बैंक जाकर परिवार ने ली जानकारी तो उड़ गए होश, जांच में जुटी पुलिस
बलिया (एजेंसी)। कोरोना संक्रमण काल में लोग पैसा बचाने की खातिर तमाम जतन कर रहे हैं, ऐसे में अगर आपके बैंक खाता में दस करोड़ रुपया आ जाए तो दहशत स्वाभिक है। ऐसा ही मामला बलिया की एक युवती के साथ हुआ है। बांसडीह थाना क्षेत्र की इंडियन बैंक की शाखा में एक युवती के खाता 9.99 करोड़ रुपए आने से उसका परिवार दहशत के साथ ही हैरानी में भी है।
बांसडीह के रुकूनपुरा में 16 वर्ष की युवती के पिता अहमदाबाद में एक गैराज में काम करते हैं। कल उसके खाता में सोमवार को 9.99 करोड़ रुपया आने पर परिवार के लोगों ने पुलिस को सूचना दी है। जिसके बाद से साइबर सेल को पड़ताल करने के काम में लगाया गया है। उधर घर में बैठे ही बड़ी रकम खाता में आने के कारण 16 वर्षीय युवती के घर के लोग दहशत में हैं। रूकूनपुरा गांव की रहने वाली किशोरी सरोज का इंडियन बैंक (पहले इलाहाबाद बैंक) की बांसडीह शाखा में खाता है। सोमवार शाम उसके मोबाइल फोन पर उसके खाते में नौ करोड़ 99 लाख रुपये जमा होने की जानकारी मिली। इसके बाद तो परिवार हैरानी के साथ ही दहशत से भर गया। सरोज ने तत्काल ही मां के साथ बैंक का रुख किया। वह बैंक में पहुंची और खाते में जमा रकम की जानकारी ली तो बताया गया कि नौ करोड़ 99 लाख चार हजार 736 रुपए है। कर्मचारियों ने बताया कि खाते के लेन-देन पर रोक लगा दी गई है। खाता में दस करोड़ रुपये की बात सुनते ही किशोरी के होश उड़ गये।
पुलिस को दी गयी तहरीर में सरोज ने बताया कि वर्ष 2018 से ही उसका खाता संचालित है। दो वर्ष पहले ही कानपुर देहात जनपद के ग्राम पाकरा, पोस्ट बाधीर से निलेश नाम के व्यक्ति ने सरोज को फोन कर पीएम आवास दिलाने के नाम पर आधार कार्ड व फोटो आदि मांगा। सरोज ने आधार की फोटो काफी व अन्य कागजात उसके बताए पते पर भेज दिया। इसके बाद में सरोज के नाम से डाक से एटीएम कार्ड आया। उसे भी कानपुर के निलेश ने मांगा तो सरोज ने पते पर रजिस्ट्री कर दिया है। इसके साथ सरोज ने एटीएम का पिन भी बता दिया। प्रभारी निरीक्षक बांसडीह, राजेश कुमार सिंह ने बताया कि युवती के खाता में 9 करोड़ 99 लाख रुपये आने की पूरी जांच पुलिस करेगी। उन्होंने कहा कि बैंक के साथ हम इस प्रकरण में पूरा सहयोग करेंगे। दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाएगी।
सिर्फ हस्ताक्षर ही बना पाती है सरोज
रूकूनपुरा की 16 वर्षीय सरोज के पिता अहमदाबाद में किसी गैराज में काम करते हैं। मां देवान्ती के साथ कोतवाली आयी सरोज ने बताया कि वह पढ़ाई नहीं करती है तथा कभी स्कूल भी नहीं गयी है। वह सिर्फ अपना हस्ताक्षर बना पाती है। अपने हस्ताक्षर से ही बैंक में खाता खोली थी। अचानक ही खाते में 10 करोड़ रुपये आने से सरोज व उसका परिवार काफी डरे सहमे हैं।