कब तक आ जाएगी कोरोना वैक्सीन? जानिए डब्ल्यूएचओ के चीफ वैज्ञानिक का जवाब

 

नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोना महामारी के चलते इस वक्त भले ही दुनिया लॉकडाउन के फेज से बाहर आ रही हो, लेकिन इसका खतरा नहीं टला है। ऐसे में इस वक्त सभी की नजरें उन वैज्ञानिकों और दवा कंपनियों पर टिकी हुईं हैं जो कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्य स्वामीनाथन ने बुधवार को कहा कि 2021 की शुरुआत में कोरोना के खिलाफ इस्तेमाल के लिए एक नहीं कम से कम दो दवाईयां आ जाएंगी।

स्वामीनाथन ने कहा- एक सबसे बड़ी सीख और एक सकारात्मक चीज जो कोरोना महामारी के दौरान देखी गई वो है विज्ञान और वैज्ञानिकों की भूमिका। इसके साथ ही, वैश्विक सहयोग, जिसे हमने वैज्ञानिकों के बीच त्वरित रूप से ज्ञान में प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए किया है। वह 15वीं जेआरडी टाटा मेमोरियल ओरिएंटेशन कार्यक्रम के शीर्षक- ‘रिइमेजिंग हेल्थ: लेसंस फ्रॉम द पैनडेमिकÓ में वर्चुअली बोल रहीं थीं। उन्होंने आगे कहा- एक तरफ जहां प्रोडक्ट रिसर्च और इसका डेवलमेंट अप्रत्याशित रूप से आगे बढ़ रहा है, अब हमारे पास कोविड-19 के इलाज के लिए रैपिड एंटिजन टेस्ट्स समेत कई तरह के नए उपचार हैं। हम नई वैक्सीन पर काम कर रहे हैं और ऐसी उम्मीद है कि 2021 की शुरुआत में हमारे पास कम से कम 2 सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन होंगी, जिनका हम उच्च जोखिम वाली आबादी और जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है, उन्हें यह लगा रहे होंगे।

स्वामीनाथन ने कहा कि इस महामारी के दौरान जो सबसे महत्वपूर्ण सीख मिली वो ये कि पब्लिक हेल्थ और प्राइमरी हेल्थकेयर पर निवेश करना। उन्होंने कहा- पिछले 9-10 महीनों के दौरान जो मैंने सीखा वह ये कि महत्वपूर्ण चीजों में से एक है पब्लिक हेल्थ और प्राइमरी हेल्थकेयर पर निवेश करना। हमारे पास ऐसे देशों के उदाहण है जिन्होंने पिछले एक या दो दशक में प्राइमरे हेल्थकेयर में निवेश किया है। इसके विपरीत, आपके पास उच्च आय वाले देश हैं जहां वे व्याकुल हो गए हैं और उन कुछ तंत्रों को रखने में सक्षम नहीं हैं जिनकी आवश्यकता है। स्वामीनाथन ने महिलाओं और बच्चों पर कोरोना महामारी के अलग तरह के प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि लैंगिक प्रभाव को लेकर कुछ निश्चित तथ्यों की पहचान कर उसके समाधान की जरूरत है।