेता मोदी, फडणवीस नहीं अजित पवार है

उन्होंने कहा हमारी पार्टी के नेता मोदी नहीं हैं, देवेंद्र फडणवीस नहीं हैं या योगी जी नहीं हैं। हमारी पार्टी के नेता अजित पवार हैं।
मैं सभी को बता देना चाहता हूं कि धर्म पर आधारित राजनीति चलती नहीं है, वाहियात नारों से ज्यादा दिनों तक वोट मिलता नहीं है। साल 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद UP में कल्याण सिंह की सरकार बरखास्त की गई। छह महीने के अंदर चुनाव हुए। धर्म की राजनीति चरम पर नजर आ रही थी, लेकिन 1993 के विधानसभा चुनाव में BJP हार गई। मंदिर के नाम पर राजनीति होती रही, मंदिर बन गया तो भी इस दफा BJP अयोध्या से चुनाव हार गई।धर्म एक व्यक्तिगत मामला है। धर्म एक मौलिक अधिकार है। हम धर्म की राजनीति का हमेशा विरोध करते रहे हैं।

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0 अबू आजमी पर लगाए गंभीर आरोप

वहीं मानखुर्द शिवाजी नगर सीट पर अपने प्रतिद्वंदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए नवाब मलिक ने कहा, “अबू आजमी के भतीजे का ड्रग्स का कारोबार है. इस व्यवसाय को शिवाजी नगर मानखुर्द से गायब नहीं किया गया है, इसका कारण यह है कि यह उनके भतीजे द्वारा चलाया जाता है और अबू आज़मी द्वारा समर्थित है.”

O राजनीति के आइटम सॉन्ग है सोमैया,उन की बातों पर ध्यान नहीं देता

इसके अलावा दाऊद इब्राहिम के साथ उनका नाम जोड़े जाने और बीजेपी नेता किरीट सोमैया पर एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि इसके बिना दाऊद को टीआरपी नहीं मिलती इसलिए उसका नाम वैसे ही लाया जाता है.फिल्मों में आइटम सॉन्ग होते हैं। किरीट सोमैया महाराष्ट्र की राजनीति के आइटम सॉन्ग का एक पात्र हैं। उनके जैसे लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देता हूं।

O बीजेपी पूरी तरह से मेरे विरोध में ,जीतूंगा मैं ही

BJP मेरे विरोध में है और पूरी तरह से है। वो तो चाहती है कि मैं राजनीति से आउट हो जाऊं, लेकिन अजित पवार ने उम्मीदवार बनाकर भरोसा जताया है, मैं उनका आभारी हूं। वो मेरे प्रचार में भी आए थे। मैं निश्चित तौर से जीतूंगा। चाहे सामने BJP का प्रत्याशी हो या महायुति का।

सना मलिक के चुनाव लड़ने पर क्या कहा

बेटी सना मलिक के चुनाव लड़ने पर नवाब मलिक ने कहा, “जब मैं अस्पताल से बाहर आया तो ऑफिस में कई लोग आ रहे थे, मुझे लगा कि लोग मुझसे मिलने आ रहे हैं, लेकिन जब मैंने लोगों से पूछा तो उन्होंने कहा कि हम सना मैडम से मिलने आए हैं. फिर मैंने सना को चुनाव में उतारने का फैसला किया.”

कवियत्री अंजना सिंह को मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि,हुआ सम्मान

 

कोरबा | वरिष्ठ कवियत्री अंजना सिंह को  मैजिक & आर्ट्स यूनिवर्सिटी फ़रीदाबाद नई दिल्ली द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाज़ा गया है.

द कैसल ऑफ आर्ट थिएटर दशमेष प्लाज़ा में आयोजित दीक्षांत समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. रामावतार शर्मा के मुख्य आतिथ्य व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. सतीश कुमार, मेवाड़ विश्वविद्यालय के पूर्व निदेशक डॉ. एस के रोहेला के विशिष्ट आथित्य में हुए समारोह में श्रीमती सिंह को डॉक्टरेट की उपाधि मिली.अंजना सिंह गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज करा सम्मानित हो चुकी है।वहीं सामाजिक सेवाभावी कार्यों में भी उनकी सदैव सक्रिय सहभागिता रही है।

