OO दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव को हमदर्द पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि रामदेव का बयान अंतरआत्मा को झकझोरने वाला है और माफी के लायक नहीं है। हमदर्द ने रामदेव के खिलाफ याचिका दायर की थी। कोर्ट ने ‘शराब जिहाद’ पर टिप्पणी को अनुचित बताया।
TTN Desk
नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव को फार्मास्युटिकल और खाद्य कंपनी हमदर्द और उसके लोकप्रिय पेय रूह अफजा को निशाना बनाने के लिए सांप्रदायिक अपशब्दों का इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाई। हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ रामदेव के बयान को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह बयान अंतरआत्मा को झकझोरने वाला है। कोर्ट ने कहा कि यह बयान माफी के लायक नहीं है।
योग गुरु और पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक बाबा रामदेव ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में आश्वासन दिया कि वह ‘हमदर्द’ के रूह अफजा पर अपनी कथित ‘‘शरबत जिहाद’’ टिप्पणी से संबंधित वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट तुरंत हटा लेंगे। उनका यह बयान अदालत की उस टिप्पणी के तुरंत बाद आया है जिसमें कहा गया है कि रामदेव का यह बयान अनुचित है और इसने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।
O रामदेव ने दिया था शरबत जिहाद का बयान
मामले में हमदर्द की तरफ से मामले की पैरवी करने वाले मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस तरह के बयान से सामाजिक विभाजन पैदा होता है। वहीं, रामदेव के वकील ने कहा कि शरबत जिहाद वाला विज्ञापन हटाया जाएगा। रामदेव ने 3 अप्रैल को अपनी कंपनी के उत्पाद – गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए विवादास्पद टिप्पणी की थी। एक वीडियो में उन्होंने हमदर्द के रूह अफज़ा पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था।
साथ ही और दावा किया कि दूसरी कंपनी का शरबत अपने पैसे का इस्तेमाल मस्जिद और मदरसे बनाने में कर रहा है। रामदेव ने अपने वीडियो में ‘शरबत जिहाद’ शब्द का भी इस्तेमाल किया था।