TTN Desk
बैतूल की कोयला नगरी पाथाखेड़ा के बगडोना में सोमवार की सुबह भाजपा नेता का शव उनके शयन कक्ष में मिला। सिर में गोली लगने से उनकी मौत हुई। पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है।
बेटा टिफिन लेने आया और पता चला…
पाथाखेड़ा थानाधिकारी वंशराज श्रीवास्तव ने बताया कि मृतक रवि देशमुख (40) बगडोना में कम्प्यूटर का व्यवसाय करता था। आज सुबह उसकी पत्नी व अन्य परिजन मंदिर गए थे। बेटा स्कूल गया था, लेकिन अपना टिफिन घर पर भूल गया और जब वापस बेडरूम में लौटा तो पिता मृत पड़े थे। उनके सिर में गोली लगी थी। पास में ही पिस्टल पड़ी थी। बेटे ने जब यह देखा तो उसने घर की ऊपरी मंजिल में रहने वाले बड़े पापा व पड़ोसी को घटना की सूचना दी। पोस्टमास्टर ने बताया कि रवि की आर्थिक स्थिति अच्छी है। वह व्यवहारिक व्यक्ति था। एसडीओपी रोशन जैन के अनुसार रवि की मौत गोली लगने से हुई है, जिसकी जांच की जा रही है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह आत्महत्या है या हत्या। प्रथम दृष्टया आत्महत्या ही मानी जा रही है, लेकिन फिलहाल पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। घटना की जांच और जांच के लिए नर्मदापुरम से फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है। जो मौके पर जाकर जांच करेगी। एसडीओपी ने बताया कि मृतक के शव की अभी जांच नहीं की गई है। जांच टीम का इंतजार किया जा रहा है। घटनास्थल पर गोली की तलाश की जा रही है।
मंडल भाजपा के उपाध्यक्ष थे, सबसे ज्यादा सदस्य बनाए
रवि देखमुख भाजपा मंडल के उपाध्यक्ष थे। उन्हें हाल ही में सबसे अधिक सदस्य बनाने के लिए सम्मानित भी किया गया था। भाजपा जिला महामंत्री कमलेश सिंह ने बताया कि रवि पार्टी के सक्रिय पदाधिकारी थे। हाल ही में चलाए गए सदस्यता अभियान में उन्होंने सबसे अधिक हजार सदस्य स्वयं और हजार सदस्य भाजपा के बनाए थे। इसके लिए प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज जोशी ने भी उन्हें बधाई दी थी। उन्हें भोपाल में भी सम्मानित किया जाना था।
ये है रवि के परिवार में
रवि के बड़े भाई देवेंद्र भी मोबाइल की दुकान चलाते हैं। जबकि छोटा भाई इंदौर में काम करता है। पिता भी रवि के साथ रहते हैं, लेकिन फिलहाल इंदौर में हैं। रवि की पत्नी किरण और 13 साल का बेटा तन्मय है। जो कक्षा 9 में पढ़ता है।
पिछले महीने की थी रवि के दोस्त ने आत्महत्या
एक महीने पहले 10 सितंबर को रवि के दोस्त अनिल खबासे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसका सुसाइड नोट भी सामने आया था। मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया था।