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TTN Desk

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए होनी वाली वोटिंग से पहले NCP प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एक ऐसा बयान दिया है जिसने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है।ये बयान एक बड़ा विस्फोटक खुलासा इस मायने में भी है कि उद्योगपतियों की सरकार बनाने गिराने के खेल में भागीदारी को साफ कर देता है।वहीं महाराष्ट्र चुनाव में मतदान के पहले वहां की सरकार में शामिल पार्टी के मुखिया का इस बयान का बड़ा असर होना भी तय है।

अजीत पवार ने कहा, उद्योगपति गौतम अडानी 5 साल पहले बीजेपी और अविभाजित शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP के बीच बातचीत का हिस्सा थे. अजित पवार 2019 के चुनाव के बाद का जिक्र कर रहे थे. तब उन्होंने बीजेपी से हाथ मिला लिया था. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बने थे और अजित पवार डिप्टी सीएम बने थे. अजित पवार ने एक इंटरव्यू में कहा कि अमित शाह, गौतम अडानी, प्रफुल्ल पटेल, देवेंद्र फडणवीस और पवार साहब… सभी वहां थे।

साल 2023 में अजीत पवार अपने चाचा और राजनीतिक गुरु शरद पवार से अलग होकर भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार का हिस्सा बन गए थे. उस वक्त उन्होंने कहा था कि उनकी और उनके चाचा शरद पवार की भाजपा नेताओं के साथ एक बैठक 2019 में हुई थी. यह बैठक एक उद्योगपति के घर हुई थी.

किसी राजनैतिक धमाके से कम नहीं है डिप्टी सीएम का ये इंटरव्यू

अब अजीत पवार ने न्यूज़लॉन्ड्री को दिए एक साक्षात्कार में उस उद्योगपति के नाम का खुलास कर राजनीतिक गलियारो में हलचल पैदा कर दी है. पवार ने स्वीकार किया है कि 2019 की बैठक गौतम अडाणी के घर पर हुई थी.आइए जानते है न्यूज वेबसाइट न्यूज लॉन्ड्री को दिए अपने इस बड़े खुलासे वाले इंटरव्यू में अजीत पवार ने और क्या क्या कहा….

O पहले ही बता दिया था बीजेपी को कि समर्थन स्थाई नहीं

एनसीपी और बीजेपी के बीच वैचारिक मतभेद से जुड़े सवाल पर अजित पवार ने कहा, 2014 में एनसीपी ने बीजेपी की सरकार को बाहर से समर्थन दिया था. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही एनसीपी प्रवक्ता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि हम बीजेपी को बाहर से समर्थन देंगे. अजित पवार ने कहा कि एनसीपी ने बाद में ये भी साफ कहा था कि समर्थन स्थायी नहीं है. ये सिर्फ सरकार बनाने के लिए है. इसके बाद बीजेपी और शिवसेना साथ आ गए थे.

O दिल्ली में बैठक,अदानी भी मौजूद थे

उस बैठक के बारे में बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि 5 साल हो गए. सबको पता है कि मीटिंग में क्या हुआ था. दिल्ली में उद्योगपति के घर पर वो बैठक हुई थी. ये सभी को पता है. हां, पांच बैठकें हुई थीं. अमित शाह और गौतम अडानी वहां पर थे. प्रफुल्ल पटेल और देवेंद्र फडणवीस भी थे. पवार साहब भी थे. सभी थे…सारे फैसले लिए जा चुके थे.

O साफ हो गया कि अघाड़ी सरकार को गिराने में अदानी का रोल:विपक्ष

अजित पवार के इस बयान पर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा है कि इससे साबित होता है कि महाराष्ट्र की सरकार की अडानी सरकार थी. कांग्रेस नेता वर्षा गायकवाड ने कहा कि मीटिंग में गौतम अडानी क्या कर रहे थे. मैं फिर से बताना चाहती हूं कि MVA की सरकार को गिराने में अडानी का रोल था. वो धरावी में और कई अन्य प्रोजेक्ट हासिल करना चाहते थे. ये महाराष्ट्र की सरकार नहीं है. ये अडानी सरकार है. अब सच्चाई सबके सामने है.

