रायपुर ।कीर्तिशेष देवीप्रसाद चौबे की स्मृति में स्थापित एवं लोकजागरण के लिए प्रदत्त वसुंधरा सम्मान इस वर्ष सुपरिचित पत्रकार-लेखक डा.विश्वेश ठाकरे को प्रदान किया जाएगा ।सुविख्यात पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध की अध्यक्षता में गठित निर्णायक समिति के सदस्यों सर्वश्री ,ई.वी.मुरली, देवेंद्र गोस्वामी, राजेंद्र सोनबोईर आलोक तिवारी, डा.रक्षा सिंह, श्वेता उपाध्याय, परविंदर सिंह ,राघवेंद्र प्रताप सिंह, वसुंधरा सम्मान के संयोजक विनोद मिश्र, आयोजन समिति के अध्यक्ष डा.अरुण कुमार श्रीवास्तव, स्वागत समिति के अध्यक्ष नरेंद्र बंछोर ,सचिव मुमताज़ ने इस निर्णय की जानकारी दी है।वसुंधरा सम्मान का यह निरंतर 24 वां आयोजन है।सम्मान समारोह स्व. देवी प्रसाद चौबे की 48 वीं पुण्य तिथि के अवसर पर बुधवार 14 अगस्त 2024 को दोपहर 3.30 बजे महात्मा गांधी कला मंदिर ,सिविक सेंटर भिलाई में आयोजित किया जाएगा ।
निर्णायक समिति ने अपने वक्तव्य में कहा है कि डा.विश्वेश ठाकरे छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित पत्रकार हैं जिनका राज्य की पत्रकारिता में महत्वपूर्ण योगदान है।वे विगत तीस वर्षों से पत्रकारिता एवं लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं ।विश्वेश ठाकरे की प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर में हुई है।उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय से बैचलर एवं मास्टर डिग्री हासिल किया तथा जनसंचार में पीएचडी किया है।1996 से 2008 तक रायपुर से प्रकाशित अनेक प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में रिपोर्टर तथा चीफ रिपोर्टर के रुप में कार्य कर चुके हैं। 2008 से लेकर 2018 तक रायपुर के अनेक टीवी चैनलों में विशेष संवाददाता के रुप में जनहित की अनेक खोजपरक खबरों का लेखन- संपादन किया है।2018 से 2021 तक रायपुर के एक प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक के रिजनल स्टेट एडिटर के रुप में वे रचनात्मक पत्रकारिता के प्रति समर्पित रहे हैं।वर्तमान में रायपुर में एक दैनिक समाचार पत्र के संपादक के रूप में पत्रकारिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं।डा. विश्वेश ठाकरे का एक कविता संग्रह – पंखों पर लिखी आयतें भी प्रकाशित हो चुका है।उन्हें पूर्व में छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग अलंकरण, मीडिया विमर्श सम्मान जैसे प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं।डा. विश्वेश ठाकरे छत्तीसगढ़ राज्य में पत्रकारिता और साहित्य की मिली जुली परम्परा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से यह समारोह लोकजागरण की संस्था’ ” वसुंधरा “,श्री चतुर्भुज मेमोरियल फाउंडेशन ,भिलाई इस्पात संयंत्र आफिसर्स एसोशिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।
उक्ताशय की जानकारी देते हुए आयोजन समिति की सचिव मुमताज ने बताया कि
विगत वर्षों में स्व. रमेश नैयर,स्व.श्याम लाल चतुर्वेदी, स्व.कुमार साहू, स्व.बसंत कुमार तिवारी, स्व.विनोद शंकर शुक्ल, स्व. शरद कोठरी, स्व.बबन प्रसाद मिश्र, डा.हिमांशु द्विवेदी, दिवाकर मुक्तिबोध, आशा शुक्ला, गिरिजाशंकर, ज्ञान अवस्थी, श्याम वेताल, अभय किशोर,डा.सुशील त्रिवेदी, गिरीश पंकज, बी.के.एस.रे,प्रकाश दुबे, स्व.तुषार कांति बोस,ई.वी.मुरली, सतीश जायसवाल ,लीलाधर मंडलोई एवं सुधीर सक्सेना को वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
