TTN Desk
गौतम अदानी पर अमेरिका में धोखाधड़ी का अभियोग लगाया गया है.
उन पर अमेरिका में अपनी एक कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने और इस मामले को छिपाने का आरोप लगाया गया है.
बुधवार को न्यूयॉर्क में दायर किया गया आपराधिक मामला, भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक, 62 साल के गौतम अदानी के लिए एक बड़ा झटका है.इस खबर ने भारतीय शेयर बाजार पर भी असर डाला है। भारतीय शेयर बाजार बुधवार को जहां तेजी पर बंद हुआ था वह गुरुवार बाजार खुलते ही गिरने लगा।सुबह पौने दस बजे निफ्टी 200 और सेंसेक्स 600 प्वाइंट से अधिक की गिरावट पर था।वही अडानी समूह की विभिन्न कंपनियों के शेयर 10 से 20 फीसदी तक टूट गए है।
अदानी का व्यापारिक साम्राज्य बंदरगाहों और हवाई अड्डों से लेकर ऊर्जा सेक्टर तक फैला हुआ है।
न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में हुई सुनवाई में गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर (करीब 2110 करोड़ रुपए) की रिश्वत देने का वादा किया था।
O अदानी के अलावा 7 आरोपी
अडाणी के अलावा शामिल 7 अन्य लोग सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल हैं। अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला।
O सागर गौतम अदानी का भतीजा
सागर और विनीत अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं। सागर, गौतम अडाणी के भतीजे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
O अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।
O बुधवार को ही अडाणी ने 20 ईयर ग्रीन बॉन्ड की बिक्री से 600 मिलियन डॉलर जुटाने की घोषणा की थी। इसके कुछ घंटों बाद उन पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।
O अडाणी ग्रीन एनर्जी गुजरात के खावड़ा में एक ही जगह पर 30 हजार मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट लगा रही है।
0 अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस की ओर से अडाणी पर लगाए गए आरोप…
2020 से 2024 के बीच अडाणी समेत सभी आरोपी भारत सरकार के सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने को तैयार हुए। इस प्रोजेक्ट से 20 साल में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान था।
अडाणी ने स्कीम आगे बढ़ाने के लिए एक भारतीय सरकारी अधिकारी से मुलाकात की। सागर और विनीत ने स्कीम पर काम करने के लिए कई मीटिंग रखीं।
कोर्ट में कहा गया कि साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल ने ब्राइबरी (रिश्वत) स्कीम में ग्रैंड ज्यूरी, FBI और US सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की जांच रोकने की साजिश रची। इन चारों ने स्कीम से जुड़े ईमेल, मैसेज और एनालिसिस भी मिटाए।
अडाणी ग्रीन एनर्जी ने कॉन्ट्रैक्ट के तहत फंड देने के लिए अमेरिकी इन्वेस्टर्स और अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से कुल 3 बिलियन डॉलर रकम जुटाई।