O उनका दिमाग तो उनकी पत्नी भी नहीं पढ़ पकती

एनसीपी प्रमुख ने आगे कहा कि आरोप मुझपर लगे और उसे मैंने माना भी. मैंने बाकियों को सेफ किया. पवार साहब फिर बीजेपी के साथ क्यों नहीं गए? इस सवाल का जवाब देते हुए अजित पवार ने कहा कि मुझे इसका जवाब नहीं पता. पवार साहब वो नेता हैं जिनका दिमाग कोई नहीं पढ़ सकता. उनकी पत्नी भी नहीं.

O शरद पवार ने हमेशा किया इंकार

शरद पवार हमेशा इस बात से इंकार करते रहे हैं कि उन्होंने 2019 में सरकार को लेकर बीजेपी से बात की थी. देवेंद्र फडणवीस ने पिछले साल आरोप लगाया था कि शरद पवार ने 2017 से 2019 के बीच बीजेपी के साथ कई बार मीटिंग की थी.

O पवार परिवार के फिर साथ आने पर ये कहा

एनसीपी के अलग होने के सवाल पर अजित पवार ने कहा कि पार्टी के टूटने का कोई प्रश्न ही नहीं है. जिसके पास ज्यादा विधायक हैं वही पार्टी को कंट्रोल कर रहा है. क्या पवार परिवार फिर एकसाथ आएगा. इसपर अजित पवार ने कहा कि अभी हमने इसके बारे में नहीं सोचा है. सारा ध्यान चुनाव पर है.

रील बनाने की सनक में किराए पर ली थार को डाला रेलवे ट्रैक पर और फिर आ गई ट्रेन…

रील बनाने की सनक में इन दिनों  लोग कुछ भी कर रहे है। रील और स्टंटबाजी के चक्कर में कई लोगों की जान तक चली गई। लोग ऐसी अजीबों गरीब हरकत कर देते है जिन्हें देखने के बाद लोग  अपना माथा पकड़ लेते है।

राजस्थान से एक मामला सामने आया है। नशे में धूत थार कार सवार की हरकत ने सभी के होश उड़ा दिए। सोमवार को नशे में धुत्त चालक ने थार को रेलवे ट्रैक पर चढ़ा दिया. चालक का इरादा दोस्तों के साथ कार को ट्रैक पर दौड़ाने का था. लेकिन अचानक थार पटरियों के बीच फंस गई. पीछे से रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी आ रही थी.

O मालगाड़ी को आता देख दोस्त भाग निकले

मालगाड़ी को आता देख थार में बैठे युवक उतरकर भाग गये. ड्राइवर थार से नहीं निकला. मामला राजधानी जयपुर के सिवांर इलाके का है. बताया जा रहा है कि युवकों ने किराये पर कार ली थी. किराये की कार लेकर रेलवे ट्रैक पर पहुंच गये. चालक थार को रेलवे ट्रैक पर दौड़ाना चाह रहा था. दुर्भाग्य से पहिये पटरियों के बीच फंस गये. पीछे रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी आ रही थी. दोस्त उतरकर भाग निकले लेकिन चालक कार में बैठा रहा. मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए.

O लोको पायलट की सूझबूझ से टला हादसा,पर भाग गया थार ले कर चालक

लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया. आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गये. उन्होंने पटरियों में फंसी कार को निकाला. थार के रेलवे ट्रैक से किनारे आने पर लोगों ने राहत की सांस ली. बताया जा रहा है कि ट्रैक से बाहर आने के बाद ड्राइवर स्पीड में थार भगाकर ले गया.

O रास्ते में वाहनों को ठोकर मारी

रास्ते में कार से वाहनों और दुपहिया की टक्कर होने के बावजूद चालक नहीं रुका. खतरनाक स्टंटबाजी का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की. घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली.

O थार जीप को किया जप्त

पुलिस ने जीप को जब्त कर मालिक की तलाश शुरू की. पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था. आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है. रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश जारी है.

TTN ब्रेकिंग: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने खींच दी लक्ष्मणरेखा,घर गिराना गलत, जारी की 15 प्वाइंट की गाइडलाइन

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि यह कानून का उल्लंघन है. किसी मामले पर आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं है.