वसुंधरा सम्मान से सम्मानित होंगे डा.विश्वेश ठाकरे ,14 अगस्त को आयोजित होगा समारोह
भारतीय सेना में पहली बार कोई महिला पहुंची इस पद पर,आइए जानते है कौन है साधना सक्सेना नायर
लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर चिकित्सा सेवा (सेना) के महानिदेशक का पदभार 1 अगस्त से संभालेंगी। इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त होने वाली वह पहली महिला होंगी। इससे पहले उन्होंने एयर मार्शल के पद पर पदोन्नति के बाद अस्पताल सेवा (सशस्त्र बल) के महानिदेशक का पद संभालने वाली पहली महिला भी थीं।
पिछले साल जब साधना सक्सेना नायर ने अस्पताल सेवा (सशस्त्र बल) के महानिदेशक का पद संभाला था, तब वायुसेना के अधिकारियों ने कहा था, “भारतीय वायुसेना की अधिकारी एयर मार्शल साधना सक्सेना नायर प्रभावी रूप से केवल दूसरी महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने पूरे सेवाकाल में वायुसेना में अलग-अलग पदों पर सेवाएं देने के बाद एयर मार्शल के पद तक पहुंची। पदभार ग्रहण करते समय वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी भी मौजूद रहे।”
1985 में आर्मी मेडिकल कोर में नियुक्ति
लेफ्टिनेंट जनरल साधना नायर ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट, प्रयागराज से प्रारंभ की और लोरेटो कॉन्वेंट, लखनऊ से पूरी की। इस बीच, वह तेजपुर, गोरखपुर, कानपुर और चंडीगढ़ के स्कूलों में गईं। उन्होंने एक प्रतिष्ठित अकादमिक रिकॉर्ड के साथ पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की और दिसंबर 1985 में आर्मी मेडिकल कोर में नियुक्त हुईं। साधना नायर के पास फैमिली मेडिसिन में स्नातकोत्तर की डिग्री है। उन्होंने एम्स, नई दिल्ली में मेडिकल इंफॉर्मेटिक्स में दो साल का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी पूरा किया है।
विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित
लेफ्टिनेंट जनरल साधना ने विदेश में सीबीआरएन (रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु) युद्ध और सैन्य चिकित्सा नैतिकता में प्रशिक्षण लिया। वह पश्चिमी वायु कमान और प्रशिक्षण कमान की पहली और एकमात्र महिला प्रधान चिकित्सा अधिकारी थीं। साधना को विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें वायु सेना प्रमुख और एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ से भी सराहना मिली है।
पूजा खेड़कर अब अफसर नहीं,भविष्य में भी नहीं दे पाएंगी परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर एक्शन लेते हुए उनकी अस्थायी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है. इसके अलावा खेडकर पर भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगाई गई है. खेडकर के तमाम दस्तावेजों की जांच के आधार पर यूपीएससी ने खेडकर को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन करने का दोषी पाया. याद रहे महाराष्ट्र कैडर की पूजा पर ओबीसी और विकलांगता सर्टिफिकेट गलत ढंग से ले कर सिलेक्शन में लाभ लेने का आरोप था।
ईरान में घुस कर इसराइल ने की हमास चीफ की हत्या,पूरा किया अपना बदला
