*मनोज शर्मा*
OO दिग्गज उद्योगपति अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड अपने कारोबार को पांच अलग-अलग इकाइयों में विभाजित करने की योजना पर आगे बढ़ रही है। D
इस कदम का उद्देश्य कंपनी की संरचना को सुव्यवस्थित करना और इसके कर्ज प्रबंधन में सुधार करना है। प्रस्तावित पुनर्गठन को अंतिम रूप देने के लिए इक्विटी शेयरधारकों और लेनदारों (सुरक्षित और असुरक्षित दोनों) की एक बैठक आगामी 18 फरवरी को निर्धारित है।एक जानकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कोरबा में संचालित भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड “बालकों” और झारसुगुडा उड़ीसा की वेदांता एल्यूमिनियम डिमर्जर के बाद वेदांता एल्यूमिनियम मेटल लिमिटेड का हिस्सा होंगी।
TTN Desk
वेदांता लिमिटेड ने डिमर्ज होने वाली सभी पांच कंपनियों के नामों की घोषणा की है। कंपनी ने कहा है कि डिमर्जर के बाद 5 कारोबार – एल्युमीनियम, तेल और गैस, बिजली, स्टील और लौह सामग्री, और बेस मेटल्स एक्सचेंजों पर अलग-अलग सूचीबद्ध होंगे।
हालांकि, नवंबर 2024 में पारित नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के आदेश के बाद, वेदांता के निदेशक मंडल ने अपनी सहायक कंपनियों के बोर्ड के साथ मिलकर बेस मेटल्स कारोबार के विभाजन के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया। इसके बजाय, दिसंबर 2024 में योजना के संशोधित संस्करण को मंजूरी दी गई, जिसमें बेस मेटल्स सेगमेंट को अलग करने की बात शामिल नहीं थी।
नतीजतन,वेदांता लिमिटेड अब 4 अलग-अलग कंपनियों में विभाजित हो जाएगा।जिनके नाम इस प्रकार है…
1 वेदांता एल्युमिनियम मेटल लिमिटेड
2 तलवंडी साबो पावर लिमिटेड
3 माल्को एनर्जी लिमिटेड
4 वेदांता आयरन एंड स्टील लिमिटेड
5 वेदांता लिमिटेड स्वयं 5वीं अलग होने वाली कंपनी होगी।
O हिंदुस्तान जिंक को अपने पास ही रखेगी वेदांता
फर्म ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई सूचना में कहा था, “विघटन की योजना एक सरल ऊर्ध्वाधर विभाजन के रूप में बनाई गई है, वेदांता लिमिटेड के प्रत्येक 1 शेयर के लिए, शेयरधारकों को 5 नई सूचीबद्ध कंपनियों में से प्रत्येक का 1 शेयर अतिरिक्त रूप से प्राप्त होगा।”
वेदांता हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में 65% हिस्सेदारी के साथ-साथ स्टेनलेस स्टील और सेमीकंडक्टर/डिस्प्ले के नए कारोबार को भी अपने पास बनाए रखेगा।कंपनी ने कहा कि वेदांता का सम्पूर्ण विभाजन 12-15 महीनों में पूरा करने का प्रस्ताव है।