TTN Desk
शेयर बाजार गुरुवार को धड़ाम हो गया। सेंसेक्स 1190 अंकों की गिरावट के साथ 79,043 वहीं निफ्टी भी 360 अंक टूटा, ये 23,914 लेवल पर बंद हुआ। इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण अमेरिका को माना जा रहा है। अमेरिका के कुछ ‘कदमों’ का सीधा असर शेयर मार्केट पर दिखाई दिया है। इसमें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए जाने वाला टैरिफ भी शामिल है।
राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको समेत चीन पर भारी टैरिफ लगाने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है। इस कारण भी शेयर मार्केट में गिरावट आई है। बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.52 लाख करोड़ रुपए घटकर 442.96 लाख करोड़ रुपए रह गया। इस बीच डर का पैमाना (इंडिया वीआईएक्स) 4% बढ़कर 15.22 पर पहुंच गया।
O आईटी शेयरों में जबरदस्त गिरावट
आईटी शेयरों में 4% तक की गिरावट आई है। एलटीटीएस, इंफोसिस, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक के कारण निफ्टी आईटी इंडेक्स में 2.3% की गिरावट आई। इंफोसिस के शेयरों में 3 फीसदी की गिरावट आई। वहीं टीसीएस के शेयर 2.2 फीसदी तक गिर गए। टेक महिंद्रा और एचसीएल के शेयरों में भी 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई।
O कल बाजार में रही थी तेजी
इससे पहले कल यानी 27 नवंबर को सेंसेक्स 230 अंक चढ़कर 80,234 पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी में भी 80 अंकों की तेजी रही, ये 24,274 पर बंद हुआ था।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 16 में तेजी और 14 में गिरावट देखने को मिली थी। ऑटो, IT और एनर्जी शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी थी। अडानी एंटरप्राइजेज निफ्टी का टॉप गेनर था।
आइए ,जानते है आज बाजार में गिरावट की विशेषज्ञ क्या 5 प्रमुख वजह बता रहे है…
1. अमेरिका में शेयर बाजार की छुट्टी: हेनसेक्स सिक्योरिटीज के एवीपी (शोध) महेश एम ओझा ने कहा, ‘शुरुआती दौर में गैप-अप ओपनिंग के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में मुनाफावसूली ट्रिगर का यह संभावित कारण आज अमेरिकी बाजार के बंद रहने से वैश्विक संकेतों में कमी देखने को मिल रही है।
2. एफआईआई की बिक्री: हेनसेक्स सिक्योरिटीज एक्सपर्ट ने कहा कि कुल मिलाकर, एफआईआई नवंबर में नेट सेलर थे और डीआईआई भी पहले की तरह नहीं खरीद रहे हैं। यह भी भारतीय शेयर बाजार के उच्च स्तर को बनाए नहीं रखने का एक कारण हो सकता है।
3. केंद्रीय बजट 2024: वर्तमान भारतीय स्टॉक मार्केट में DII नहीं खरीदने के संबंध में ओझा ने कहा, “DII महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद भारत सरकार से अंतिम क्यू की प्रतीक्षा कर रहे हैं। चूंकि केंद्रीय बजट 2024 केवल दो महीने दूर है, इसलिए वे कैच-22 स्थिति में हैं, और इसलिए वे वर्तमान भारतीय स्टॉक मार्केट में नॉन-पार्टिसिपेंट हैं।”
4. मजबूत अमेरिकी डॉलर: बढ़ती अमेरिकी डॉलर दरों की ओर इशारा करते हुए लक्षीश्री इन्वेस्टमेंट एंड सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अंशुल जैन ने कहा, “निवेशक सोने और इक्विटी से बॉन्ड और विदेशी मुद्रा बाजार में पैसा बदल रहे हैं, क्योंकि अमेरिकी डॉलर की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। यह भी भारतीय शेयर बाजार में एफआईआई की लगातार बिकवाली की एक वजह है।”
5. भू-राजनीतिक तनाव: “हमने इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध में युद्धविराम की खबर के बाद पिछले दो सत्रों में भारतीय शेयर बाजार में उछाल देखा। हालांकि, भू-राजनीतिक ट्रिगर को छूट दी गई है, और ध्यान एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की ओर स्थानांतरित हो गया है। प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अविनाश गोरक्षकर ने कहा, ‘भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली का दबाव है।