फोटो; याचिका दाखिल करनेवाले व्यवसाई नटवरलाल
TTN Desk
हमारे देश में काफी दशक पहले एक नटवरलाल उपनाम वाला ठग हुआ करता था।जिसका असली नाम मिथिलेश श्रीवास्तव था। जिसने कई तरह की जालसाजी की। इसके बाद इस नाम पर अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म भी बनी। तभी से यह ज्यादा चलन में आया कि कोई चोरी, ठगी, धोखाधड़ी करता है तो उसे नटवर लाल बताया जाता है।
अब इस नाम के इस्तेमाल करने पर रायगढ़ के सीमेंट कारोबारी नटवर लाल अग्रवाल ने आपत्ति जताते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिसे कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है हालांकि उस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।
इस याचिका में उन्होंने कहा कि ठगों को नटवर लाल न कहा जाए। नटवर नाम से भगवान श्रीकृष्ण को संबोधित किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि जालसाजी और 420 में नटवर लाल नाम का उपयोग करना श्रीकृष्ण का भी अपमान करना है।
नटवर लाल नाम रखना कोई गुनाह नहीं
कारोबारी ने जो हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। उसमें कहा है कि नटवर लाल नाम रखना कोई अपराध है? धोखाधड़ी, ठगी या जालसाजी के जो मामले सामने आते हैं उसमें नटवर लाल जैसे नामों का इस्तेमाल किया जाता है, इस नाम का उपयोग बंद करने की मांग सीमेंट कारोबारी नटवरलाल ने की है। इसलिए उसे स्वयं को पीड़ा होती है।
कहीं होना पड़ता है अपमानित
सीमेंट कारोबारी ने याचिका में कहा कि नटवर लाल नाम को अपराधियों से जोड़ दिया गया है। इसके कारण उन्हें समाज में अपमानित होना पड़ता है। इस तरह के प्रचलन पर भी रोक लगाने की मांग भी की गई है। इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि समाज में उनका सम्मान है, वह एक व्यवसायी भी हैं।
इस तरह से नाम मीडिया में आने से उन्हें काफी पीड़ा होती है। वहीं उन्होंने कहा कि नटवर लाल नाम जैसे ही बताते हैं तो उनके सामने हमारी इमेज ठग या धोखाधड़ी करने वाले की आ जाती है। यह स्वाभाविक है। इस नाम को इतना प्रसारित-प्रचारित किया गया है कि नाम लेते ही लोगों के दिमाग में ठग या जालसाज की छवि उत्पन्न हो जाती है।