शशि थरूर राष्ट्रीय हित के मुद्दे पर सरकार के साथ, कांग्रेस में बेचैनी; ये है पूरी कहानी
0O ऑपरेशन सिंदूर और भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ निरंतर लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य सहित प्रमुख भागीदार देशों की यात्रा करेंगे।हालांकि कांग्रेस ने इस प्रतिनिधिमंडल में शशि थरूर को लिए जाने पर आपत्ति जताई है।जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने कांग्रेस के बताए नाम नहीं लिए।थरूर पर बिना नाम लिए कहा कि कांग्रेस से होने और कांग्रेस का होने में फर्क है।
OO ये घटना क्रम साफ करता है कि अब थरूर कहने भर को कांग्रेस में है।वहीं माना जा रहा कि केरल में बीजेपी को जिस चेहरे की तलाश थी वो थरूर पूरी करने वाले है और ये अब वक़्त भर की बात है।इसी महीने केरल में पीएम मोदी की एक सभा में भी थरूर थे और मोदी ने इशारे इशारे में कहा था कि थरूर की मौजूदगी से बहुतों के पेट में दर्द होगा।जहां संदेश पहुंचना था पहुंच गया।
TTN Desk
आतंकवाद के खिलाफ नो टॉलरेंस नीति को विश्व के सामने रखने और भारत के पक्ष को स्पष्ट करने के लिए भारत सरकार ने कूटनीतिक चाल चली है, इसमें विपक्ष को भी शामिल किया गया है. 7 प्रतिनिधिमंडल में से तीन का नेतृत्व विपक्ष के नेता करेंगे, जिसमें शशि थरूर के नाम की खूब चर्चा हो रही है. वजह यह है कि सरकार ने पार्टियों से इस प्रतिनिधिमंडल के लिए नाम मांगा था. कांग्रेस पार्टी ने शशि थरूर का नाम अपनी ओर से जारी लिस्ट में नहीं रखा था, लेकिन सरकार ने शशि थरूर को नेतृत्व की जिम्मेदारी दी है, जिसके बाद से कयासों का बाजार गर्म है.
ये प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए भारत के राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेंगे और दुनिया भर में आतंकवाद के प्रति जीरो-टॉलरेंस का संदेश देंगे।
O ये सांसद किए गए शामिल
इन प्रतिनिधिमंडलों में विभिन्न दलों के सांसद, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक शामिल होंगे। सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व निम्नलिखित सांसद करेंगे:
1. श्री शशि थरूर, कांग्रेस
2. श्री रवि शंकर प्रसाद, भाजपा
3. श्री संजय कुमार झा, जदयू
4. श्री बैजयंत पांडा, भाजपा
5. श्रीमती कनीमोझी करुणानिधि, द्रमक
6. श्रीमती सुप्रिया सुले, राकांपा
7. श्री श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शिवसेना
इन प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य दुनिया भर में भारत के दृढ़ रुख और आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति को प्रदर्शित करना है।
O कांग्रेस की थरूर के नाम पर असहमति,सरकार भ्रम फैला रही
कांग्रेस ने शशि थरूर के नाम पर असहमति जताई है। दरअसल, सरकार ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखने के लिए विभिन्न देशों में भेजे जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए कांग्रेस से कुछ नाम मांगे थे। कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम सुझाए थे, लेकिन सरकार ने शशि थरूर को इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया।
O …. जमीन आसमान का फर्क है : जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस में होने और कांग्रेस का होने में जमीन-आसमान का फरक है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मामले में ईमानदारी नहीं दिखाई और ध्यान भटकाने का खेल खेल रही है।
O राष्ट्रीय हित का मुद्दा,पार्टी राजनीति से न जोड़े : थरूर
शशि थरूर ने कहा कि जब राष्ट्र को उनकी सेवाओं की आवश्यकता होती है, तो वह उपलब्ध रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय हित का मुद्दा है और इसे पार्टी राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।
O थरूर से उलट खुर्शीद बोले…जो पार्टी का फैसला वो मेरा फैसला
अब इस पूरे मामले पर कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का शशि थरूर से उलट और बड़ा बयान सामने आया है. खुर्शीद ने एक न्यूज चेनल से बात करते हुए दावा किया है कि सरकार की तरफ से डेलिगेशन में जाने का न्योता मेरे पास भी आया था. मैंने सरकार को बता दिया है कि इस मामले पर मेरी पार्टी जो फैसला करेगी मैं उसके साथ हूं. पार्टी का फैसला ही मेरा फैसला है.