नई दिल्ली (एजेंसी)। कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) बैठक में सोनिया गांधी ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की है। साथ ही उन्होंने नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। सोनिया ने गुलाम नबी आजाद समेत अन्य नेताओं द्वारा नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल को इस पत्र का जवाब भेज दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार राहुल गांधी ने पत्र पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिस वक्त पत्र भेजा गया उस समय सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती थीं। पत्र उस समय लिखा गया था जब राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट का सामना कर रही थी। इसमें जो लिखा गया था उस पर मीडिया के बजाय सीडब्ल्यूसी बैठक में चर्चा होनी चाहिए थी। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पत्र की आलोचना करते हुए सोनिया को पद पर बने रहने का आग्रह किया। एके एंटनी ने उनका समर्थन किया है। बता दें कि उन्हें एक साल पहले राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद 10 अगस्त, 2019 को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। बैठक से पहले पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष या सामूहिक नेतृत्व को लेकर 23 वरिष्ठ नेताओं के पत्र ने गांधी परिवार के नजदीकी नेताओं की बेचैनी बढ़ा दी है। बदलावों की वकालत करने वाले वरिष्ठ नेताओं के सुझावों और तर्को को पूरी तरह से खारिज करते हुए इन नेताओं ने सोनिया गांधी को ही पार्टी अध्यक्ष बनाए रखने या राहुल गांधी को दोबारा पार्टी की कमान सौंपने की मुहिम शुरू कर दी है। इन नेताओं में कई मुख्यमंत्री, सांसद और पूर्व मंत्री से लेकर पार्टी पदाधिकारी शामिल हैं।
गांधी परिवार ही पार्टी की खोई शान बहाल कर सकता है: कैप्टन अमरिंदर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती देने का विरोध करते हुए कहा है कि अभी यह समय इस तरह की बातों के लिए नहीं है। गांधी परिवार ही पार्टी की खोई शान बहाल कर सकता है और देश की अंदरूनी और बाहरी खतरों से रक्षा कर सकता है। कैप्टन ने कहा कि सोनिया गांधी जब तक चाहें अध्यक्ष रहें और उसके बाद राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालें। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि पत्राचार से कुछ नहीं होगा। अच्छा होता कि पत्र लिखने वाले नेताओं ने जन आंदोलन से अपने नेतृत्व की क्षमता को साबित किया होता।