TTN Desk
छत्तीसगढ़ में रेल कनेक्टीविटी बढ़ाने पर लगातार काम होने का दावा रेलमंत्री ने कांकेर सांसद को लिखित जवाब में दिया है। रेलमंत्री ने यह भी दावा किया है, कि छत्तीसगढ़ में एक नई रेलवे लाइन के लिए सर्वे को मंजूरी मिल गई है। जो धमतरी से कोंडागांव तक 183.19 किमी नई रेलवे लाइन के लिए रेल मंत्रालय द्वारा सर्वे को मंजूरी दी गई है। बुधवार को केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने रावघाट परियोजना पर भी लेटेस्ट अपडेट साझा किया।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, इसके अतिरिक्त कांकेर जिले की रेल कनेक्टिविटी को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए, धमतरी से कोंडागांव तक 183.19 किमी नई रेल लाइन के लिए सर्वेक्षण स्वीकृत किया गया है। यह नई लाइन बांसकोट और अमरावती होते हुए गुजरेगी। इस रेलवे ट्रैक का काम पूरा होने के बाद कांकेर क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
दरअसल, कांकेर सांसद भोजराज नाग ने लोकसभा में प्रश्न रखा कि क्या धमतरी रेलवे लाइन को कांकेर शहर से जगदलपुर तक विस्तारित करने का कोई प्रस्ताव है केन्द्रीय रेल मंत्री ने अपना जवाब सदन में रखा। इस दौरान उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा कांकेर जिले में रेल कनेक्टिविटी में सुधार लाने के लिए कदम उठाए हैं। इसके तहत, दल्लीराजहरा- रावघाट-जगदलपुर रेल लाइन परियोजना (कुल लंबाई 235 किमी) को दो चरणों में क्रियान्वित किया जा रहा है।
O रावघाट परियोजना 77 किमी का काम पूरा
वैष्णव ने बताया कि, दल्लीराजहरा से रावघाट 95 किमी का प्रथम चरण पूर्णता की ओर है। इस चरण में दल्लीराजहरा से ताडोकी तक 77 किमी तक की लाइन चालू कर दी गई है। इस परियोजना पर 31 मार्च 2024 तक कुल 1,028 करोड़ का व्यय किया जा चुका है। इसी प्रकार रावघाट से जगदलपुर 140 किमी तक रेलवे लाइन दूसरे चरण में बिछाई जानी है। इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है।
O दूसरे विश्वयुद्ध के पहले थी नैरोगेज लाइन
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद 1944 के आसपास धमतरी से कोंडागांव के बीच नैरोगेज रेललाइन थी, जिसे बंद कर दिया गया था। इस ट्रैक पर ट्रेन भाप के इंजन से चलती थी। उसके बाद से रायपुर से बस्तर का रेल संपर्क बंद है, जिसे अब फिर शुरू करने की तैयारी है।
धमतरी से कोंडागांव के बीच उसी पुरानी तथा जंगल में गायब हो चुकी रेललाइन का सर्वे फिर से करने के लिए केंद्रीय रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने मंजूरी दे ही है। इस रेललाइन को लेकर लगभग पांच साल पहले हुए आंदोलन हो चुका है और राजनीतिक दलों ने इसे शुरू करने की शुरू से साझा कोशिशें की हैं। अब जाकर मिली मंजूरी के बाद इस रेललाइन के जरिए आने वाले कुछ साल में रायपुर से जगदलपुर सीधे रेल मार्ग से जुड़ जाएगा।
O पहले भी इस लाइन के सर्वे की हुई थी पहल
रेलवे बोर्ड ने कुछ साल पहले इसी रूट पर कांकेर से बांसकोट और अमरावती होते हुए कोंडागांव तक बड़ी रेललाइन के सर्वे की पहल भी की थी। बोर्ड के अधिकारियों ने तब कहा था कि धमतरी से चारामा होते हुए कांकेर तक 60 किमी रेललाइन आसानी से बिछाई जा सकती है।
O सभी दलों से उठी इस रेललाइन के लिए आवाज
धमतरी से कोंडागांव तक रेललाइन की मांग दो दशक से ज्यादा पुरानी है। इसके लिए कांग्रेस और भाजपाा, दोनों के ही बैनर पर कई बार आंदोलन हुए हैं। पूर्व सांसद फूलोदेवी नेताम भी धमतरी तक बन रही बड़ी रेललाइन को चारामा, कांकेर तक बढ़ाने की चिट्ठी लिख चुकी हैं। इसी को कांकेर-केशकाल-कोंडागांव तक बढ़ाने के लिए आवाज उठ रही है। अभी बस्तर तक एक रेललाइन दुर्ग-अंतागढ़ होकर आगे बढ़ रही है।