अलविदा … कैथोलिकों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन

OO पोप फ्रांसिस का सोमवार की सुबह वेटिकन सिटी में निधन हो गया है. वे लंबे वक्त से बीमार थे. निमोनिया की शिकायत पर फ्रांसिस पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती हुए थे. पॉप फ्रांसिस के मौत की खबर वेटिकन सिटी से दी गई है. फ्रांसिस 88 साल के थे. एक दिन पहले ही उन्होंने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की थी. उनकी मौत की खबर के बाद पूरी दुनिया 1.4 अरब कैथोलिक शोक में डूब गए हैं.

TTN Desk

अचानक बिगड़ी तबीयत
पोप फ्रांसिस पिछले हफ्ते सेंट पीटर्स स्क्वायर में पारंपरिक रविवार की प्रार्थना और कैथोलिक चर्च के जयंती वर्ष मनाने के लिए सामूहिक प्रार्थना का नेतृत्व नहीं कर पाए थे, क्योंकि उनकी तबियत बेहद खराब थी. उनके स्वास्थ्य की वजह से उनकी पहले तय कई कार्यक्रम भी कैंसिल कर दिए गए थे. क्योंकि डॉक्टरों ने 88 साल के पोप को पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी थी.लेकिन पहले उनकी हालत को ‘स्थिर’ बताए जाने के बावजूद, वेटिकन ने शनिवार शाम को एक अपडेट जारी किया जिसमें कहा गया कि ‘लंबे समय से सांस लेने में तकलीफ’ के बाद उनकी हालत बिगड़ गई है.

O केविन फैरेल की निधन की घोषणा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पोप फ्रांसिस के निधन का ऐलान वेटिकन के कैमरलेन्गो कार्डिनल केविन फेरेल ने किया. कैमरलेन्गो कार्डिनल वेटेकिन सिटी में एक प्रशासनिक पद है जिसका काम खजाने की देखरेख करना और शहर में प्रशासनिक काम देखना है.

O कैथोलिक चर्चों में सुधार के लिए याद रखे जाएंगे

फेरेल ने अपनी घोषणा में कहा, ”रोम के स्थानीय समय सुबह 7:35 बजे पोप फ़्रांसिस ने आख़िरी सांस ली. फ़्रांसिस का पूरा जीवन लॉर्ड और चर्च की सेवा में समर्पित था. पोप फ्रांसिस ने हम सबको हमेशा साहस, प्यार और हाशिए के लोगों के पक्ष में खड़ा रहने के लिए प्रेरित किया. पोप फ़्रांसिस लॉर्ड जीसस के सच्चे शिष्य थे.”
पोप फ्रांसिस को कैथोलिक चर्चों में सुधार के लिए भी जाना जाता है. इसके बावजूद पोप परंपरावादियों के बीच भी लोकप्रिय थे. फ्रांसिस दक्षिण अमेरिका (अर्जेंटीना) से बनने वाले पहले पोप थे.
रविवार को ही पोप फ़्रांसिस ईस्टर संडे को वेटिकन में सेंट पीटर्स स्क्वेयर पर सब से मुख़ातिब हुए थे.