तेहरान: ईरान की राजधानी तेहरान में हमास सरगना इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई है। वह तेहरान के एक अपार्टमेंट में ठहरा था। ईरानी सेना ने बताया है कि हानिया के साथ उसका एक सुरक्षा गार्ड भी मारा गया है। इस हत्या की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है, हालंकि शक है कि इसके पीछे इजरायल का हाथ हो सकता है। इजरायल ने 7 अक्टूबर वाले हमले को लेकर हानिया समेत हमास के शीर्ष नेतृत्व को खत्म करने की धमकी दी थी। हमास ने एक बयान जारी कर धमकी दी है कि वह इस मौत का बदला लेगा।
इस्माइल हानिया ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए तेहरान पहुंचा था। इस दौरान उसने ईरान के नए राष्ट्रपति के अलावा ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खमनेई से भी मुलाकात की थी। उसकी मुलाकात की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई हैं। इस्माइल हानिया को ईरान ने राजकीय अतिथि का दर्जा दिया हुआ है। ईरानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में कई देशों के नेता तेहरान पहुंचे हैं।
इजरायल ने कैसे किया हमास सरगना का शिकार
सूत्रों के अनुसार, इस्माइल हानिया के ईरानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचने की जानकारी इजरायल को पहले से थी। इजरायली खुफिया एजेंसियों ने इस्माइल हानिया पर नजर बनाए रखी और उसके रहने के ठिकाने के सटीक कॉर्डिनेट इजरायली सेना को भेजे। इसके बाद सटीक हमला करने में सक्षम गाइडेड मिसाइल के जरिए हानिया के ठिकाने को निशाना बनाया गया। ऐसे में तेहरान में इजरायली हवाई हमले में हमास चीफ इस्माइल हानिया और उसके एक बाडीगॉर्ड की मौत हो गई।
ये छोरी धाकड़ है,124 साल में ऐसा कोई नहीं कर सका दिलाया भारत को सरबजीत के साथ दूसरा मेडल
पेरिस ओलंपिक 2024 के चौथे दिन भारतीय शूटर मनु भाकर ने इतिहास रच दिया है. मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने पेरिस ओलंपिक 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में कांस्य पदक जीत लिया है. इससे पहले मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा था. इसके अलावा अब एक और मेडल मनु ने भारत के खाते में डाल दिया है.
मनु भाकर ने रचा इतिहास
अब आज कांस्य पदक मैच में मनु भाकर और सरबजोत सिंह कांस्य पदक मैच को जीतने में सफल रही. मनु ओलंपिक के इतिहास में एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली भारत की पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं. इससे पहले अबतक कोई भी भारतीय ऐसा कारनामा ओलंपिक में नहीं कर पाया है. वैसे, सुशील कुमार और पीवी सिंधु ने दो मेडल जरूर जीते हैं लेकिन ये मेडल एक ही ओलंपिक में नहीं जीते हैं.
वायनाड में लैंड स्लाइड,41 की मौत,बचाव के लिए सेना की मदद
केरल के वायनाड जिले में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की खबर है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अबतक 41 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 70 घायल हुए हैं। वहीं सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थानीय आपदा मोचन बल के जवान राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं। बारिश के कारण कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
101 लोगों को मलबे से निकाला
केरल के राजस्व मंत्री के. राजन के कार्यालय ने कहा, ‘एनडीआरएफ, दमकल, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर हैं। अब तक करीब 101 लोगों को बचाया जा चुका है। कलपेट्टा के बाथरी सेंट मैरी एसकेएमजे स्कूल में राहत शिविर बनाया गया है। मेडिकल टीम और एंबुलेंस मौजूद हैं। भोजन और कपड़ों की भी व्यवस्था की गई है।’
