एलन मस्क ने की नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा: ट्रंप के साथ बढ़ता टकराव
TTN Desk
प्रसिद्ध उद्योगपति और टेस्ला व स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने हाल ही में अमेरिका में एक नई राजनीतिक पार्टी, जिसे संभावित रूप से ‘द अमेरिका पार्टी’ नाम दिया गया है, शुरू करने की चर्चा छेड़ी है। यह कदम मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बढ़ते तनाव के बाद सामने आया है, जो कभी घनिष्ठ सहयोगी हुआ करते थे। मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोल के जरिए जनता की राय मांगी, जिसमें 80% लोगों ने नई पार्टी के गठन का समर्थन किया।
O नई पार्टी की घोषणा, पोल और जनता का समर्थन
मस्क ने X पर एक सर्वेक्षण शुरू किया, जिसमें पूछा गया कि क्या अमेरिका को एक नई राजनीतिक पार्टी की जरूरत है, जो मध्यम वर्ग के 80% लोगों का प्रतिनिधित्व करे।पोल में 41 लाख से अधिक वोट पड़े, जिसमें 81% लोगों ने नई पार्टी के पक्ष में मतदान किया।मस्क ने संभावित पार्टी का नाम ‘द अमेरिका पार्टी’ सुझाया, जिसे उन्होंने देश की भावना का प्रतीक बताया।उन्होंने X पर लिखा, “जनता ने अपना फैसला सुना दिया है, यह नियति है,” और बाद में सिर्फ “द अमेरिका पार्टी” पोस्ट किया।प्रेरणा और उद्देश्यमस्क का कहना है कि नई पार्टी का उद्देश्य मौजूदा दो-पक्षीय व्यवस्था (डेमोक्रेट और रिपब्लिकन) से अलग, मध्यम वर्ग के हितों को प्राथमिकता देना है।यह कदम अमेरिकी राजनीति में तीसरे विकल्प की जरूरत को दर्शाता है, जो पारंपरिक दलों से असंतुष्ट मतदाताओं को आकर्षित कर सकता है।
O क्यों बड़ा ट्रंप के साथ टकराव
अब तक की कहानी एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप के बीच संबंध पहले सहयोगी रहे, लेकिन हाल के महीनों में नीतिगत असहमति और व्यक्तिगत अहंकार के कारण तनाव बढ़ गया है।
O प्रारंभिक दोस्ती और सहयोग
2016 में मस्क ट्रंप के आलोचक थे, लेकिन 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने ट्रंप का समर्थन किया और प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाई।ट्रंप ने मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) का नेतृत्व सौंपा, जिसका लक्ष्य सरकारी खर्च में कटौती करना था।मस्क ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया और उनकी नीतियों का समर्थन किया, जैसे अवैध आव्रजन पर सख्ती।
O नीतिगत असहमति और टकराव की शुरुआत
विवाद की शुरुआत तब हुई जब ट्रंप ने ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ पेश किया, जिसमें टैक्स कटौती, बॉर्डर सुरक्षा और ऊर्जा नीतियों में बदलाव शामिल थे। मस्क ने इस बिल को “घृणास्पद” और बजट घाटे को बढ़ाने वाला बताया।मस्क ने दावा किया कि बिल को जल्दबाजी में पारित किया गया और इसे ठीक से पढ़ा तक नहीं गया।ट्रंप ने जवाब में कहा कि मस्क को बिल की जानकारी थी और उन्होंने पहले कोई आपत्ति नहीं जताई थी। ट्रंप ने मस्क की आलोचना को “अकृतज्ञता” करार दिया।
O बढ़ती सार्वजनिक बयानबाजी और तल्खी
मस्क ने X पर पोस्ट किया कि उनके बिना ट्रंप 2024 का चुनाव हार जाते, डेमोक्रेट्स हाउस पर कब्जा कर लेते, और रिपब्लिकन सीनेट में केवल 51-49 की बढ़त रख पाते।ट्रंप ने मस्क की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने टेस्ला और स्पेसएक्स के लिए बहुत समर्थन दिया, लेकिन मस्क अब उनकी नीतियों को गलत ठहरा रहे हैं।दोनों के बीच “एहसान फरामोश” और “मानसिक रोगी” जैसे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, जिसने विवाद को और हवा दी।
O क्या हैजेफरी एपस्टीन विवाद जिसमें आया ट्रंप का नाम
मस्क ने ट्रंप और जेफरी एपस्टीन की कथित दोस्ती को उजागर करते हुए एक पोस्ट रीशेयर की, जिसमें दावा किया गया कि ट्रंप का नाम एपस्टीन से जुड़े दस्तावेजों में है।ट्रंप ने 2019 में एपस्टीन की गिरफ्तारी के बाद उनसे दूरी बना ली थी, लेकिन 1980 और 2000 के दशक में उनकी दोस्ती को लेकर मस्क का यह कदम विवादास्पद रहा।
O मस्क का प्रशासन से अलग होना
मई 2025 में मस्क ने ट्रंप प्रशासन से इस्तीफा दे दिया, जिसे उन्होंने अपने 130-दिवसीय कार्यकाल की समाप्ति बताया। हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि यह फैसला व्हाइट हाउस के वरिष्ठ कर्मचारियों ने लिया।इस्तीफे के बाद मस्क ने ट्रंप की नीतियों की खुलकर आलोचना शुरू की और नई पार्टी की चर्चा को हवा दी।सोशल मीडिया पर हलचल:X पर मस्क की नई पार्टी की घोषणा ने तहलका मचा दिया। कई यूजर्स ने इसे ट्रंप के खिलाफ सीधा हमला बताया।कुछ यूजर्स ने मजाक में कहा कि मस्क और ट्रंप के बीच अगला चुनाव हो सकता है, जबकि अन्य ने मस्क की पार्टी को अमेरिकी राजनीति में नया मोड़ बताया।
O अमेरिका की राजनीति में हलचल
एलन मस्क की नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा अभी विचार के स्तर पर है, लेकिन यह अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा रही है। ट्रंप और मस्क के बीच बढ़ता टकराव, जो नीतिगत असहमति और व्यक्तिगत अहंकार से उपजा है, ने इस संभावित पार्टी को और सुर्खियों में ला दिया है। मस्क की सोशल मीडिया पहुंच और प्रभाव को देखते हुए, ‘द अमेरिका पार्टी’ अमेरिकी राजनीति में एक नया युग शुरू कर सकती है, खासकर यदि यह मध्यम वर्ग के असंतोष को आवाज दे पाए।