OO शिक्षा के क्षेत्र में अपने संस्थान सुपर 30 से नए मानदंड स्थापित करने वाले शिक्षाविद् पद्मश्री आनंद कुमार का कहना है कि स्मार्ट मोबाइल के साथ सोशल मीडिया के इस दौर में बच्चों को अभिभावक समय दे,उनसे भावनात्मक लगाव मजबूत कर बताए कि सही गलत क्या है ? उन्होंने बच्चों से कहा कि कोई एक टेस्ट या परीक्षा में पीछे रह जाने से कोई जिंदगी पूरी नहीं हो जाती।विषय को पहले समझे फिर अपने आप ही पढ़ने में मजा आने लगेगा।
OO पद्मश्री आनंद कुमार अंचल के प्रतिष्ठित न्यू एरा पब्लिक स्कूल के परिसर में जूनियर विंग के उद्घाटन समारोह में शामिल होने कोरबा आए थे।उन्होंने अभिभावकों और छात्र छात्राओं के पूछे प्रश्नों का सहजता से अपनी विशिष्ट शैली में जवाब देते हुए उनका अध्ययन,कैरियर,प्रतियोगी परीक्षा को ले कर मार्गदर्शन दिया।इस आयोजन को ले कर न्यू एरा पब्लिक स्कूल के संचालक किशोर साहू,प्रिंसिपल डी एस राव और उनकी टीम का लोगों ने धन्यवाद दिया है।
TTN Desk
कोरबा: सुपर 30 जैसे अनोखे कोचिंग संस्थान के संस्थापक पद्मश्री आनंद कुमार एक स्कूल के इनॉग्रेशन कार्यक्रम में कोरबा पहुंचे. इस दौरान आनंद कुमार ने अपने विचार रखते हुए बताया की देश के एजुकेशन सिस्टम में वह किस तरह का सुधार करना चाहते हैं.
आनंद कुमार कोरबा के न्यू एरा स्कूल पहुंचे हुए थे. यहां एक प्ले स्कूल की शुरुआत की गई है. आगे चलकर एक टेस्ट और इस टेस्ट के आधार पर संसाधन विहीन मेरिट में नाम बनाने वाले बच्चों को आईआईटी जैसे संस्थानों के लिए तैयार करने की निशुल्क व्यवस्था की तैयारी है. फिलहाल यह योजना बेहद शुरुआती स्तर पर है.
O ऑन लाइन प्लेटफॉर्म शीघ्र ही लॉन्च होगा
सुपर-30 के संस्थापक व पद्मश्री आनंद कुमार ने कहा की शिक्षा के क्षेत्र में अधिक से अधिक छात्रों तक पहुंचने के लिए उपलब्ध तकनीक को अपनाया होगा। यह समय की जरुरत हो गई है। सुपर-30 ने मुझे गरीबों की बढ़ती आकांक्षाओं को समझने में मदद की और जो छात्र पास हुए उनमें से कई ने शिक्षा की शक्ति के कारण पीढ़ीगत बदलाव के बारे में उज्ज्वल प्रदर्शन किया। शिक्षा को हर जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए जल्द ही एक नया ऑनलाइन शैक्षणिक प्लेटफार्म लॉन्च किया जाएगा, जो उनकी अग्रणी सुपर-30 पहल का एक विस्तारित संस्करण होगा।
O शिक्षा में सुधार के लिए टीचर्स ट्रेनिंग जरूरी,वे अपडेट हो आवश्यक
देश में जो वर्तमान एजुकेशन सिस्टम है उसमें सुधार की जरूरत महसूस करते हुए उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो टीचर्स ट्रेनिंग की जरूरत है. एक बहुत अच्छा सवाल आया कि आज सरकारी स्कूल में जो शिक्षक हैं, वह खुद ही अपने बच्चों को वहां नहीं पढ़ाते . यह बेहद दुर्भाग्य की बात है. शिक्षकों से आग्रह है कि आप पढ़िए, अपने आप को अपडेट करिए. हर चीज सरकार पर मत डालिए. यदि आप अच्छे से पढ़ते हैं तो आपका बच्चा भी सरकारी स्कूल में पढ़ेगा. आपको बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. आपको भगवान ने सरकार ने समाज ने जिम्मेदारी दी है. बच्चों का भविष्य बदल के आप बहुत सुकून महसूस करेंगे. इसलिए शिक्षकों से अपील है कि जितना हो सके जितनी कोशिश कर सकें गरीब बच्चों को ऐसी पढ़ाई दें, ताकि जो प्राइवेट बड़े स्कूल और सरकारी स्कूल के बीच की खाई खत्म हो सके. इस दिशा में काम होना चाहिए.
O शिक्षा का स्तर सुधारने छत्तीसगढ़ सरकार है प्रयासरत
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर सुधारने प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भी समय समय पर अनुभवी शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किए जाने की योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा के लिए यहां के बच्चों को भी जोड़ने की कवायद को लेकर रायपुर डीएम (कलेक्टर) के साथ साथ प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी से उनकी चर्चा हुई है। इस दिशा में सभी के प्रयास से जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे अपने स्कूल में बच्चों को आज की आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ सकें।
O प्रेरक कहानियां बताए अभिभावक
डॉ आनंद कुमार ने कहा कि अभिभावकों को बच्चों को समय देना होगा।उन्हें ये भी बताना होगा कि सोशल मीडिया में सही गलत क्या है ताकि वे भटके नहीं।सोशल मीडिया पर ही टेड टॉक जैसे कार्यक्रम भी है ,जिसमें महान विभूतियों के जीवन संघर्ष को बताया गया है।सफल लोगों के साथ साथ बच्चों को अपने खुद के जीवन का संघर्ष भी बताए।
O बचपन की दोस्ती सच्ची,फिर तो सब धंधपानी
उन्होंने बच्चों से कहा कि सबसे पहले जरूरी है विषय को समझना जब ऐसा होगा तो फिर पढ़ने में मजा आने लगेगा।बचपन के दोस्त ही सच्चे होते ,ऐसे दोस्तों से खुल कर बात करें,कभी संकोच न करें।बड़े हो कर करियर ग्रोथ के साथ जो साथी बनते अमूमन उनमें कोई न कोई मतलब होता।कोई शंका हो तो उसके समाधान के लिए पूछने में संकोच न करें।