OO पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बस्तर न्याय यात्रा का किया नेतृत्व।
OO यात्रा का उद्देश्य: जल, जंगल, जमीन और खनिज संसाधनों के निजीकरण का विरोध।
OO आदिवासियों के हितों की रक्षा, पलायन और कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल।
TTN Desk
बस्तर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में “बस्तर न्याय यात्रा” का आयोजन किया है। यह यात्रा बस्तर क्षेत्र के जल, जंगल और जमीन से जुड़े गंभीर मुद्दों, आदिवासियों के हितों के हनन, बढ़ते पलायन और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ सरकार पर दबाव बनाने का एक बड़ा प्रयास है।
O अडाणी पर कांग्रेस का सीधा हमला: खनिज निजीकरण का विरोध
यात्रा के दौरान, कांग्रेस ने सीधे तौर पर केंद्र और राज्य सरकार पर बस्तर के खनिज संसाधनों को निजी हाथों में सौंपने का आरोप लगाया है, जिसमें विशेष रूप से अडाणी समूह को निशाना बनाया गया है। भूपेश बघेल ने कहा कि “बस्तर का जल, जंगल, जमीन, खनिज यहां के आदिवासियों का है और इस पर किसी भी कॉर्पोरेट घरानों का हक नहीं है।” कांग्रेस का कहना है कि यह “संसाधन बचाओ” अभियान है, जिसका उद्देश्य बस्तर की प्राकृतिक संपदा को बचाना है।
O आदिवासी हितों की अनदेखी और पलायन का मुद्दा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौजूदा भाजपा सरकार पर बस्तर से बड़े पैमाने पर पलायन होने और आदिवासियों को बदहाली की ओर धकेलने का आरोप लगाया है। उन्होंने तेंदूपत्ता संग्रहण में आदिवासियों को आ रही समस्याओं और नक्सल विरोधी अभियानों में निर्दोष आदिवासियों की कथित हत्याओं का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। कांग्रेस का कहना है कि सरकार आदिवासियों के अधिकारों की अनदेखी कर रही है और उन्हें उनकी ही जमीन से बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है।पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी की गारंटी के बावजूद नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण की प्रक्रिया जारी है।
O बिगड़ती कानून व्यवस्था पर घेरा सरकार को
कांग्रेस ने राज्य में हत्या, लूट, चाकूबाजी और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताई है। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है। यह यात्रा बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ एक सशक्त विरोध प्रदर्शन भी है।
O झीरम घाटी और शराब घोटाला: जांच पर उठाए सवाल
भूपेश बघेल ने झीरम घाटी हमले की जांच में केंद्र सरकार द्वारा कथित रोक लगाने और शराब घोटाला व कोल घोटाला जैसे मामलों में केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि “केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।”
O राजनीतिक समीकरण: खोया जनाधार वापस पाने की कवायद
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस यात्रा के पीछे कांग्रेस का एक बड़ा उद्देश्य बस्तर में अपने खोए हुए वोट बैंक को वापस हासिल करना भी है। बस्तर पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रहा है, और विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस यहां अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने का प्रयास कर रही है। यह यात्रा आगामी चुनावों से पहले जनता से जुड़ने और अपनी पकड़ मजबूत करने की कवायद मानी जा रही है।
O यात्रा का मार्ग और समापन
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के नेतृत्व में यह यात्रा किरंदुल से दंतेवाड़ा तक लगभग 40 किलोमीटर की पदयात्रा के रूप में शुरू हुई है। यात्रा का समापन दंतेवाड़ा जिला कार्यालय के घेराव के साथ होगा, जहां कांग्रेस अपनी मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपेगी।