OO इलाहाबाद हाइकोर्ट के एक जज ने रेप आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि पीड़िता ने खुद मुसीबत को न्योता दिया और इसके लिए वह भी जिम्मेदार है।
TTN Desk
इलाहाबाद हाईकोर्ट रेप के एक और फैसले को लेकर सुर्खियों में है। हाईकोर्ट के जज जस्टिस संजय कुमार सिंह ने हाल ही में एक रेप केस में आरोपी निश्चल चंडक को जमानत देते हुए कहा कि पीड़िता ने खुद मुसीबत को न्योता दिया और वह इसके लिए खुद भी जिम्मेदार है। यह फैसला उस वक्त आया है जब कुछ ही हफ्ते पहले इसी हाईकोर्ट के एक अन्य जज द्वारा दिए गए विवादित फैसले पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही सख्त टिप्पणी कर चुका है।
कुछ दिनों पहले ही हाईकोर्ट में एक दूसरे जज ने किसी भी महिला के ब्रेस्ट को पकड़ने या पजामा खोलने को रेप या रेप की कोशिश मानने से इनकार कर दिया था।
O ‘पीड़िता ने खुद मुसीबत को न्योता दिया’: जमानत देते हुए कोर्ट की टिप्पणी
रेप के आरोपी निश्चल चांडक को बेल देते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह ने अपने आदेश में कहा कि पीड़िता पूरी स्थिति को समझने लायक थी। उसने खुद ही उस परिस्थिति को न्योता दिया जिसमें रेप की यह घटना घटी। इसलिए वह भी इसके लिए जिम्मेदार है।
O यूं हुआ था मामला
घटना सितंबर 2024 की है। एफआईआर के अनुसार, दिल्ली में रह रही पोस्टग्रेजुएट छात्रा ने दोस्तों के साथ रात में हौज खास के एक रेस्टोरेंट में पार्टी की। देर रात करीब 3 बजे वह नशे में थी और उसे सहारे की जरूरत थी। उसने आरोपी निश्चल के साथ उसके घर जाने पर सहमति दी। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने उसे किसी रिश्तेदार के फ्लैट में ले जाकर दो बार रेप किया।
O यह सहमति से संबंध हो सकता है
कोर्ट का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में हाइमन फटा मिला लेकिन यौन शोषण पर डॉक्टर ने स्पष्ट राय नहीं दी। कोर्ट ने यह भी माना कि दोनों बालिग हैं और पीड़िता इस बात को समझने में सक्षम थी कि वह क्या कर रही है।
O कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहले ही दे चुका है कड़ा संदेश
महज कुछ हफ्ते पहले, इलाहाबाद हाईकोर्ट के ही जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा ने एक मामले में कहा था कि ‘स्तन दबाना और पायजामे की डोरी तोड़ना रेप की कोशिश नहीं मानी जा सकती’। इस टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि यह मानवता और कानून दोनों के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस तरह की टिप्पणियां ‘संवेदनहीनता’ को दर्शाती हैं और कानून के मापदंडों से परे हैं।