TTN Desk
नई दिल्ली।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में एमपॉक्स के संदिग्ध मामले की जानकारी दी गई है.
प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि इसकी जांच की जा रही है. मरीज़ को आइसोलेशन में रखा गया है.
इसमें आगे कहा गया है कि एमपॉक्स प्रभावित देश से यात्रा करके वापस आए एक युवा पुरुष में एमपॉक्स जैसे लक्षण पाए गए हैं. मरीज़ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अभी उसकी हालत स्थिर है.
“एमपॉक्स” की पुष्टि के लिए युवक से लिए गए सैंपल की जांच की जा रही है. निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत इस मामले को संभाला जा रहा है.”
देश में इसके प्रभाव का आकलन करने के लिए और संभावित स्रोत का पता लगाने के लिए कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है.विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस तरह के मामलों से निपटने के लिए देश पूरी तरह से तैयार है.
मंकी पॉक्स के लक्षण क्या हैं?
इस वायरस के शुरुआती लक्षण बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द है. बुखार उतरने पर शरीर पर चकत्ते आ जाते हैं, जो कि अक्सर चेहरे से शुरू होते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल जाते हैं.
इन चकत्तों में अधिक खुजली या दर्द हो सकता है. संक्रमण आम तौर पर अपने आप ठीक हो जाता है और 14 से 21 दिनों के बीच रहता है. गंभीर मामलों में घाव पूरे शरीर और विशेष रूप से मुंह, आंखों और गुप्तांगों पर होते हैं।
मंकी पॉक्स कैसे फैलता है?
मंकी पॉक्स किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से फैलता है. इसमें यौन संबंध और चमड़ी से त्वचा का संपर्क और संक्रमित शख्स से करीब से बात करना शामिल है.
शरीर में यह वायरस टूटी त्वचा के माध्यम से आंख, श्वसन तंत्र, नाक या मुंह में प्रवेश कर सकता है.
साथ ही मंकी पॉक्स उन वस्तुओं को छूने से भी फैल सकता है जिसका कि संक्रमित शख़्स ने इस्तेमाल किया हो, जैसे कि बिस्तर, कपड़े और तौलिया.
वायरस संक्रमित जानवर जैसे कि बंदर, चूहे और गिलहरी के संपर्क में आने से यह भी हो सकता है. साल 2022 में मंकी पॉक्स वायरस यौन संपर्क से अधिक फैला था.
डीआर कांगो में इस बार मंकी पॉक्स वायरस फैलने का कारण ज़्यादातर यौन संपर्क है, लेकिन यह अन्य समुदायों में भी पाया गया है.
किस पर संक्रमण का ख़तरा अधिक?
अधिकांश मामले उन लोगों में पाए जाते हैं जिनकी यौन सक्रियता है या गे हैं. जो लोग एक अधिक पार्टनर रखते हैं या नए पार्टनर रखते हैं, उनके लिए सबसे अधिक जोख़िम होता है.
लेकिन उसको भी संक्रमण हो सकता है जो किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क में हो, जिसमें लक्षण हों. इसलिए यह स्वास्थ्य कर्मियों और परिवार के सदस्यों में भी फैल सकता है.
संक्रमित के करीब न जाए
सलाह ये है कि मंकी पॉक्स से संक्रमित किसी व्यक्ति के क़रीब न जाएं और अगर आस पडोस में वायरस फैला हो तो साबुन से हाथ धोते रहें. इस वायरस से संक्रमति व्यक्ति को अलग थलग कर देना चाहिए जबतक कि गांठें ठीक न हो जाएं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, ठीक होने के 12 हफ़्तों तक भी सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.
इसका इलाज़ क्या है?
मंकी पॉक्स के फैलने को संक्रमण पर रोक लगाकर ही काबू किया जा सकता है. और सबसे अच्छा तो ये है कि वैक्सीन लगवाई जाए. इस बीमारी की वैक्सीन होती हैं लेकिन ये इसकी पहुंच उन्हीं लोगों तक होती है जो या तो ख़तरे में हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के क़रीबी होते हैं.
वेक्सिन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आगे आए दवा निर्माता
डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में दवा निर्माताओं से कहा है कि वे वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आगे आएं, और जिन देशों में ज़रूरत है लेकिन औपचारिक रूप से मंज़ूरी नहीं मिली है, वहां भी इन वैक्सीन को लेकर जाएं.
अफ़्रीका सीडीस ने अब इस बीमारी को महाद्वीप के स्तर पर स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित कर दिया है. यह उम्मीद है कि सरकारें बचाव के लिए बेहतर तालमेल करेंगी और संक्रमण वाले इलाक़े में दवा और सहायता की आपूर्ति को बढ़ाएंगी.