महाराष्ट्र : पांचवीं तक हिंदी पढ़ने की अनिवार्यता समाप्त

OO महाराष्ट्र सरकार ने क्लास 1 से क्लास 5 तक की पढ़ाई में हिंदी के अनिवार्य करने के फैसले पर रोक लगा दी है. एजुकेशन मंत्री दादा भूसे के कहा है कि हिंदी अनिवार्य नहीं रहेगी. पर तीन भाषा सीखना अनिवार्य होगा, जिसमे मराठी और इंग्लिश अनिवार्य है, तीसरी भाषा अब ऑप्शनल होगी. बच्चे तीसरी भाषा अपनी पसंद से ले सकते हैं.

TTN Desk

महाराष्ट्र में स्‍कूली पढ़ाई के लिए अब हिंदी अनिवार्य भाषा नहीं होगी। राज्य सरकार ने हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने का निर्णय वापस ले लिया है। शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि मराठी अनिवार्य होगी, अंग्रेजी दूसरी भाषा और तीसरी भाषा ऑप्शनल यानी वैकल्पिक होगी।

O सीएम ने पहले ही दे दिए थे संकेत

इससे पहले रविवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा था कि स्टूडेंट्स तीसरी भाषा अपने मन से चुन सकेंगे। हिंदी अनिवार्य नहीं होगी।

O 6 दिन बाद वापस लिया फैसला

आपको बता दें फैसला वापस लेने से 6 दिन पहले यानी बुधवार को ही महाराष्ट्र में 1 से 5वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी अनिवार्य की गई थी। ये फैसला राज्य के सभी मराठी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर लागू किया गया था।

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के नए करिकुलम को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में इन क्लासेज के लिए तीन भाषा की पॉलिसी लागू की गई थी। राज्य के स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने बुधवार को ये घोषणा की थी।

O महाराष्ट्र में 5+3+3+4 मॉडल भी लागू करने का प्लान

वहीं, महाराष्ट्र में NEP का रिकमेंड किया गया 5+3+3+4 मॉडल फेज-वाइज पहले की गई घोषणा के मुताबिक ही लागू किया जाएगा। इस नए स्ट्रक्चर के पहले फेज को नए एकेडमिक ईयर यानी 2025-26 से पहली क्लास के लिए लागू किया जाएगा।