TTN Desk
नई दिल्ली. दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन और फ्लिपकार्ट की मुश्किलें बढ़ सकती है. दरअसल, इन दोनों कंपनियों की कथित एंटी कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस के खिलाफ कार्रवाई अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है. बीते हफ्ते कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है. इस याचिका में जांच को रोकने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और सेलर्स की ओर से शुरू किए जा रहे ‘फिजूल’ मुकदमेबाजी को रोकने के लिए दखल देने की मांग की गई है.
O उल्टा पड़ा दांव तो और देर हो सकती है जांच
कुछ लीगल एक्सपर्ट का कहना है कि सीसीआई का यह कदम असामान्य है. इस मामले से सीसीआई की दो अहम शक्तियों पर सवाल उठने की उम्मीद है. पहली उसकी तलाशी और जब्ती की शक्तियों से जुड़ी और दूसरी सीसीआई के डीजी की जांच के दायरे को बढ़ाने की शक्ति से जुड़ी. लीगल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस मामले में प्रतिकूल परिणाम सीसीआई की जांच को और देरी कर सकता है और अन्य मामलों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है.
O 24 अलग-अलग मामलों को SC में ट्रांसफर करने की अपील
मनीकंट्रोल द्वारा एक्सेस की गई 3 दिसंबर की कोर्ट फाइलिंग के मुताबिक, सीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट से देश के अलग-अलग हाईकोर्ट में पेंडिंग 24 अलग-अलग मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील की है, जिनमें कर्नाटक हाईकोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट और तेलंगाना हाईकोर्ट शामिल हैं. डेटा के मुताबिक, सीसीआई की अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट में अभी तक कोई बेंच निर्धारित नहीं की गई है.
O पहले कंपनियां और अब सेलर्स रोक रहे जांच
पहले चरण की सीसीआई जांच अमेजन और फ्लिपकार्ट की ओर दायर रिट याचिकाओं के कारण रुकी हुई थी, लेकिन अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के सेलर्स जांच को रोक रहे हैं. सीसीआई ने 3 दिसंबर की याचिका में कहा, “यह ध्यान रखना अहम है कि वैसे तो जांच साल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन मुकदमे के पहले दौर में अमेजन और फ्लिपकार्ट के पक्ष में दिए गए स्टे के कारण इसमें काफी देरी हुई. 4 साल बीत चुके हैं और मामले में अंतिम आदेश पारित होना बाकी है.”
O क्या कहा है सीसीआई ने
CCI ने कहा कि जांच के निष्कर्षों के बाद से अमेजन, फ्लिपकार्ट, सैमसंग और वीवो के कुछ वेंडर्स ने पांच हाई कोर्ट में लगभग दो दर्जन मुकदमे दायर किए हैं। वेंडर्स ने ऐसा इसलिए किया है, ताकि जांच को रोका जा सके। साथ ही वे जांच की प्रोसेस को कमजोर और खराब करना चाहते हैं।
O यह जांच अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए एक बड़ा रेगुलेटरी चैलेंज
हालांकि, इस मामले पर अब तक अमेजन, फ्लिपकार्ट, सैमसंग, वीवो और CCI की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। यह जांच अमेजन और फ्लिपकार्ट के लिए एक बड़ा रेगुलेटरी चैलेंज है। क्योंकि, इस मार्केट में ई-कॉमर्स की सेल्स 2028 तक 160 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो जाएगी, जो 2023 में करीब 60 बिलियन डॉलर थी।
O अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अविश्वास कानूनों का उल्लंघन किया है
CCI की इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने अगस्त में जांच का निष्कर्ष निकाला था कि अमेजन और फ्लिपकार्ट ने अपनी वेबसाइटों पर चुनिंदा वेंजर्स को तरजीह देकर भारत के एंटीट्रस्ट लॉ यानी अविश्वास कानूनों का उल्लंघन किया है।
आयोग ने यह भी पाया कि सैमसंग और वीवो जैसी स्मार्टफोन कंपनियों ने इन दो ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ सांठगांठ करके प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन लॉन्च कर उन कानूनों का उल्लंघन किया था।
O अमेजन और फ्लिपकार्ट ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया
अमेजन और फ्लिपकार्ट को अपने व्यापारिक तौर-तरीकों को लेकर कई सालों से छोटे रिटेलर्स की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली भारी छूट और तरजीही व्यवहार के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं अमेजन और फ्लिपकार्ट ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।
O अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ CCI की जांच 2020 में शुरू हुई थी
अमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ CCI की जांच 2020 में शुरू हुई थी, लेकिन इसमें कई बार देरी हुई है। मामले को चुनौती देने के लिए भारत भर में दायर 23 मुकदमों में से ज्यादातर में CCI पर अपनी जांच के दौरान उचित प्रोसेस का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया है।
इस मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि आयोग द्वारा दायर 23 मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के अनुरोध पर इस सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।