TTN Desk
12 मई सोमवार को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। यह संबोधन भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में था, जो 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। नीचे संबोधन के मुख्य बिंदु दिए गए हैं…
Oऑपरेशन सिंदूर की सफलता
प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की सैन्य ताकत और दृढ़ निश्चय का प्रतीक बताया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।ऑपरेशन में 100 आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के 40 जवानों के मारे जाने की जानकारी दी गई।
O राष्ट्र की एकजुटता और सैन्य वीरता
मोदी ने देश की एकजुटता पर जोर दिया और कहा कि जब राष्ट्र एक होता है, तो “फौलादी फैसले” लिए जाते हैं। उन्होंने भारतीय सैनिकों की बहादुरी की सराहना की, जिन्हें उन्होंने “फ्री हैंड” देकर परिणाम लाने को कहा था।उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और स्वाभिमान की रक्षा के लिए उठाया गया कदम था।
Oपाकिस्तान को दी चेतावनी
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा, “छेड़ोगे तो छोड़ेंगे नहीं, जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं।” यह बयान सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है।उन्होंने कहा कि भारत ने दुश्मनों को ऐसा सबक सिखाया है, जिसे वे जीवनभर याद रखेंगे।
Oयुद्धविराम और भविष्य की रणनीति
10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम समझौता हुआ, जिसके बाद यह संबोधन हुआ। मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।उन्होंने वैश्विक समुदाय, खासकर अमेरिका और चीन, से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन करें।