  • O अफसर जज नहीं बन सकते

कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अफसर जज नहीं बन सकते। वे तय न करें कि दोषी कौन है।जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने ये भी कहा कि 15 दिन के नोटिस के बगैर निर्माण गिराया तो अफसर के खर्च पर दोबारा बनाना पड़ेगा। अदालत ने 15 गाइडलाइंस भी दीं।

O कवि प्रदीप की पंक्तियों का भी उल्लेख

जस्टिस गवई ने फैसला पढ़ते हुए कवि प्रदीप की ये लाइनें भी कहीं…”अपना घर हो, अपना आंगन हो, इस ख्वाब में हर कोई जीता है। इंसान के दिल की ये चाहत है कि एक घर का सपना कभी न छूटे।”

दी गाइडलाइन…इन 15 बिंदुओं का करना होगा पालन

1. अगर बुलडोजर एक्शन का ऑर्डर दिया जाता है तो इसके खिलाफ अपील करने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए। 2. रातोंरात घर गिरा दिए जाने पर महिलाएं-बच्चे सड़कों पर आ जाते हैं, ये अच्छा दृश्य नहीं होता। उन्हें अपील का वक्त नहीं मिलता। 3. हमारी गाइडलाइन अवैध अतिक्रमण, जैसे सड़कों या नदी के किनारे पर किए गए अवैध निर्माण के लिए नहीं है। 4. शो कॉज नोटिस के बिना कोई निर्माण नहीं गिराया जाएगा। 5. रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए कंस्ट्रक्शन के मालिक को नोटिस भेजा जाएगा और इसे दीवार पर भी चिपकाया जाए। 6. नोटिस भेजे जाने के बाद 15 दिन का समय दिया जाए। 7. कलेक्टर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को भी जानकारी दी जाए। 8. डीएम और कलेक्टर ऐसी कार्रवाई पर नजर रखने के लिए नोडल अफसर की नियुक्ति करें। 9. नोटिस में बताया जाए कि निर्माण क्यों गिराया जा रहा है, इसकी सुनवाई कब होगी, किसके सामने होगी। एक डिजिटल पोर्टल हो, जहां नोटिस और ऑर्डर की पूरी जानकारी हो। 10. अधिकारी पर्सनल हियरिंग करें और इसकी रिकॉर्डिंग की जाए। फाइनल ऑर्डर पास किए जाएं और इसमें बताया जाए कि निर्माण गिराने की कार्रवाई जरूरी है या नहीं। साथ ही यह भी कि निर्माण को गिराया जाना ही आखिरी रास्ता है। 11. ऑर्डर को डिजिटल पोर्टल पर दिखाया जाए। 12. अवैध निर्माण गिराने का ऑर्डर दिए जाने के बाद व्यक्ति को 15 दिन का मौका दिया जाए, ताकि वह खुद अवैध निर्माण गिरा सके या हटा सके। अगर इस ऑर्डर पर स्टे नहीं लगाया गया है, तब ही बुलडोजर एक्शन लिया जाएगा। 13. निर्माण गिराए जाने की कार्रवाई की वीडियोग्राफी की जाए। इसे सुरक्षित रखा जाए और कार्रवाई की रिपोर्ट म्युनिसिपल कमिश्नर को भेजी जाए। 14. गाइडलाइन का पालन न करना कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी। इसका जिम्मेदार अधिकारी को माना जाएगा और उसे गिराए गए निर्माण को दोबारा अपने खर्च पर बनाना होगा और मुआवजा भी देना होगा। 15. हमारे डायरेक्शन सभी मुख्य सचिवों को भेज दिए जाएं।

तेलंगाना: यूपी जा रही मालगाड़ी के 11 वैगन पटरी से उतरे,चेन्नई रूट प्रभावित,37 ट्रेनें रद्द,अनेक का रूट बदला

  • TTN Desk

तेलंगाना के पेद्दापल्ली जिले में राघवपुरम और रामागुंडम के बीच मंगलवार की देर रात लोहे की कोइल लेकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जा रही माल गाड़ी के 11 डिब्बे पटरी से उतरे गए। हादसे के कारण ट्रेन सेवाओं में भारी व्यवधान आया और 37 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। अन्य कई ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द, डायवर्ट या रीशेड्यूल कर दिया गया है। रेलवे प्रशासन की टीम घटना स्थल पर पहुंच गई है और बहाली का काम जारी है।

