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सचिन तेंदुलकर की वजह से एमएस धोनी को नहीं खरीद पाई थी मुंबई इंडियंस, सीएके ने मारी थी बाजी

नई दिल्ली, जेएनएन (एजेंसी) । एमएस धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के साथ आइपीएल के पहले सीजन यानी साल 2008 से ही जुड़े हुए हैं। वो तब से टीम की कप्तानी कर रहे हैं और अपनी कप्तानी में उन्होंने इस टीम को आइपीएल की सबसे सफल टीमों में शामिल करवाया है। रांची का ये क्रिकेटर आइपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते नजर आ सकते थे अगर पहली नीलामी के वक्त कुछ निश्चित नियम नहीं होते तो। आइपीएल के पहले सीजन की नीलामी में मार्की प्लेयर अपने-अपने होम फ्रेंचाइजी के साथ जुड़े थे। सौरव गांगुली केकेआर के साथ, सचिन तेंदुलकर मुंबई के साथ, वीरेंद्र सहवाग दिल्ली के साथ तो वहीं धौनी को कोई होम साइड नहीें था, लेकिन उन्हें खरीदने में सभी फ्रेंचाइजी की दिलचस्पी थी।
मुंबई इंडियंस भी एम एस को अपनी टीम में शामिल करना चाहते थे जिन्होंने हाल ही में टी20 वर्ल्ड कप खिताब अपनी कप्तानी में भारत के लिए जीता था, लेकिन उन्होंने पहले सचिन को 1.65 मिलियन मे खरीदा था और इसकी वजह से ही वो धौनी को खरीद पाने में कामयाब नहीं हो पाए। एन श्रीनिवासन ने कहा कि ये अंकगणित की बात है कि पंजाब युवराज को, दिल्ली सहवाग को, मुंबई सचिन के बिना खुद की कल्पना भी नहीं कर सकता था और सचिन किसी और के लिए कैसे खेल सकते थे। श्रीनिवास ने आगे बताया कि युवी, सहवाग, सचिन, गांगुली जैसे खिलाडयि़ों के लिए उनकी राज्य फ्रेंचाइजियों ने नीलामी में सबसे ज्यादा भुगतान वाले खिलाडयि़ों की तुलना में भी 10 फीसदी ज्यादा दिए। वहीं मैं इस बात को लेकर पूरी तरह से साफ था कि मुझे धोनी को टीम में लाना है। फ्रेंचाइजी को नीलामी में 5 मिलियन डॉलर ही खर्च करने की अनुमति थी। मुंबई ने पहले ही तेंदुलकर को 1.65 मिलियन अमरीकी डालर में खरीद लिया था, इसलिए वे धोनी के लिए1.5 मिलियन अमरीकी डालर खर्च नहीं कर सके। दूसरी ओर, सीएसके के पास एक भी मार्की खिलाड़ी नहीं था जिसके लिए उन्हें 1.65 मिलियन का भुगतान करना था। इसने उनके पक्ष में काम किया क्योंकि उन्हें इसके बदले 1.5 मिलियन अमरीकी डालर में धोनी मिले। श्रीनिवासन ने बताया कि मुंबई ने पहले ही सचिन को 1.65 मिलियन में खरीद लिया था और अगर वो धोनी को भी 1.5 मिलियन में खरीदते तो वो अपनी कुल राशि का 60 फीसदी इन दोनों पर ही खर्च कर देते। यही सोचकर मुंबई की टीम रुक गई और हमें धोनी मिल गए।

सुशांत केस में सीबीआई हरकत में, रसोइए से खंगाली जा रही आत्महत्या के पहले की कहानी

मुंबई (एजेंसी)। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने सुशांत सिंह के रसोइये नीरज से पूछताछ की है। नीरज ने बताया था कि अभिनेता के आत्महत्या वाले दिन उन्होंने उन्हें जूस दिया था। नीरज से बिहार और मुंबई पुलिस पूछताछ कर चुकी है। उन्होंने ही अभिनेता द्वारा दरवाजा न खोलने की बात कही थी।
नीरज सिंह ने एक चैनल से बातचीत में 14 जून से पहले की कहानी बताई है। उन्होंने बताया कि आत्महत्या वाले दिन सुशांत ने उनसे पानी मांगा था और फिर वो ऊपर कमरे में चले गए थे। वहीं रिया चक्रवर्ती 12 जून को सुशांत का घर छोड़कर चली गई थीं। एक चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि सर क्यों चले गए इसका तो हमें भी नहीं पता है। 12 लोगों का स्टाफ था जिसमें से कुछ लोगों को सर ने निकाला था। लॉकडाउन में एक बार रिया ने मुझे भी जाने को कहा था। रिया और सुशांत के रिश्ते को लेकर नीरज ने कहा कि सबकुछ ठीक था। सर उनके साथ बहुत खुश थे। पिछले साल दिसंबर में यूरोप ट्रिप का प्लान बनाया था। छिछोरे का प्रमोशन करने के बाद वो वहां गए थे। वहां से आने के बाद उनकी तबीयत डाउन हो गई थी। सर बहुत दुबले-पतले हो गए थे। नीरज ने बताया कि रिया मैम के साथ उनके भाई शोविक भी आते-जाते रहते थे। हमने कुछ लड़ाई झगड़ा नहीं देखा लेकिन आठ तारीख के आस-पास मैम ने कहा कि मेरे रेग्युलर कपड़े सूटकेस में पैक कर दो। बाकी के कपड़े मैं बाद में ले जाउंगी। 12 तारीख को मैम चली गई थीं। उन्होंने कहा था सर का ध्यान रखना। 14 जून को सर छह बजे उठे थे। उन्होंने थोड़ा वॉक किया। वो आठ बजे के आस-पास आए तब मैं सफाई कर रहा था। सर तब ठीक-ठाक लग रहे थे। रसोइये ने बताया कि सर ने मुझे बोला नीरज मुझे ठंडा पानी लाकर दो। मैं फटाफट भागकर गया ठंडा पानी लेकर आया। फिर कहा कि सब ठीक है न मामला नीचे, मैंने कहा हां सर सब ठीक है। फिर वो रूम में चले गए। इसके बाद मैंने रुम का दरवाजा आराम से खटखटाया लेकिन कोई रिप्लाई नहीं आया। आधे घंटे बाद फिर गए। शेफ गया उसने दो बार सर को कॉल किया। बेल बज रही थी लेकिन रिप्लाई नहीं आया। फिर उनकी बहन को कॉल किया तो उन्होंने कहा कि मैं पहुंच रही हूं। इधर सुशांत के दोस्तों का कहना है कि जबसे रिया सुशांत सिंह राजपूत की जिंदगी में आई थी, उसने सुशांत को बाकी दुनिया से काटकर अलग कर दिया था। सुशांत न तो अपने दोस्तों से और न ही अपने घर वालों से बात कर पाते थे।

Breaking news कोरबा : Corona से कोरबा जिले में दूसरी मौत

कोरबा। आज कोरबा जिले के व्यक्ति की कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण बिलासपुर के सिम्स अस्पताल में मृत्यु हो गई। यह जिले में इस बीमारी से होने वाली दूसरी मौत है। कल ही दर्री, भिलाई बाजार निवासी एक व्यक्ति की मृत्यु रायपुर के कोविड अस्पताल में हुई थी।

मृतक की पत्नी secl के एनसीएच, गेवरा अस्पताल में नर्स है। तबीयत बिगड़ने पर व्यक्ति को पहले अपोलो हाॅस्पिटल बिलासपुर में भर्ती कराया गया था। वहां से सिम्स बिलासपुर और फिर मेन हॉस्पिटल कोरबा में स्थानांतरित किया गया था। कोरबा हॉस्पिटल में आने के बाद जब पहली बार उनका कोरोना टेस्ट किया गया तो रिपोर्ट पॉज़िटिव पाई गई।

अपोलो और सिम्स बिलासपुर में मृतक का कोरोना टेस्ट क्यों नहीं किया गया यह एक बड़ा सवाल है। जिसके बाद उन्हें एक बार फिर बिलासपुर सिम्स में स्थानांतरित किया गया। जहा आज सुबह उनकी मृत्यु हो गई। व्यक्ति की उम्र 57 वर्ष थी।

 

कोरोना अपडेट कोरबा : जिले में कोरोना से हुई पहली मौत :

कोरबा । कमांड सेंटर के मुताबिक मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायपुर में भिलाई बाजार कोरबा जिला का एक 60 वर्षीय मरीज भर्ती था। जिसकी बीती रात्रि मौत हो गई। वह निमोनिया सुगर व सांस की बीमारी से भी पीड़ित था। उनका corona टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

