“कुकी समूह दावा किया है कि जिरीबाम में मारे गए लोगो गांव के स्वयंसेवक थे. हालांकि, राज्य पुलिस ने दावे का खंडन करते हुए बताया कि मुठभेड़ ख़त्म होने के बाद घटनास्थल पर बड़ी तादाद में हथियार और गोला-बारूद पाए गए थे.”
TTN Desk
चुराचांदपुर: मंगलवार को चुराचांदपुर में कुकी संगठनों के सदस्यों ने मणिपुर में अशांति के दौरान मारे गए अपने समुदाय के मृतक सदस्यों की याद में नकली ‘ताबूत’ ले निकाली। सैकड़ों लोगों ने इसमें भाग लिया और हाथों में तख्तियां लेकर मारे गए लोगों के लिए न्याय और पहाड़ी क्षेत्रों में एक अलग प्रशासन की मांग की। इससे पहले 11 नवंबर को मणिपुर के जिरीबाम में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सिविल पुलिस के साथ मुठभेड़ में दस उग्रवादी मारे गए थे।
O सीआरपीएफ कांस्टेबल को गोली लगी : पुलिस
मणिपुर पुलिस के एक प्रेस नोट में कहा गया है कि एक सीआरपीएफ कांस्टेबल को गोली लगी है और उसका इलाज चल रहा है। मुठभेड़ स्थल से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। सोमवार को, मणिपुर के कई विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र सरकार से राज्य में सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA) लगाने की समीक्षा करने की मांग भी शामिल थी। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि जिरीबाम में महिलाओं और बच्चों सहित छह लोगों की हत्या के लिए कथित रूप से जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिनों के भीतर एक सामूहिक अभियान शुरू किया जाना चाहिए । इसमें तीन प्रमुख मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की भी मांग की गई है, जो एक महिला की जलकर हुई मौत, छह निर्दोष नागरिकों की हत्या और एक महिला किसान की हत्या से जुड़े हैं। विधायकों ने अपने प्रस्ताव में कुकी उग्रवादियों को महिलाओं और बच्चों सहित छह निर्दोष लोगों की हत्या के लिए “जिम्मेदार” घोषित करने का फैसला किया और उन्हें सात दिनों के भीतर “गैरकानूनी संगठन” घोषित किया जाय।
O गैर कानूनी संगठन घोषित करने की मांग
कुकी उग्रवादियों को 7 दिनों के भीतर ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा जारी प्रस्ताव में कहा गया है, “यदि उपरोक्त प्रस्तावों को निर्दिष्ट अवधि के भीतर लागू नहीं किया जाता है, तो सभी एनडीए विधायक राज्य के लोगों के परामर्श से भविष्य की कार्रवाई का फैसला करेंगे।” साथ ही यह सुनिश्चित किया गया कि केंद्र और राज्य सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी।बैठक में सत्तारूढ़ विधायकों ने “कुछ लोगों” की हरकतों की भी निंदा की, जिन्होंने उन पर हमला किया और उनकी संपत्ति जला दी।
O हथियार और गोला-बारूद बरामद
कुकी समूह दावा किया है कि जिरीबाम में मारे गए लोगो गांव के स्वयंसेवक थे. हालांकि, राज्य पुलिस ने दावे का खंडन करते हुए बताया कि मुठभेड़ ख़त्म होने के बाद घटनास्थल पर बड़ी तादाद में हथियार और गोला-बारूद पाए गए थे.
O हिंसा में अब तक 220 लोगों की हुई मौत
पिछले साल मई से इंफाल घाटी स्थित मैतई और निकटवर्ती पहाड़ी स्थित कुकी समुदाय बीच जारी जातीय हिंसा में अब तक 220 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.