O दिल्ली-चेन्नई मुख्य लाइन पर ठप हुई सेवाएं

इस दुर्घटना का असर दिल्ली-चेन्नई मुख्य रेलवे लाइन पर पड़ा है। मुख्य मार्ग बाधित होने से दोनों दिशाओं में ट्रेनों का संचालन रुक गया। एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और यात्री ट्रेनों सहित कई मालगाड़ियां विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी हैं। हादसे के कारण बड़ी संख्या में यात्री परेशान हो रहे हैं। यात्रियों की असुविधा को देखते हुए दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) ने कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि यात्रियों को त्वरित जानकारी मिल सके।

दुर्घटना के बाद रेलवे ने जांच शुरू की

हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारियों ने त्वरित जांच शुरू कर दी है। रेलवे प्रशासन का मानना है कि यह हादसा तकनीकी समस्या के कारण हुआ हो सकता है। प्रशासन ने यह भी कहा कि ऐसे हादसों से बचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी। रेलवे की प्राथमिकता है कि जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो और ट्रेनों का संचालन शुरू किया जा सके। अधिकारी मौके पर स्थितियों का आकलन कर रहे हैं और बहाली का काम तेजी से किया जा रहा है।

साउथ सेंट्रल रेलवे ने इस हादसे से प्रभावित ट्रेनों की जानकारी x पर पोस्ट कर  साझा की है।

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https://x.com/SCRailwayIndia/status/1856512353933897931?t=UI79GJBtXjjNSl0q3rrGog&s=08

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केरल:अधिकारियों के हिंदू मुस्लिम वाट्सअप ग्रुप बनाने वाले आईएएस और “कलेक्टर ब्रो” हुए सस्पेंड

फाइल फोटो : आईएएस गोपालकृष्णन   और आईएएस प्रशांत

TTN Desk

केरल सरकार ने दो आईएएस अधिकारियों को सर्विस नियमों का पालन नहीं करने और अनुशासन उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया है। दोनों के नाम हैं के. गोपालकृष्णन और एन.प्रशांत। सरकार ने कहा है कि गोपालकृष्णन ने ऐसा काम किया है जिससे अखिल भारतीय सेवा संवर्ग के भीतर फूट पैदा की, जबकि प्रशांत के आचरण ने राज्य की प्रशासनिक प्रणाली की छवि को नुकसान पहुंचाया है। गोपालकृष्णन ने सरकारी अधिकारियों के लिए धर्म आधारित ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाया था जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया था। वहीं प्रशांत को इसलिए सस्पेंड किया गया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी।

O दोनों अधिकारियों पर लगे हैं बड़े आरोप

केरल की पिनराई विजयन सरकार ने सोमवार की देर रात दोनों आईएएस अधिकारियों के जारी निलंबन आदेश में स्पष्ट किया कि दोनों दोनों का कृत्य गंभीर अनुशासनहीनता और अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन है। आदेश में कहा गया कि हाल ही में एक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाया गया था, उद्योग निदेशक गोपालकृष्णन को उक्त समूह का ‘एडमिन’ बताया गया था। पुलिस जांच में पता चला कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह साबित करे कि गोपालकृष्णन का मोबाइल फोन ‘हैक’ किया गया जैसा कि अधिकारी ने दावा किया है।

O जांच रिपोर्ट में हैकिंग की दलील गलत निकली

फोरेंसिक जांच के लिए फोन जमा करने से पहले अधिकारी ने खुद ही मोबाइल फोन को बार-बार ‘फैक्टरी रीसेट’ किया था। इसमें कहा गया, ‘‘ सरकार का प्रथम दृष्टया यह मानना ​​है कि गोपालकृष्णन के द्वारा बनाए गए उक्त ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ का मकसद राज्य में अखिल भारतीय सेवाओं के कैडर के बीच फूट डालना और उनकी एकजुटता को तोड़ना था।’’ वहीं विशेष सचिव (कृषि) एन.प्रशांत को निलंबित करने के एक अलग आदेश में सरकार ने अधिकारी पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएएस ए.जयतिलक के खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘‘अपमानजनक बयान’’ देने का आरोप लगाया। जारी आदेश के अनुसार, ये टिप्पणियां गंभीर अनुशासनहीनता के बराबर हैं और ऐसी टिप्पणियां राज्य में प्रशासनिक प्रणाली की सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचाती हैं।

