OO हैदराबाद में स्थापित होगी अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा
TTN Desk
नई दिल्ली/हैदराबाद: भारत की प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और फ्रांस की विश्व-प्रसिद्ध विमान निर्माता दसौ एविएशन ने एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है, जिसके तहत भारत में राफेल लड़ाकू विमान का मुख्य ढांचा, जिसे फ्यूजलेज कहा जाता है, का निर्माण किया जाएगा। यह समझौता “मेक इन इंडिया” पहल को एक बड़ी गति प्रदान करेगा और भारत को वैश्विक एयरोस्पेस विनिर्माण मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगा।
O दशकों के सहयोग का नया अध्याय
यह साझेदारी भारत और फ्रांस के बीच दशकों पुराने रणनीतिक रक्षा सहयोग का एक महत्वपूर्ण विस्तार है। राफेल लड़ाकू विमान पहले से ही भारतीय वायुसेना का एक अभिन्न अंग है, और अब इसके प्रमुख घटकों का भारत में ही निर्माण होने से दोनों देशों के बीच तकनीकी हस्तांतरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
O हैदराबाद में अत्याधुनिक विनिर्माण इकाई
इस परियोजना के तहत, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स हैदराबाद में एक अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा स्थापित करेगी। यह इकाई विशेष रूप से राफेल लड़ाकू विमान के विभिन्न फ्यूजलेज सेक्शन के निर्माण के लिए डिज़ाइन की जाएगी। बताया जा रहा है कि यह पहली बार होगा जब राफेल का इतना महत्वपूर्ण संरचनात्मक हिस्सा फ्रांस के बाहर किसी अन्य देश में निर्मित किया जाएगा।
O राफेल के कौन से हिस्से बनेंगे भारत में?
यह सहयोग राफेल विमान के कई प्रमुख संरचनात्मक हिस्सों के निर्माण पर केंद्रित होगा। इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
* रियर फ्यूजलेज के लैटरल शेल्स: विमान के पिछले हिस्से के पार्श्व खोल।
* पूरा रियर सेक्शन: विमान का संपूर्ण पिछला भाग।
* सेंट्रल फ्यूजलेज: विमान का केंद्रीय मुख्य ढांचा।
* फ्रंट सेक्शन: विमान का अगला भाग।
ये सभी हिस्से राफेल के समग्र संरचनात्मक अखंडता और प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
O उत्पादन क्षमता और समय सीमा
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, उम्मीद है कि इस नई सुविधा से 2028 तक पहला फ्यूजलेज बनकर तैयार हो जाएगा। एक बार पूरी तरह से चालू होने के बाद, यह इकाई प्रति माह दो पूर्ण फ्यूजलेज तैयार करने में सक्षम होगी, जो राफेल की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
O ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा
यह समझौता भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” पहलों के लिए एक बड़ी सफलता है। इससे न केवल देश में उच्च-स्तरीय विनिर्माण क्षमताओं का विकास होगा, बल्कि हजारों कुशल और अर्ध-कुशल नौकरियों का भी सृजन होगा। यह भारत को एक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में अन्य जटिल सैन्य प्रणालियों के उत्पादन का मार्ग प्रशस्त करेगा।
O वैश्विक एयरोस्पेस आपूर्ति श्रृंखला में भारत की बढ़ती भूमिका
राफेल जैसे उन्नत लड़ाकू विमान के फ्यूजलेज का भारत में निर्माण, वैश्विक एयरोस्पेस आपूर्ति श्रृंखला में भारत की बढ़ती विश्वसनीयता और क्षमताओं को दर्शाता है। यह भारतीय उद्योग को वैश्विक मानकों के अनुरूप उन्नत विनिर्माण प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करने का अवसर प्रदान करेगा। यह दीर्घकालिक साझेदारी भारत को न केवल राफेल के लिए बल्कि भविष्य में अन्य विमान कार्यक्रमों के लिए भी एक पसंदीदा विनिर्माण भागीदार बना सकती है।