देखें तस्वीरें.. कोरबा ,कुसमुंडा,गेवरा,दीपका के भू विस्थापितों ने एसईसीएल मुख्यालय गेट पर किया अर्धनग्न प्रदर्शन,मांगे न मानी तो कराएंगे खदान बंद

बिलासपुर। एसईसीएल मुख्यालय गेट के सामने भूविस्थापितों ने सोमवार को दोपहर अपनी लंबित मांगों को लेकर अर्धनग्न प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी कुसमुंडा और गेवरा क्षेत्र से पहुंचे हुए थे, जिन्होंने अपनी प्रमुख मांगों में रोजगार, अधिग्रहीत जमीन की वापसी, पुनर्वास और बसावट की मांग की। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि एसईसीएल ने उनकी भूमि तो अधिग्रहित कर ली, लेकिन अब तक उन्हें रोजगार और पुनर्वास के अवसर नहीं मिले। वे कई वर्षों से इन समस्याओं का समाधान चाह रहे थे, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि अपनी समस्या को लेकर पहले खदान एरिया में प्रदर्शन किया। उनकी मांगों पर SECL प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया तब उन्होंने मुख्यालय का रुख किया है। किसान सभा के बैनर तले SECL मुख्यालय पहुंचे।प्रदर्शनकारियों का कहना है कि, फर्जी दस्तावेजों से नौकरियां करने वाले ज्यादातर लोग चिरमिरी, गेवरा और कुसमुंडा की कोयला खदानों में काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों की लंबी लिस्ट भी है। जिन्हें नियम-कानून को दरकिनार कर नौकरी दे दी गई है। वहीं, सालों से अपनी जमीन देने वाले किसान और विस्थापितों की समस्याओं पर प्रबंधन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।प्रदर्शनकारियों को रोकने पुलिस बल तैनात किया गया है।

O प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी, जमकर बोला हल्ला

एसईसीएल मुख्यालय के सामने भू-विस्थापित ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने बताया कि इससे पहले वो अपनी लंबित रोजगार प्रकरणों एवं भू विस्थापितों की अन्य समस्याओं को लेकर स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से चर्चा की और प्रदर्शन भी किया।कई बार की बातचीत के बाद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है, जिसकी वजह से उन्हें बिलासपुर मुख्यालय आकर आंदोलन करना पड़ रहा है।

O समाधान न हुआ तो कराएंगे कोयला खदान बंद

इस प्रदर्शन के दौरान कई युवाओं ने अर्धनग्न होकर अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया और SECL प्रबंधन तथा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे 1 जनवरी से अनिश्चितकालीन खदान बंद आंदोलन शुरू करेंगे। यह आंदोलन छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित एकता संघ के नेतृत्व में चल किया गया है.