O के. गोपालकृष्णन केंद्र में भी दे चुके सेवाएं

के.गोपालकृष्णन 2013 बैच के IAS अफसर हैं। IAS की परीक्षा पास करने से पहले उन्होंने बी.टेक की डिग्री हासिल की थी। इसके अलावा वे फाइनेंशियल मैनेजमेंट में भी पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके हैं। केरल में वे कई पदों पर रहे हैं। 2019 में तिरुवनंतपुरम के कलेक्टर बने थे। गोपालकृष्णन केंद्र सरकार में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सहायक सचिव भी रह चुके हैं।

O चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट पर CM ने सस्पेंड किया

चीफ सेक्रेटरी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर CM पिनाराई विजयन ने सस्पेंशन ऑर्डर साइन किए। जांच रिपोर्ट में के. गोपालकृष्णन को धर्म आधारित वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर अधिकारियों को बांटने का दोषी पाया गया।

O वरिष्ठ अधिकारी की सार्वजनिक आलोचना पड़ी प्रशांत को भारी

इसके अलावा कृषि विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी एन. प्रशांत को भी CM ने सस्पेंड किया है। प्रशांत के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने सीनियर IAS अधिकारी की आलोचना करने के चलते कार्रवाई की गई है।
एन. प्रशांत ने वित्त विभाग में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ए. जयतिलक के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट किया था। उन्होंने जयतिलक पर अपने खिलाफ मीडिया में बेबुनियाद खबरें फैलाने का आरोप लगाया था।

O आखिर क्यों कहलाते है ” कलेक्टर ब्रो” आईएएस प्रशांत, FB पर तीन लाख फॉलोवर

एन. प्रशांत 2007 बैच के IAS अधिकारी हैं। 2015 में वे कोझिकोड जिले के IAS बने। इस दौरान सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने लोगों से जुड़ने की पहल शुरू की। यहीं से प्रशांत को कलेक्टर ब्रो नाम मिला।

एक बार अपने सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने लोगों से 14 एकड़ झील को साफ करने के लिए साथ आने की अपील की थी। इस मुहिम में शामिल होने वालों को IAS अधिकारी ने बिरयानी खिलाने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा भी किया।

उनके फेसबुक पर 3 लाख से ज्यादा और इंस्टाग्राम पर 50 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। प्रशांत सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर ही अपने सीनियर को साइकोपैथ बताया था और कहा था कि वे मेरे खिलाफ बेबुनियाद खबरें फैला रहे हैं।

 

मथुरा रिफाइनरी में ब्लास्ट,मैनेजर सहित 11 झुलसे

Mathura Indian Oil Blast: मथुरा इंडियन ऑयल रिफाइनरी से बड़ा हादसा हो गया है l  मंगलवार शाम रिफाइनरी में ब्लास्ट हो गया l यह ब्लास्ट इतना भयानक था कि उसकी आवाज़ एक किलोमीटर तक सुनाई दी है l इस ब्लास्ट की चपेट में  आकर मैनेजर समेत 11 लोग बुरी तरह झुलस गए हैं l हादसे के बाद तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां ICU में उनका इलाज चल रहा है l

40 दिन बाद शुरू हुआ था प्लांट 

मथुरा के इंडियन ऑयल प्लांट में हुए ब्लास्ट को लेकर जो जानकारी सामने आई है उसमे बताया जा रहा की वह प्लांट पिछले 40 दिनों से बंद पड़ा था l जिसको आज सब कुछ चेक करने के बाद दोबारा से चालू किया गया था l ब्लास्ट को लेकर अभी तक जो अनुमान लगाया जा रहा है उसमे यह बताया जा रहा है कि प्लांट मे कुछ लीकेज की समस्या थी l

हादसे में कुल 11 लोग घायल 

इस हादसे के चलते कुल 11 लोग घायल बताये जा रहे है l फिलहाल किसी के जान माल की हानि नहीं हुई है l हादसे स्थल पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम अभी भी मौजूद है l

