कोरबा। कोरबा- चांपा मार्ग पर सड़क किनारे वर्षों से स्थापित मां मड़वा रानी के मंदिर को नया मंदिर बनने के पहले हटाने पहुंचे अमले को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा है।
ग्रामीणों ने कहा है कि मंदिर हटाने की कोई तय तारीख का नोटिस दिए बिना और नए मंदिर का निर्माण कराए बगैर तोड़फोड़ करने का प्रयास किया जा रहा है। मंदिर को तोड़ने व हटाने का विरोध छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत और कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने भी किया है।दरअसल चांपा हाइवे का निर्माण अब कुछ ही हिस्से में बाकी बचा है।मंदिर के सामने फोर लेन इस हाइवे के ओवर ब्रिज का हिस्सा है।एक और ये बन गया है किंतु दूसरी लेन के निर्माण में मंदिर आड़े आ रहा है।
O अमले की आमद के साथ ही ग्रामीण जुटने लगे,शुरू किया विरोध
गुरुवार की सुबह कोरबा- चांपा मार्ग पर ग्राम मड़वारानी में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति अचानक बढ़ती देख ग्रामीण भी सक्रिय हो गए और देखते ही देखते एक तरफ वर्दी धारी तो दूसरी तरफ ग्रामीण नजर आने लगे। कारण था मंदिर को हटाने के प्रयास की सूचना। ग्रामीणों को जैसे ही पता चला कि कोरबा जिला प्रशासन मां मड़वारानी के सड़क के किनारे निर्मित मंदिर को हटाना चाहता है और इसी नियत से बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर आने लगा उसके बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उन्होंने मंदिर के सामने ही टेंट तंबू लगाकर विरोध शुरू कर दिया।भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के एक स्थानीय पदाधिकारी अजय कुमार ने तो मुनादी करनी शुरू कर दी कि यदि मंदिर को हाथ लगाया गया तो वह वहीं अपने प्राण दे देगा
O पहले मंदिर बने फिर करें स्थानांतरण तब हटेगा मंदिर:ग्रामीण
जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी कर्मचारी ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करते रहे लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि बिना नोटिस दिए मंदिर को तोड़ने क्यों चले आए। ग्रामीणों का कथन है कि मंदिर तोड़ने से पहले कहीं और मंदिर बनाकर वहां मूर्ति स्थापित कर दी जाती उसके बाद यदि मंदिर का अवशेष हटाया जाता तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं थी
लोगों की भावनाओं को आहत न करें सरकार :महंत
मां मड़वा रानी मंदिर को हटाने के प्रयास का छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत और कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने भी विरोध किया है। श्रीमती महंत से मिलने मड़वा रानी क्षेत्र के ग्रामीण पहुंचे थे उन्होंने हस्तक्षेप करने की मांग की। श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कहा है कि क्षेत्र के लोगों, विशेष कर आदिवासियों की भावनाओं का सरकार को सम्मान करना चाहिए.डॉ महंत ने भी कहा है कि आदिवासी मुख्यमंत्री,आदिवासी क्षेत्र के आदिवासियों की देवी का मंदिर तोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर किया जाने वाला विकास इस सरकार को विनाश के रास्ते पर ले जाएगा.
O मूल मंदिर पहाड़ पर,इस मंदिर पर भी है श्रद्धालुओं की गहन आस्था
गौरतलब है कि मां मड़वा रानी का मूल मंदिर पहाड़ के ऊपर है जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचते हैं।जो लोग पहाड़ पर चढ़ने में असमर्थ होते हैं अथवा जिनके पास समय कम होता है, वे चांपा-कोरबा मार्ग पर बने इसी मंदिर में स्थापित मां मड़वारानी के चरणों पर शीश झुका लेते हैं। सड़क किनारे का यह मंदिर भी श्रद्धालुओं की गहन आस्था का केंद्र है।यह मंदिर राष्ट्रीय मार्ग निर्माण में बाधक बन रहा है, इसलिए इसे हटाया जाना अपरिहार्य हो गया है। यही कारण है कि प्रशासन नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अनुरोध पर निर्माण में आ रही बाधा को समाप्त करने के लिए यह प्रयास कर रहा है।अपरान्ह तीन बजे तक अधिकारी ग्रामीणों को समझाइश दे रहे है हालांकि अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।