शेयर बाजार : सेंसेक्स 8 महीने के निचले स्तर पर आया, निवेशकों के ₹4 लाख करोड़ डूबे

OO भारतीय शेयर बाजार का इस साल अब तक बुरा हाल, क्या आगे भी जारी रहेगी गिरावट?

OO कारोबार के अंत में सेंसेक्स 856.65 अंक या 1.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 74,454.41 पर बंद हुआ। इंडेक्स ने 74,907.04 के इंट्रा-डे हाई को छुआ था, लेकिन बंद होने से पहले 74,387.44 का निचला स्तर भी देखा।

निफ्टी इंडेक्स 242.55 अंक या 1.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,553.35 पर बंद हुआ। सत्र के दौरान इंडेक्स 22,668.05 और 22,518.80 के बीच कारोबार करता रहा।

गिरावट का नेतृत्व आईटी शेयरों ने किया, जिसमें विप्रो, एचसीएल टेक, टीसीएस, इंफोसिस और भारती एयरटेल सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों में शामिल रहे। इनका नुकसान 3.7 प्रतिशत तक पहुंच गया।

TTN Desk

भारतीय शेयर बाजार में इस साल भारी गिरावट देखी जा रही है।
2025 में निफ्टी 50 अब तक 13 प्रतिशत और सेंसेक्स 12 प्रतिशत गिर चुका है, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में 20-23 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है।
विदेशी निवेशक बाजार से तेजी से पैसा निकाल रहे हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है।
चीन, हांगकांग और यूरोप के बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार दुनिया के कमजोर बाजारों में शामिल हो गया है।

O निवेशकों को बड़ा नुकसान

निवेशक, खासकर खुदरा निवेशक, भारी नुकसान झेल रहे हैं। उन्होंने मिड और स्मॉलकैप शेयरों में पैसा लगाया था, लेकिन वहां लगातार गिरावट हो रही है।

विदेशी निवेशकों ने 2025 में अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा निकाले हैं, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ गया है। शेयरों की कीमतें तेजी से गिरी हैं, जिससे छोटे निवेशकों की संपत्ति तेजी से घट रही है।

कई लोग अब सोने में निवेश करने पर विचार कर रहे हैं, ताकि भरपाई कर सकें।

O क्या होगी भविष्य की स्थिति

बाजार में गिरावट जारी रहने की संभावना है, क्योंकि अभी कोई स्थिरता नहीं दिख रही है। वैश्विक बाजार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन भारतीय बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है।

खुदरा निवेशकों ने डीमैट अकाउंट और म्यूचुअल फंड के जरिए बाजार में भारी पैसा लगाया था, लेकिन अब वे नुकसान में हैं।

इस उतार-चढ़ाव से निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प तलाश कर रहे हैं। आने वाले समय में बाजार की स्थिति कैसी होगी, यह निवेशकों के फैसलों पर निर्भर करेगा।

O क्या है गिरावट की प्रमुख वजह?

भारतीय शेयर बाजार में इस साल बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है, जिसका मुख्य कारण विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली है। विदेशी निवेशक भारत से पैसा निकालकर दुसरे जगह लगा रहे हैं।

बाजार का पूंजीकरण 4 लाख करोड़ डॉलर के नीचे आ चुका है, जबकि वैश्विक बाजार भारत से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

बढ़ती ब्याज दरें और महंगाई भी निवेशकों को डरा रही हैं। महंगे शेयरों में पहले से अधिक वैल्यूएशन के कारण अब मुनाफा वसूली हो रही है।