TTN ब्रेकिंग : शराब घोटाले में पूर्व मंत्री लखमा गिरफ्तार,कहा मुझे मोदी शाह के इशारे पर फसाया गया,उद्योगमंत्री देवांगन का पलटवार… जो किया उसकी सजा तो मिलेगी

OO छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2160 करोड़ रुपये के शराब घोटाला केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक लखमा के साथ उनके बेटे हरिश लखमा को भी गिरफ्तार किया गया है।कवासी लखमा ने कहा कि उनके खिलाफ मोदी,शाह और बीजेपी सरकार के इशारे पर झूठा मामला बनाया गया है।उनके यहां जांच में कोई पैसा भी नहीं मिला है।इधर कोरबा में प्रदेश के उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा है कि बीजेपी के नेता चाहे वो हमारे पीएम मोदी,सीएम विष्णुदेव साय हो वो पूरी ईमानदारी से देश प्रदेश के विकास में काम कर रहे और भ्रष्टाचार का कभी कोई मामला नहीं रहा।कांग्रेस का मतलब ही भ्रष्टाचार है ,छत्तीसगढ़ को भी पिछले पांच साल की कांग्रेस सरकार ने लुटा है।अब जो किया उसकी सजा तो मिलेगी ही।

TTN Desk

बीते साल दिसंबर में ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के घर पर रेड मारी थी. जांच एजेंसी ने करीब 7 जगहों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी में ईडी के अधिकारी 50 से ज्यादा और करीब 100 जवान शामिल थे.

O लखमा को हर महीने 50 लाख

पूर्व मंत्री लखमा पर आरोप है कि साल 2020 से 2022 तक जब वो छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री थे, तब उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये दिये जाते थे. ये पैसा वो कमीशन के तौर पर लेते थे.

O साय सरकार ने दी सीबीआई को जांच

पूर्व मंत्री कवासी लखमा अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. दिसंबर महीने की कार्रवाई से पहले भी ईडी ने उनके खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की थी. जहां तक बात शराब घोटाले की है तो बीते साल ही छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने मामले को लेकर बड़ा फैसला लिया था. सरकार ने इस कथित घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.

O एफआईआर में एसीबी ने क्या-क्या कहा है

कथित शराब घोटाले में एसीबी में हुई एफआईआर के बाद ईडी जांच कर रही है. एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है. ईडी की जांच में ये बात सामने आई है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट चलाकर शराब घोटाले को अंजाम दे रहे थे.

O कमीशन का बड़ा हिस्सा लखमा के पास जाता था

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री लखमा को इसकी जानकारी थी. एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि कमीशन का बड़ा हिस्सा लखमा के पास भी जाता था. 2 हजार 161 करोड़ के शराब घोटाले में एसीबी ने 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.