TTN खास… महाकुंभ : 90 के दशक की हॉट एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी बनेंगी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, संगम में करेंगी पिंडदान

OO 90 के दशक की

मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी खुद को साध्वी कहते-कहते अब महामंडलेश्वर बनने जा रही हैं। उन्हें आज शाम किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाया जाएगा। इसके साथ ही उनका नाम भी बदल जाएगा। महामंडलेश्वर बनने के साथ ही ममता कुलकर्णी ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएंगी। शुक्रवार की दोपहर ममता ने संन्यास की दीक्षा ली और संगम तट पर पिंडदान किया।

TTN Desk

महाकुंभ मेले में शुक्रवार की शाम ममता कुलकर्णी पहुंचीं। इस दौरान ममता कुलकर्णी भी भगवा वस्त्र में दिखाई दीं। फिलहाल स्वामी महेशाद्रानंद गिरि के यहां ठहरी हैं। इस दौरान उन्होंने किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की। उनके साथ जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बानंद गिरि भी मौजूद रहीं। ममता कुलकर्णी ने आचार्य महामुडलेश्वर से महाकुम्भ के बार में बात की। उन्होंने महाकुंभ मेला की तारीफ की। कहा कि व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं। उन्होंने अखाड़ों में जाकर संतों का आशीष भी लिया। अभिनेत्री ने गंगा स्नान किया।

O 90 के दशक की हॉट एक्ट्रेस रही

ममता कुलकर्णी की गिनती 90 के दशक की सबसे हॉट अभिनेत्रियों में होती है। करीब 12 साल तक गुमनाम जिंदगी के बाद जब वह दोबारा दिखीं थी तो पता चला कि साध्वी बन गई हैं और धार्मिक जीवन जी रही हैं। बताया तो यह भी गया था कि उन्होंने मेकअप भी करना छोड़ दिया था। तब उन्होंने बताया भी था कि वह अब अपने आप को आध्यात्म की दुनिया में स्थापित करना चाहती हैं। वह अब संन्यासियों सरीखी भाषा भी बोलती हैं। उनके मुताबिक उनका जन्म भगवान के लिए हुआ है।

O टॉपलेस फोटोशूट से चर्चा में आई थीं

ममता… शाहरुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अनिल कपूर जैसे बड़े स्टार्स से साथ स्क्रीन शेयर करने वाली ममता, उस वक्त विवादों में आईं जब उन्होंने साल 1993 में स्टारडस्ट मैगजीन के लिए टॉपलेस फोटोशूट कराया था।

O अंडरवर्ल्ड का प्रेशर आया फिल्म में रखने के लिए

वहीं, डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने ममता को फिल्म ‘चाइना गेट’ में बतौर लीड एक्ट्रेस लिया था। शुरुआती अनबन के बाद संतोषी, ममता को फिल्म से बाहर निकालना चाहते थे। खबरों के मुताबिक, अंडरवर्ल्ड से प्रेशर बढ़ने के बाद, उन्हें फिल्म में रखा गया। हालांकि फिल्म फ्लॉप साबित हुई और बाद में ममता ने संतोषी पर सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप भी लगाया।

O महामंडलेश्वर बनने की यह है प्रक्रिया

पहले अखाड़े को आवेदन करना होता है। संन्यास की दीक्षा देकर संत बनाते हैं। नदी किनारे मुंडन फिर स्नान कराते हैं। परिवार और खुद का तर्पण कराते हैं। पत्नी, बच्चों समेत परिवार का पिंड दान कर संन्यास परंपरा अनुसार विजय हवन संस्कार होता है।
दीक्षा दी जाती है। गुरु बनाकर चोटी काटते हैं। अखाड़े में दूध, घी, शहद, दही, शक्कर से बने पंचामृत से पट्‌टाभिषेक होता है। अखाड़े की ओर से चादर भेंट की जाती है।
जिस अखाड़े का महामंडलेश्वर बना है, उसमें प्रवेश होता है। साधु-संत, आम लोग और अखाड़े के पदाधिकारियों को भोजन करवाकर दक्षिणा दी जाती है।
घर से संबंध खत्म करने होते हैं। संन्यास काल के दौरान जमा धन जनहित के लिए देना होगा। खुद का आश्रम, संस्कृत विद्यालय, ब्राह्मणों को नि:शुल्क वेद की शिक्षा देना होती है।

O जिस अखाड़े से ममता महामंडलेश्वर बनेंगी, उसके बारे में जानिए

साल 2015 में एक्टिविस्ट और किन्नरों की लीडर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किन्नर अखाड़े की स्थापना की। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अपने साथियों के साथ किन्नर समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए इसे शुरू किया। किन्नर अखाड़ा बनाए जाने के पीछे वो तर्क देती हैं कि किन्नरों को समाज में सम्मान दिलाने के लिए उन्होंने इस अखाड़े की शुरुआत की है।