रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के वैक्सीनेशन में आरक्षण के विवादित आदेश और हाई कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आज टीकाकरण के मुद्दे ने फिर नया मोड़ ले लिया है। राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है की टीकाकरण फिलहाल रद्द किया जाता है। इसे पहले अंत्योदय फिर बीपीएल और एपीएल श्रेणियों में लगाया जाना था।
सभी के लिए भरपूर मात्रा में टीके उपलब्ध नहीं और एक वर्ग के लोगो का टीकाकरण कोर्ट की अवमानना
सरकार का कहना है कि राज्य में 18 से 45 वर्ष आयु के लगभग डेढ़ करोड़ लोग हैं और टीके डेढ़ लाख भी नही। नए टीके का ऑर्डर दोनो वैक्सीन निर्माता कंपनियों को दे दिया गया है लेकिन डिलीवरी में लेट होने के कारण फिलहाल 18 से 45 वर्ष के लोगो का टीकाकरण तत्काल आदेश से स्थगित किया जाता है।
जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने लिया था आड़े हाथ
इससे पहले बुधवार को अलग अलग लोगो द्वारा जिसमे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी भी शामिल है ने जनहित याचिकाएं दायर की गई थी की सरकार इस प्रकार से वैक्सीनेशन में रिजर्वेशन लागू नहीं कर सकती यह लोगो के समानता के अधिकार का हनन है। इस बहस पर हाई कोर्ट में कहा गया था की अगर बीमारी किसी में भेदभाव नही करती तो सरकार ऐसा कैसे कर सकती है। और शुक्रवार को अगली सुनवाई का वक्त देकर कहा था की तब तक सरकार नई नीति पर विचार करे।
कुछ दिनों बाद शुरू हो सकता है नई नीति के तहत वैक्सीनेशन
सरकार ने आदेश में कहा है कि वैक्सीन की भरपूर मात्रा ना होने की वजह से अगर सभी के लिए वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया तो स्थिति बिगड़ने का भय है। हो सकता है अगले कुछ दिनों में सरकार अलग अलग वर्ग के लिए वैक्सीन अनुपात द्वारा विभाजित कर किसी नई नीति के तहत वैक्सीनेशन फिर से शुरू करे।
आदेश की कॉपी :