एल एंड टी को एनटीपीसी ने दिया दो पॉवर प्लांट बनाने 15 हजार करोड़ का ऑर्डर

TTN Desk

एलएंडटी (L&T ) को मध्य प्रदेश और बिहार में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऑर्डर मिला है। लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड न आज कहा है कि उसके एनर्जी कार्बनलाइट सॉल्यूशंस व्यवसाय को एनटीपीसी से मध्य प्रदेश और बिहार में थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए ‘अल्ट्रा मेगा’ ऑर्डर मिला है।

L&T ने मंगलवार को स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि L&T एनर्जी कार्बनलाइट सॉल्यूशंस (L&T Energy CarbonLite Solutions) को NTPC लिमिटेड से बिहार और मध्य प्रदेश में थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने के लिए 15000 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऑर्डर (LNTP) मिला है। इस ऑर्डर के अंतर्गत कंपनी को मध्य प्रदेश के गाडरवारा में 2×800 मेगावाट स्टेज- II थर्मल पावर प्लांट और बिहार के नबीनगर में 3×800 मेगावाट स्टेज-II थर्मल पावर प्लांट बनाने के लिए मिला है।

इस ऑर्डर के तहत L&T Energy को बॉयलर, टर्बाइन, इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर (ईएसपी), सहायक डिजाइन, इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, सप्लाई, निर्माण और कमीशनिंग के साथ-साथ संबंधित मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इंस्ट्रूमेंटेशन और सिविल कार्य पूरा करना होगा।

कार से मचाया कोहराम: व्यायाम कर रहे लोगों पर चढ़ा दी कार, 35 की मौत,43 हॉस्पिटल में भर्ती,आरोपी बंदी, तलाक़ के बाद संपत्ति के बंटवारे से था परेशान

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चीन के झुहाई शहर में एक बड़ा हादसा हुआ है. यहां 62 साल के शख्स ने स्पोर्ट्स सेंटर के बाहर एक्सरसाइज कर रहे लोगों पर कार चढ़ा दी. पुलिस के मुताबिक इस हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत हो गई वहीं 43 अन्य लोग घायल हैं.पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया गया है कि आरोपी अपने तलाक के बाद पत्नी के साथ अपनी संपत्ति के बंटवारे को ले कर परेशान था।

PLA के एयरशो से पहले हुआ हादसा

रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगलवार को चीन की सेना (PLA) झुहाई में सबसे बड़े एयरशो का आयोजन कर रही है, इससे ठीक एक दिन पहले शहर में यह हादसा हुआ. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आरोपी की पहचान कर ली गई है, उसके परिवार के सरनेम फान (Fan) है. वहीं झुहाई के शांग चोंग अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि कुछ चोटिल लोगों को इमरजेंसी क्लीनिक में लाया गया था, जहां इलाज के बाद उन्हें जाने दिया गया.

घायल ‘आतंकी’ शब्द चिल्ला रहे थे- न्यूज एजेंसी

सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें कई लोग जमीन पर लेटे नजर आ रहे हैं. एक प्रमुख न्यूज एजेंसी ने एक वीडियो की पुष्टि करते हुए बताया है कि, इस वीडियो में जमीन पर करीब 20 लोग पड़े नजर आ रहे थे और घायलों को ले जाने के लिए जब एंबुलेंस पहुंचा तो वह ‘आतंकी’ शब्द चिल्ला रहे थे.

तलाक से नाराज़ था आरोपी- पुलिस

पुलिस के मुताबिक आरोप फान ने घटनास्थल से फरार होने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया. इस दौरान उसने एक चाकू से खुद को भी नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया, जिससे उसकी गर्दन में कई गंभीर चोटें आई हैं. पुलिस के मुताबिक प्रारंभिक जांच से पता चला है कि फान अपने तलाक को लेकर काफी नाराज था, शायद यही वजह है जिसके चलते उसने इस घटना को अंजाम दिया है.

घटना पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग का बयान

चीन के स्टेट टेलीविजन CCTV के मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने घायलों के इलाज के लिए हर संभव प्रयास करने को कहा है. उन्होंने आरोपी को कड़ी सज़ा देने को भी कहा है. साथ ही संघीय सरकार ने इस मामले की जांच में सहयोग के लिए एक केंद्रीय टीम भी भेजा है.

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