OO सुप्रीम कोर्ट ने यह बताने को कहा है कि यदि एक मशीन में प्रति घंटा केवल 45 वोट डाले जा सकते हैं तो वह सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे के दौरान शत-प्रतिशत मतदान होने पर सभी 1500 वोटों को कैसे समायोजित कर सकती है? वहीं चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट और पूर्व ASG मनिंदर सिंह ने कहा कि इस मामले में नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए.
TTN Desk
नई दिल्ली।पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 से बढ़कर 1500 किए जाने की चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से तीन हफ्ते में पूरी प्रक्रिया को विस्तार से बताते हुए हलफनामा दाखिल करने को कहा है. 17 जनवरी, 2025 को मामले की अगली सुनवाई होगी.
O सीजेआई ने जब पूछा वोटिंग का टाइम 11 घंटे,हर घंटे 45 वोट फिर कैसे संभालती है 1500 वोट
सीजेआई संजीव खन्ना की बेंच ने चुनाव आयोग से यह बताने को कहा है कि एक ईवीएम, जो 1500 वोट ले सकती है, वो 1500 से अधिक मतदाताओं वाले मतदान केन्द्र की जरूरतों को कैसे पूरा करती है? साथ ही यह भी बताने को कहा है कि यदि एक मशीन में प्रति घंटे केवल 45 वोट डाले जा सकते हैं, तो वह सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे के दौरान शत-प्रतिशत मतदान होने पर सभी 1500 वोटों को कैसे समायोजित कर सकती है?
O नोटिस जारी नहीं करने की अपील सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई
मामले की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से पेश मनिंदर सिंह ने कहा, ‘इस मामले में नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी यह दलील ठुकरा दी।मनिंदर सिंह ने चुनाव आयोग का पक्ष रखते हुए कहा कि एक ईवीएम में 1500 वोट डालवाने का फैसला नया नहीं है, ये साल 2019 से हैं और तब से किसी ने शिकायत नहीं की थी. अगर सभी लोग दोपहर 3 बजे आने लगें, तो क्या किया जा सकता है. जब आप सुबह जाते हैं, तो कोई भीड़ नहीं होती. ईवीएम के खिलाफ बहुत सारे आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन किसी का कोई आधार नहीं है.’
O इंदु प्रकाश सिंह ने लगाई है याचिका
बता दें कि इंदू प्रकाश सिंह नाम की याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग के अगस्त 2024 में जारी दो निर्दशों को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि आयोग के फैसले के चलते पोलिंग बूथ पर लम्बी लाइन और वोट डालने के लिए लंबा इतंज़ार वोटरों को मतदान के लिए हतोत्साहित करेगा.