हावड़ा मुंबई मेल दुर्घटनाग्रस्त,2 की मौत,अनेक घायल
चक्रधरपुर। राजखरसवां और बड़ाबाम्बो रेलवे स्टेशन के बीच हावड़ा से मुंबई जा रही मेल एक्सप्रेस ट्रेन के करीब इंजन सहित 18 बोगियों के बेपटरी होने की खबर है। इसके बाद हावड़ा मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर चलने वाली कई ट्रेनों को रेलवे ने कैंसिल कर दिया है। वहीं कई ट्रेनों को रेलवे ने डायवर्ट कराया है। रेलवे ने 22861 हावड़ा टिटलागढ़ काटाबांझी इस्पात एक्सप्रेस समेत तीन ट्रेनों को रद्द कर दिया दिया है। वहीं 3 एक्सप्रेस ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट भी किया गया है। इस हादसे में अब तक दो लोगों की मौत की खबर है, जबकि 20 के करीब लोग घायल हुए हैं
….और जब गाय ट्रांफार्मर के झूलते तारों की चपेट में आई देखिए घटना का वीडीओ
कोरबा।बिजली विभाग की लापरवाही के कारण जब तब दुर्घटना होती है।खास करके विभिन्न स्थानों पर ट्रांसफार्मर के खुले और नीचे झूलते तार इसका कारण है।विवेकानंद मार्ग डीडीएम रोड में ऐसी ही लापरवाही के कारण आज सोमवार की दोपहर एक गाय झुलसने से बच गई।यह घटना पास के घर में लगे एक सीसीटीवी में कैद हो गई। यहां के निवासियों ने बताया कि इस ट्रांसफार्मर के खुले बॉक्स,झूलते तार को ले कर बिजली विभाग के अधिकारियों का अनेक बार ध्यान आकर्षित कराया गया है।एक बार तो मोहल्ले के बच्चे जब पास में ही खेल रहे थे तब अचानक ट्रांसफार्मर लगा केबल ही स्पार्किंग के साथ जल उठा।यह तो अच्छा हुआ कि बच्चों के साथ कोई हादसा नहीं हुआ।यहां के निवासियों का कहना है कि ऐसा लगता है कि बिजली विभाग को कोई बड़े हादसे का इंतजार है उसके बाद ही उसकी नींद टूटेगी।
कांवड़ यात्रा में भी वंदे भारत एक्सप्रेस, देखिए अनोखा वीडियो इस पोस्ट में
कोलकाता।पश्चिम बंगाल के कोलकाता से इस बार ताड़केश्वर महादेव की कावड़ यात्रा मे एक अनोखी कांवड़ यात्रा निकली जो विशेष आकर्षण का केंद्र बन गई। जिसमें कांवड़ियों ने वंदे भारत ट्रेन की झांकी कांवड़ रूप में उठाई हुई है।संभवतः ये भारत की एकमात्र कांवड़ यात्रा है जहाँ हर बार कुछ ना कुछ नया देखने को मिलता है।यहां की दुर्गापूजा में भी ऐसे ही निराले प्रयोग की झांकी बनाई जाती है।
कभी डॉक्टर बनना चाहती थी अब ओलंपिक में रच दिया इतिहास,निशानेबाजी में पदक जीतने वाली बनी पहली भारतीय महिला खिलाड़ी की रोचक कहानी इस पोस्ट में
मनु भाकर ने रविवार 28 जुलाई को पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
हरियाणा की 22 साल की इस निशानेबाज ने चेटरौक्स शूटिंग सेंटर में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में तीसरा स्थान हासिल करने के बाद इन खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनीं। टोक्यो में दिल टूटने के तीन साल बाद भारत की इस सबसे प्रसिद्ध और प्रतिभाशाली निशानेबाजों में से एक ने अपने सपनों को पूरा किया और देश को गौरवान्वित किया। उन्होंने जबरदस्त वापसी की और कांस्य पदक अपने नाम किया। महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण और रजत पदक दक्षिण कोरिया की दो खिलाड़ियों ने जीता। ओह ये जिन 243.2 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक और किम येजी ने 241.3 के स्कोर के साथ रजत पदक अपने नाम किया।
