बड़ी खबर : यूक्रेन का रूस पर एक और बड़ा हमला, क्रीमिया ब्रिज क्षतिग्रस्त

OO यूक्रेन की सैन्य रणनीति का एक और मास्टरस्ट्रोक, क्रीमिया ब्रिज पर अंडरवाटर ड्रोन हमला। रूस की प्रतिक्रिया पर टिकी है अब दुनिया की निगाह

TTN Desk

3 जून 2025 को यूक्रेन ने रूस के लिए एक और बड़ा झटका देते हुए क्रीमिया को रूस से जोड़ने वाले रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्रीमिया ब्रिज (केर्च ब्रिज) पर एक साहसिक हमला किया। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए दावा किया कि उन्होंने 1,100 किलोग्राम विस्फोटकों का उपयोग कर ब्रिज के एक हिस्से को नष्ट कर दिया। यह हमला यूक्रेन की सैन्य रणनीति में एक और बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जिसने रूस की सैन्य आपूर्ति लाइन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

O ऑपरेशन स्पाइडरवेब – यूक्रेन की साहसिक रणनीति

यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने इस हमले को “ऑपरेशन स्पाइडरवेब” का हिस्सा बताया, जिसके तहत रूस के सैन्य ठिकानों और महत्वपूर्ण ढांचागत सुविधाओं को निशाना बनाया जा रहा है। इस ऑपरेशन के तहत यूक्रेन ने न केवल क्रीमिया ब्रिज को निशाना बनाया, बल्कि रूस के चार सैन्य हवाई अड्डों पर भी ड्रोन हमले किए, जिसमें करीब 40 रूसी युद्धक विमानों को नष्ट करने का दावा किया गया है। SBU प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वासिल मालियुक ने कहा, “हमने 2022 और 2023 में भी क्रीमिया ब्रिज को निशाना बनाया था, और आज हमने इस परंपरा को जारी रखा।”हमले में यूक्रेन ने अंडरवाटर ड्रोन (संभवतः मारिचका या तोलोका) का इस्तेमाल किया, जिसे ब्रिज के पिलर के नीचे 1,100 किलोग्राम विस्फोटकों के साथ लगाया गया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि ब्रिज का एक पिलर पूरी तरह नष्ट हो गया, जिससे यातायात ठप हो गया और रूस की सैन्य आपूर्ति लाइन पर गंभीर असर पड़ा।

O 19 किलोमीटर लंबे क्रीमिया ब्रिज का है रणनीतिक महत्व

क्रीमिया ब्रिज, जिसे केर्च ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, रूस और 2014 में अवैध रूप से कब्जाए गए क्रीमिया प्रायद्वीप को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण ढांचा है। 19 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज रूस के लिए एक प्रमुख सैन्य और आर्थिक आपूर्ति मार्ग है, जिसके जरिए रूसी सेना को हथियार, ईंधन और अन्य सामग्री पहुंचाई जाती है। यूक्रेन ने इसे बार-बार निशाना बनाया है, क्योंकि यह रूस की सैन्य रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। SBU ने कहा, “क्रीमिया ब्रिज एक वैध सैन्य लक्ष्य है, क्योंकि यह रूसी सेना की आपूर्ति का मुख्य जरिया है।”इससे पहले 2022 में एक ट्रक बम हमले और 2023 में समुद्री ड्रोन हमले में भी ब्रिज को नुकसान पहुंचा था। इस बार का हमला अब तक का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावी माना जा रहा है, क्योंकि अंडरवाटर विस्फोट ने ब्रिज की संरचना को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया।

O रूस की प्रतिक्रिया और प्रभाव

रूस ने अभी तक इस हमले पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन स्थानीय टेलीग्राम चैनलों ने बताया कि हमले के बाद ब्रिज पर यातायात सुबह 6 बजे से 9 बजे तक बंद रहा। क्रेमलिन से जुड़े मैश चैनल ने दावा किया कि एक यूक्रेनी ड्रोन के मलबे के कारण ब्रिज को नुकसान पहुंचा, जबकि क्रिमियन विंड चैनल ने दोपहर 3 बजे के आसपास एक और बड़े विस्फोट की सूचना दी। रूस के रक्षा मंत्रालय से जुड़े रायबार चैनल ने संभावना जताई कि हमले में धीमी गति वाले अंडरवाटर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।इस हमले ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बढ़ा दिया है, खासकर तब जब यूक्रेन ने हाल ही में रूस के सैन्य हवाई अड्डों पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए, जिसमें 7 अरब डॉलर के विमानों को नष्ट करने का दावा किया गया। रूसी सैन्य टिप्पणीकारों ने इन हमलों को “रूस की पर्ल हार्बर” और “लंबी दूरी की विमानन के लिए काला दिन” करार दिया।

O यूक्रेन की ड्रोन रणनीति और तकनीकी कौशल

यूक्रेन ने इस युद्ध में ड्रोन तकनीक में अपनी विशेषज्ञता का लोहा मनवाया है। इस हमले में इस्तेमाल किए गए ड्रोन को मॉड्यूलर घरों के रूप में छिपाकर ट्रकों पर लादा गया था, जिन्हें रूसी क्षेत्र में ले जाया गया। वहां से रिमोटली छत खोलकर ड्रोन को सक्रिय किया गया। यह रणनीति यूक्रेन की 18 महीने की सावधानीपूर्वक योजना का हिस्सा थी, जिसने रूस के सुदूर साइबेरिया तक हमले को संभव बनाया।यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इस हमले को अब तक का सबसे बड़ा लंबी दूरी का हमला बताया। उन्होंने कहा कि यह रूस की सैन्य ताकत को कमजोर करने और यूक्रेन की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।