TTN ब्रेकिंग : भूकंप से फिर कांपा तुर्की, रिएक्टर स्केल पर तीव्रता 6.2 ,पुरानी बिल्डिंग में दरारें,रेस्क्यू टीम एलर्ट प

OO तुर्की में बुधवार को धरती कांप उठी. दोपहर 3:19 बजे आए इस तेज भूकंप से तुर्की ही नहीं, बल्कि बुल्गारिया, ग्रीस और रोमानिया जैसे पड़ोसी देशों में भी लोग दहशत में आ गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मापी गई, जिसका केंद्र इस्तांबुल से लगभग 73 किलोमीटर दूर था. कुछ ही सेकंड में तेज झटकों ने लोगों को घरों और दफ्तरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया.

TTN Desk

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इमारतें हिलने लगीं और लोग चीखते-चिल्लाते सड़कों पर निकल आए. इस्तांबुल, अंकारा और इजमिर जैसे प्रमुख शहरों में भूकंप का असर महसूस किया गया. फिलहाल किसी बड़ी जनहानि या संपत्ति नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि कुछ पुरानी इमारतों में दरारें देखी गई हैं.
तुर्की के भूकंप विज्ञान केंद्र ने पुष्टि की है कि यह भूकंप भूमध्य सागर क्षेत्र में प्लेटों की हलचल के कारण आया. खास बात यह है कि भूकंप की गहराई उम्मीद के मुताबिक कम थी, जिससे इसका असर ज्यादा व्यापक क्षेत्र में महसूस किया गया. ग्रीस और बुल्गारिया के कुछ शहरों में भी हल्के झटके महसूस किए गए, जबकि रोमानिया के कुछ हिस्सों में लोगों ने फर्नीचर हिलते हुए देखा.

O क्या कहा गृहमंत्री ने

देश के गृह मंत्री अली येरलिकाया ने अपने सोशल मीडिया खाते पर एक पोस्ट में कहा, सिलिव्री, मरमारा सागर, इस्तांबुल में 6.2 तीव्रता का भूकंप आया। आपदा एवं आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी (एएफएडी) और हमारे संस्थानों की सभी टीमों ने भूकंप के जमीनी प्रभाव का जायजा लेना शुरू कर दिया है।

O एलर्ट पर सभी रेस्क्यू टीम

आपदा प्रबंधन एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है और राहत एवं बचाव टीमों को संभावित प्रभावित इलाकों में भेजा गया है. साथ ही, इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. वहीं, लोगों को सचेत किया गया है कि आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) की संभावना बनी हुई है.

O इस साल आया था सबसे भयानक भूकंप

तुर्की वैसे भी भूकंपीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में आता है और इससे पहले भी यहां कई बार घातक भूकंप आ चुके हैं. साल 2023 में आए विनाशकारी भूकंप में हजारों लोगों की जान चली गई थी. ऐसे में ताजा झटकों ने पुराने जख्म ताजा कर दिए हैं. सरकार और आपदा एजेंसियां हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी बात कही गई है.