मनु भाकर क्वालिफिकेशन राउंड में भी तीसरे स्थान पर रही थीं। इसके साथ ही उन्होंने शूटिंग में भारत के पदक के 12 साल के सूखे को भी खत्म किया। 2012 लंदन ओलंपिक में गगन नारंग और विजय कुमार ने शूटिंग में पदक जीता था। यह शूटिंग में भारत का पांचवां पदक है। मनु से पहले चारों एथलीट्स पुरुष थे। वह राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अभिनव बिंद्रा, गगन नारंग और विजय कुमार के क्लब में शामिल हो गईं।
एशियाई खेलों की टीम में नहीं थीं मनु
महज नौ माह पहले तक मनु भाकर 10 मीटर एयर पिस्टल की भारतीय टीम में भी शामिल नहीं थीं। बीते वर्ष वह हांगझोऊ एशियाई खेलों में खेलीं, लेकिन इस इवेंट की टीम में नहीं थीं। यह वह इवेंट है जो उनके दिल के सबसे करीब है। एशियाड से पहले मनु भाकर ने पिछले सारे विवादों को भुलाकर कोच जसपाल राणा का हाथा थामा तो इसकी एक वजह 10 मीटर एयर पिस्टल में वापस प्रभुत्व स्थापित करना था। एशियाड के बाद मनु का समर्पण और जसपाल का साथ काम आया। मनु ने न सिर्फ 10 मीटर एयर पिस्टल की ओलंपिक टीम में जगह बनाई बल्कि शनिवार को क्वालिफाइंग दौर में 580 का विश्वस्तरीय स्कोर कर तीसरे स्थान पर रहते हुए इस इवेंट के फाइनल में भी जगह बनाई।
आइए जानते हैं उनके बारे में…
मनु 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और 70 से अधिक राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं। 2021 में हुए ओलंपिक में वह सातवें स्थान पर रहीं। 2023 में मनु ने एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। वह पेरिस ओलंपिक में 21 सदस्यीय भारतीय शूटिंग टीम से कई व्यक्तिगत स्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाली एकमात्र एथलीट हैं। हरियाणा के झज्जर में जन्मीं मनु भाकर ने स्कूल के दिनों में टेनिस, स्केटिंग और मुक्केबाजी समेत कई खेलों में हिस्सा लिया। मुक्केबाजी खेलते वक्त मनु के आंख पर चोट लग गई थी। इसी के बाद उनका बॉक्सिंग में सफर खत्म गया। हालांकि, मनु के अंदर खेलों को लेकर एक अलग जुनून था, जिसके चलते वह एक बेहतरीन निशानेबाज बनने में कामयाब रहीं। अब उन्होंने देश को गौरवान्वित किया है।
2018 में मनु ने किया कमाल
मनु कभी कबड्डी के मैदान में उतरीं तो कभी कराटे में हाथ आजमाया। शूटिंग को प्राथमिक रूप से चुनने से पहले मनु ने स्केटिंग, मार्शल आर्ट्स, कराटे, कबड्डी सब खेला। 16 साल की उम्र में मनु ने 2018 में आईएसएसएफ विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया और दो स्वर्ण पदक जीते। उसी साल मनु ने राष्ट्रमंडल खेलों और यूथ ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया। दोनों प्रतियोगिताओं में मनु ने स्वर्ण पदक हासिल किया।
नौवीं तक था डॉक्टर बनने का सपना
मनु के पिता राम किशन भाकर ने उनका हमेशा साथ दिया। पिता ने मनु को पूरा समर्थन दिया। जिस खेल में उन्हें आगे बढ़ने का मन था उसी में बढ़ने दिया। बहुत से विद्यार्थियों की तरह मनु भी नौवीं कक्षा तक डॉक्टर बनना चाहती थीं। वह खेल में शुरू से अच्छी रही लेकिन पढ़ाई पर मुख्य ध्यान रहा। 10वीं में मनु के जीवन का अलग मोड़ आया, जब कक्षा में टॉप करने के साथ उनका चयन शूटिंग के लिए राष्ट्रीय टीम में हुआ। उनके कोच अनिल जाखड़ के कहने पर मनु ने शूटिंग को एक मौका दिया और 11वीं में जब वह 16 साल की थी तब आईएसएसएफ विश्व कप, राष्ट्रमंडल खेल और यूथ ओलंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीतकर अपना नाम बनाया।