TTN Desk
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति के बीच हुई वार्ता के बाद ये तय हो गया था कि दोनों देश की सेनाएं सीमा पर 2022 की स्थिति बहाल करेंगी।भारत और चीन की सेनाएं शुक्रवार, 25 अक्टूबर से पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। समाचारों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग पॉइंट में दोनों सेनाओं ने अपने अस्थायी टेंट और शेड हटा लिए हैं। गाड़ियां और मिलिट्री उपकरण भी पीछे ले जाए जा रहे हैं।इस सबके बीच व्यापार जगत में भी एक खबर नेहरू दौर के प्रसिद्ध नारे ‘हिंदू-चीनी भाई-भाई’ की जम कर चर्चा होने लगी है ।यह नारा 1963 में भारत और चीन के बीच संबंधों की एकता और मित्रता को दर्शाने के लिए बोला जाता था हालांकि कुछ अरसे बाद ही चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था। अब इस बात को भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी को ले कर बिजनेस वर्ल्ड में बोला जा रहा है। भारत-चीन के बीच सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच बनी कड़वाहट के बावजूद गौतम अडानी ने हाल ही में चीन के शंघाई शहर में एक कंपनी की शुरुआत की है।
इस कंपनी का किया गठन
अडानी ग्रुप ने सप्लाई चेन सॉल्यूशन और प्रोजेक्ट मैनेज्मेंट सर्विसेज देने के लिए चीन में एक सब्सिडीयरी कंपनी बनाई है। ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि सिंगापुर स्थित उसकी सब्सिडीयरी की सब्सिडीयरी ने दो सितंबर, 2024 को चीन के शंघाई में स्थित एक पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडीयरी कंपनी अडानी एनर्जी रिसोर्सेज (शंघाई) कंपनी (AERCL) का गठन किया है।
चीन में करेगी ये बिजनेस
कंपनी ने AERCL का गठन सप्लाई चेन सॉल्यूशन और प्रोजेक्ट मैनेज्मेंट सर्विसेज देने का बिजनेस करने के लिए किया गया है। इस सहायक कंपनी को अडानी ग्लोबल पीटीई (एजीपीटीई), सिंगापुर ने गठित किया है, जो अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की सब्सिडीयरी की सब्सिडीयरी कंपनी है। एईएल माइनिंग, सड़क, एयरपोर्ट, डाटा सेंटर और वाटर इंफ्रा बिजनेस से जुड़ी है। सूचना के अनुसार कि एईआरसीएल को दो सितंबर, 2024 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के कंपनी कानून के तहत गठित और रजिस्टर्ड किया गया है। एईआरसीएल ने अभी तक अपना व्यावसायिक संचालन शुरू नहीं किया है।