कोरबा में आज मिले 22 मरीजों में स्वास्थ्य विभाग, जिला पंचायत, नगर निगम कर्मी के अलावा एसईसीएल कॉलोनी कोरबा,करतला,कटघोरा के मरीज भी शामिल है।

CORONA-अपडेट : छत्तीसगढ़ में अब तक का रिकॉर्ड टूटा

रायपुर :
छत्तीसगढ़ में आज मिले 916 कोरोना मरीज
प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 6594
छत्तीसगढ़ में अब तक 18501 संक्रमित
छत्तीसगढ़ में आज 554 मरीज डिस्चार्ज
छत्तीसगढ़ में अब तक 11739 मरीज स्वस्थ
छत्तीसगढ़ में आज 4 कोरोना संक्रमित की मौत
प्रदेश में अब तक 168 लोगों की मौत

जिलेवार मरीजों की संख्या
रायपुर- 330
दुर्ग- 183
दंतेवाड़ा- 38
सुकमा- 37
सरगुजा- 34
रायगढ़- 32
जांजगीर- 30
कोरिया- 27
नारायणपुर- 20
कांकेर- 20
कोरबा- 22
जशपुर- 19
सूरजपुर- 17
राजनांदगांव- 16
बिलासपुर- 15
कोण्डागांव- 14
बलौदाबाजार- 9
गरियाबंद- 8
मुंगेली- 8
बीजापुर- 8
धमतरी- 6
महासमुंद- 6
बस्तर- 6
कवर्धा- 5
बेमेतरा- 4
बलरामपुर- 4
बालोद- 1

कोरबा ब्रेकिंग : फिर बदला गया दुकानों के खुलने और बंद होने का समय, देखें नया टाइम इस लिंक पर

कोरबा। आज जिला दंडाधिकारी ने फिर से एक बार आदेश जारी करते हुए शहर में दुकानों के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव किया है। अब दुकानें सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक ही खुली रह सकेंगी।

 

छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग : corona अपडेट, राज्य में आज मिले कुल 652 नए मरीज, जिलेवार मरीजों की संख्या जानने के लिए क्लिक करे यह लिंक :

छत्तीसगढ़ में आज कुल 652 कोरोना मरीज मिले। जिसके बाद प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 6139 हो गई। राज्य में अब तक  कुल 17485 संक्रमित मिले हैं। जिनमे से 11185 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। आज इस महामारी से 3 लोगो की जान गई। प्रदेश में अब तक 161 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है।
आज जिलेवार मरीजों की संख्या :

रायपुर- 291
दुर्ग- 77
बिलासपुर- 49
रायगढ़- 41
सुकमा- 27
बलौदाबाजार- 25
कोरिया- 24
राजनांदगांव- 18
गरियाबंद- 18
नारायणपुर- 12
कोण्डागांव- 9
बीजापुर- 9
बस्तर- 7
दंतेवाड़ा- 7
कांकेर- 7
सूरजपुर- 5
जशपुर- 5
महासमुंद- 4
जांजगीर- 4
मुंगेली- 4
बालोद- 2
धमतरी- 2
सरगुजा- 2
बलरामपुर- 2
कवर्धा- 1

छत्तीसगढ़ कोरोना ब्रेकिंग : सारी अटकलों के उलट राज्य सरकार का फैसला, राज्य में नहीं लगेगा लॉक डॉउन

रायपुर। प्रदेश में बढ़ते corona मामलों के बीच राजधानी में हुईं उच्चस्तरीय बैठक में फैसला लिया गया के अब राज्य में लॉक डॉउन नहीं लगेगा। रायगढ़ कलेक्टर द्वारा लिए गए फैसले के बाद अटकलों का बाजार गर्म था के जल्द ही राज्य में फिर 10 या 15 दिन का लॉक डॉउन लगाया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि बढ़ते केसेस चिंता का विषय है और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के काम किए जा रहे हैं। इसके लिए नई गाइडलाइंस जारी की जाएगी और नए उपायों को भी अपनाने का विचार किया जा रहा है।

कोरोना इफेक्ट् : अप्रैल से अब तक 1.89 करोड़ लोगों ने गंवाई नौकरी, 50 लाख लोग जुलाई में हुए बेरोजगार

नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना वायरस महामारी की वजह से सभी क्षेत्रों में नुकसान हुआ है। नौकरीपेशा लोगों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा है। एक ओर जहां करोड़ों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, वहीं दूसरी ओर जो लोग नौकरी कर रहे हैं, उनके वेतन में कटौती की जा रही है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से अब तक 1.89 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने यानी जुलाई में कराब 50 लाख लोगों ने अपनी नौकरी गंवाई है। आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में बेरोजगारी का यह आंकड़ा 1.77 करो? और मई में करीब एक लाख है। वहीं जून में करीब 39 लाख लोगों को नौकरी मिली।
इस संदर्भ में सीएमआईई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) महेश व्यास ने कहा कि, ‘वेतनभोगियों की नौकरियां जल्दी नहीं जाती, लेकिन जब जाती है, तो दोबारा पाना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए ये हमारे लिए चिंता का विषय है। वेतनभोगी नौकरियां 2019-20 के औसत से लगभग 1.90 करोड़ कम हैं। एक अनुमानों के अनुसार, भारत में कुल रोजगार में वेतनभोगी रोजगार का हिस्सा सिर्फ 21 फीसदी है। अप्रैल में जितने लोग बेरोजगार हुए, उनमें इनकी संख्या केवल 15 फीसदी थी। इतना ही नहीं, कोरोना काल में कई क्षेत्रों की कंपनियों ने कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की। वहीं कई कर्मचारियों को बिना भुगतान के छुट्टी पर भेज दिया गया। ऐसे में उद्योग सरकार को समर्थन देने का अनुरोध कर रहे हैं।

राहुल के बाद अब प्रियंका बोलीं, गांधी परिवार से बाहर का सदस्य हो कांग्रेस प्रमुख

नई दिल्ली (एजेंसी)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के नेतृत्व में बड़े फेरबदल के संकेत दिए हैं। ये संकेत इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने गांधी परिवार से बाहर के सदस्य को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की बात कही है। प्रियंका ने कहा कि एक गैर-गांधी को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए, जैसा कि राहुल गांधी द्वारा पद से इस्तीफा देने के बाद कहा गया था। दरअसल, राहुल गांधी ने इस्तीफा देते हुए कहा था कि किसी गैर गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाए। कांग्रेस महासचिव ने कहा, उन्होंने (राहुल गांधी) कहा है कि हममें से कोई भी पार्टी का अध्यक्ष नहीं होना चाहिए और मैं उनकी इस बात से पूरी तरह सहमत हूं। उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि पार्टी को अपना रास्ता भी तलाशना चाहिए। भाजपा के खिलाफ धारणा की लड़ाई हारने वाली पार्टी के बारे में जब प्रियंका से पूछा गया तो उन्होंने कहा, कांग्रेस नए मीडिया को समझने में धीमी थी और जब तक उसने इसे समझने की कोशिश की, तब तक नुकसान हो चुका था।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह भी कहा कि वह एक गैर-गांधी को बॉस के रूप में स्वीकार करेंगी। उन्होंने कहा, अगर वह (पार्टी अध्यक्ष) कल मुझसे कहते हैं कि वह मुझे उत्तर प्रदेश में नहीं चाहते हैं, वह मुझे अंडमान और निकोबार में चाहते हैं तो मैं खुशी-खुशी अंडमान और निकोबार जाऊंगी। दरअसल, प्रियंका का यह बयान मंगलवार को द प्रिंट द्वारा प्रस्तुत भारत के अगली पीढ़ी के नेताओं पर एक पुस्तक में प्रकाशित साक्षात्कार का हिस्सा है। प्रियंका के हवाले से कहा गया है कि जब भाजपा ने उनके पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो उन्होंने अपने बेटे और बेटी को सब कुछ स्पष्ट रूप से बताया। उन्होंने कहा, जब मेरे पति के बारे में आरोप लगाए गए, तो मैं अपने 13 वर्षीय बेटे के पास गई और उसे हर एक लेन-देन भुगतान के बारे में बताया। मैंने अपनी बेटी को भी इस बारे में बताया। मैं अपने बच्चों से चीजें नहीं छिपाती हूं। मैं उनके साथ बहुत खुलकर बात करती हूं।

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