राज्य शासन ने एक महत्वपूर्ण लेते हुए सुबोध कुमार सिंह, भा.प्र.से. (1997) को प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया है। सुबोध कुमार सिंह को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस लौटने के बाद इस पद पर पदस्थ किया गया है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर सुबोध सिंह दिल्ली से लौटकर कल शुक्रवार शाम को ज्वाईनिंग दी थी और आज उन्हें पोस्टिंग मिल गई।
सुबोध कुमार सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1997 बैच के अधिकारी हैं और अपने करियर में रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कलेक्टर के तौर पर कार्य कर चुके हैं। डॉ. रमन सिंह के तीसरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय में सचिव के रूप में अहम जिम्मेदारी निभाई थी।
रमन सरकार के समय सुबोध सिंह उनके करीबी अफसरों में गिने जाते थे। छत्तीसगढ़ में रहते हुए उनकी छवि निर्विवाद अधिकारी के रूप में रही।
O शाह से सीएम ने किया था आग्रह
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाल के दो दिनी छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान ही मुख्यमंत्री श्री साय ने उनसे सुबोध कुमार सिंह को भेजने का आग्रह किया था। श्री शाह के हामी भरने के बाद ही उनके बारे में आदेश निकल गया। आदेश निकलते ही एक दिन बाद ही वे छत्तीसगढ़ पहुंच गए।
O शिक्षक के है मेघावी बेटे,बने थे एनटीए के डीजी, नीट विवाद से हटे
कानपुर निवासी सुबोध सिंह के पिता प्राइमरी स्कूल के शिक्षक रहे हैं। देश की टॉप परीक्षाएं NTA कराती है। इस एजेंसी के वो चीफ बने, मगर नीट परीक्षा के विवाद के बाद उन्हें हटा दिया गया। 15 अगस्त 1973 को जन्में सुबोध सिंह ने आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है। उन्होंने इग्नू से एमबीए भी किया है।
O जब अफसर बने तब था अविभाजित एमपी
जब अफसर बने तो छत्तीसगढ़ एमपी का ही हिस्सा था। उन्हें पहली पोस्टिंग 1998 में मंडला जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में मिली। 2002 में रायगढ़ जिले के कलेक्टर बनाए गए। इसके बाद मार्कफेड और नान के एमडी, पशु संचालनालय के डायरेक्टर रहे।
O 2005 में रायपुर के कलेक्टर बने
2005 में रायपुर के कलेक्टर बनाए गए थे। इसके बाद बिलासपुर के कलेक्टर बने और फिर से रायपुर के कलेक्टर बनाए गए। दोनों जिलों में सिटी बस सेवा शुरू करने का श्रेय उन्हें जाता है।
O रमन सिंह सरकार में रहा दबदबा
रमन सिंह सरकार में उनका दबदबा हुआ करता था।
रायपुर कलेक्टर से उन्हें हाउसिंग बोर्ड का कमिश्नर बनाया गया। जून 2009 में वे मुख्यमंत्री सचिवालय में डिप्टी सेक्रेटरी बने। इसके बाद 2018 तक रहे। सरकार बदली तो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सुबाेध दिल्ली चले गए थे।