उड़ीसा : IAS अधिकारी धीमान चकमा 10 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार,घर से मिले 45 लाख

उड़ीसा में IAS अधिकारी धीमान चकमा रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्ता

TTN Desk

8 जून 2025 को, उड़ीसा विजिलेंस ने 2021 बैच के IAS अधिकारी धीमान चकमा को कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में सब-कलेक्टर के रूप में कार्यरत रहते हुए 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह रिश्वत 20 लाख रुपये की कुल मांग का पहला हिस्सा थी, जो चकमा ने एक स्थानीय व्यवसायी से मांगी थी, धमकी देते हुए कि अन्यथा उनके व्यवसाय के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विजिलेंस ने शिकायत के आधार पर जाल बिछाया और चकमा को उनके सरकारी आवास पर पकड़ा, जहां उन्होंने 100 नोटों के 26 बंडल (विभिन्न मूल्यवर्गों में) स्वीकार किए। रासायनिक लेपित नोटों की जांच में उनके हाथों और मेज की दराज पर रिश्वत की पुष्टि हुई।

O सरकारी आवास से 47 लाख रुपये की बरामदगी

गिरफ्तारी के बाद, विजिलेंस अधिकारियों ने चकमा के सरकारी आवास पर तलाशी ली, जहां 47 लाख रुपये की अतिरिक्त नकदी बरामद की गई, जिसका कोई हिसाब नहीं दिया जा सका। यह बरामदगी मामले को और गंभीर बनाती है, और विजिलेंस ने इसकी जांच को और विस्तार देने का संकेत दिया है, जिसमें चकमा के अन्य लेनदेन की भी जांच की जा रही है।

O कौन है धीमान चकमा ..?

धीमान चकमा, त्रिपुरा के कंचनपुर के रहने वाले, ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा से कई लोगों को प्रभावित किया था। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक और मां गृहिणी थीं। उन्होंने NIT अगरतला से कंप्यूटर साइंस में B.Tech किया और 2019 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में 722वीं रैंक हासिल कर भारतीय वन सेवा (IFS) में प्रवेश किया। बाद में, 2021 में, उन्होंने दोबारा UPSC परीक्षा पास कर IAS बनने का गौरव प्राप्त किया। वह उड़ीसा के मयूरभंज जिले में IFS अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, इससे पहले कि उन्हें IAS के रूप में धर्मगढ़ में सब-कलेक्टर नियुक्त किया गया।

O उड़ीसा सरकार और विजिलेंस की प्रतिक्रिया

9 जून 2025 को, उड़ीसा के राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने भ्रष्टाचार के प्रति राज्य सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को दोहराया और भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। विजिलेंस निदेशक यशवंत जेठवा ने बताया कि व्यवसायी, जो पत्थर तोड़ने वाली इकाइयों का संचालन करता था, ने शनिवार को शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। जांच अभी जारी है, और चकमा के खिलाफ निलंबन या बर्खास्तगी जैसी कार्रवाई संभव है, जो मुकदमे के परिणाम पर निर्भर करेगी।सब हेडिंग 5: मामले का प्रभाव और जनता की प्रतिक्रिया
यह मामला उड़ीसा में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही कार्रवाइयों में एक और बड़ा उदाहरण है। सोशल मीडिया पर, विशेष रूप से X पर, लोगों ने इस घटना पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने इसे व्यवस्था में भ्रष्टाचार का सबूत बताया, तो कुछ ने इसे एक आदिवासी अधिकारी के साथ अन्याय के रूप में देखा। यह मामला UPSC की नैतिकता की ट्रेनिंग पर भी सवाल उठाता है।