कोरबा।बुधवार को यहां के पाली थाना की पुलिस चौकी चैतमा के ग्राम गोपालपुर स्थित जलाशय के पानी में 2 बोरे और बैकपैक
बैग में कई टुकड़ों में कटी हुई हालत में एक लाश मिली थी।शव का कटा हुआ सर एक अलग बोरी में मिला ।पानी में रहने के कारण सड़ांध पैदा हो गई थी।
शव के साथ एक पासपोर्ट पड़ा था. जिसमें मो वसीम अंसारी नाम लिखा था. वसीम रांची में लोअर बाजार थाना क्षेत्र की रजा कॉलोनी का रहनेवाला है. वह दुबई में काम करने के लिए गया था. हत्या की घटना की सूचना छत्तीसगढ़ पुलिस ने रांची पुलिस को दी है. जिसके आधार पर लोअर बाजार पुलिस ने शव मिलने की जानकारी वसीम के परिजनों को कल बुधवार को ही दे दी . हालांकि अभी शव की पहचान खबर लिखने तक परिजनों ने मो वसीम के रूप में नहीं की है.
परिजन हुए रांची से रवाना
मो वसीम के भाई तहसीम ने बताया कि उन्हें सिर्फ पुलिस के द्वारा बताया गया है कि एक शव मिला है. लेकिन छत्तीसगढ़ जाने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पायेगा. इसलिए परिजन छत्तीसगढ़ निकल रहे हैं. शव के साथ बरामद पासपोर्ट की जांच करने पर छत्तीसगढ़ पुलिस को यह भी पता चला कि वसीम रांची आया हुआ था, लेकिन उसके बाद वह वापस दुबई नहीं लौटा. वसीम एक जुलाई को रांची आया था. हालांकि इस संबंध में पूछने पर तहसीम ने बताया कि वसीम के रांची आने की जानकारी उन्हें नहीं है. वह परिवार के किसी सदस्य से भी नहीं मिला था. लेकिन अब वसीम से कोई संपर्क भी नहीं हो रहा है. उसका मोबाइल भी नहीं लग रहा है. उसका एक भाई भी सऊदी में है उससे वह बकरीद के दिन मिला था।
….मकसद शव की पहचान छुपाना तो पासपोर्ट क्यों छोड़ा
फिलहाल पूरे मामले की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस अपने स्तर से कर रही है.पुलिस यह भी जांच कर रही कि जब मृतक की पहचान न हो सके इसलिए यूं उसके शव को ठिकाने लगाया गया फिर उसका पासपोर्ट,आधार कार्ड कैसे छोड़ दिया गया।क्या ये पुलिस को भरमाने की कोई चाल है या फिर हत्या करने वालों को ये यकीन था कि शव मिलेगा ही नहीं और कागज भी पानी में खराब हो जाएंगे।एक बड़ा सवाल ये भी कि यदि शव वसीम का ही है तो फिर उसने अपने स्वदेश और रांची आने की बात क्यूं अपने परिजनों को नहीं बताई।बहरहाल मामला पुलिस के लिए चुनौती भरा है।