OO बिहार दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। राहुल गांधी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। राहुल गांधी दरभंगा दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने युवाओं के साथ संवाद किया। छात्रों से बातचीत की। उसके बाद बताया जा रहा है कि जिला कल्याण पदाधिकारी की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।एफआईआर दर्ज होने पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मेरे ऊपर 30-32 केस हैं. ये सभी मेरे मेडल हैं.
TTN Desk
इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और नेता विपक्ष राहुल गांधी लीक पर चलने वाले नहीं हैं और इस बात को उन्होंने कई बार साबित किया है. हालांकि यह भी सच है कि वे कुछ ऐसा करना चाहते हैं, जिससे वे चर्चा में बने रहें. इसलिए जब भी वे एनडीए के दलों द्वारा शासित राज्य में जाते हैं तो कुछ ऐसा करते भी है कि फोकस उन पर हो ही जाता है. अब बिहार में देखिए, राहुल गांधी को गुरुवार को दरभंगा के टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करनी थी, लेकिन ऐन वक्त पर प्लान चेंज कर दिया गया और यह तय किया गया कि अब वे आंबेडकर हॉस्टल में ही छात्रों के बीच जाएंगे. ऐसा पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी ने प्रशासन से टकराव का रास्ता चुना हो, इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है.
दरभंगा में गुरुवार को राहुल गांधी को नगर परिषद के पास स्थित टाउन हॉल में आना था. कांग्रेस नेता डॉ. मदन मोहन झा ने जिला प्रशासन से इस बाबत अनुमति भी ली थी. अगर राहुल गांधी टाउन हॉल में कार्यक्रम करते तो बात आई गई वाली हो जाती, जबकि इस समय कांग्रेस को एक हाइप की जरूरत है. राहुल गांधी इस बात को तो भलीभांति जानते हैं कि हेडलाइन कैसे बनने वाली है. यह कोई नहीं पूछेगा कि अगर कार्यक्रम टाउन हॉल में था तो आंबेडकर हॉस्टल में जाने की जरूरत क्या थी? लोग तो टीवी पर बस यह देखेंगे कि राहुल गांधी को बिहार पुलिस आगे नहीं जाने दे रही है.
O यह सब सोची समझी रणनीति
जानकार मानते है कि यह सब सोची समझी रणनीति के तहत किया गया. ऐसा करके राहुल गांधी की पॉलिटिक्स को टकराव वाली बनाने की कोशिश की जा रही है और यह कोशिश जाने कब से हो रही है. ऐसा करके यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि पीएम मोदी और भाजपा से अगर कोई टक्कर ले सकता है तो वो हैं राहुल गांधी. इसलिए राहुल गांधी को हॉस्टल की ओर ले जाया गया और जाहिर है कि वहां धारा 163 लागू था तो पुलिस तो रोकेगी ही. इस बारे में दरभंगा के डीएम राजीव रौशन ने पहले ही बता दिया था कि आंबेडकर हॉस्टल शैक्षणिक जगह है और वहां कोई राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जा सकती.
O … और टकराव ही हो ही गया
दरभंगा के डीएम ने यह भी कहा था कि वीवीआईपी की सुरक्षा के लिहाज से अन्य कहीं भी कार्यक्रम करने की इजाजत देना सही नहीं था. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता सुरक्षा और कानून व्यवस्था को संभालने की है. फिर भी टकराव हुआ, क्योंकि राहुल गांधी के कार्यक्रम की जगह बदल दी गई. दरअसल, कांग्रेस दलित छात्रों के माध्यम से एक बड़े वर्ग को साधने की फिराक में है. राहुल गांधी दलित छात्रों के बीच जाकर राज्य सरकार की व्यवस्था को शैक्षणिक अराजकता करार देने के फिराक में थे. अब अगर वे टाउन हॉल में नॉर्मल तरीके से अपनी बात रखते तो कम लोगों तक यह बात पहुंचती, लेकिन जब उनको रोका गया तो जाहिर सी बात है कि देश भर की मीडिया का ध्यान इस ओर गया.
O अपने दांव में सफल हुए राहुल
राहुल गांधी ने आजमाया हुआ दांव यहां भी खेला. उन्हें पुलिस प्रशासन ने रोका तो वे पैदल ही आंबेडकर हॉस्टल की ओर बढ़ चले. जाहिर सी बात है कि वे टकराव के मूड में थे और इस टकराव से उपजी लहर अपने पक्ष में भुनाने के पक्ष में थे. राहुल गांधी अपनी इस कोशिश में सफल रहे. प्रशासन ने उन्हें भले ही रास्ते में रोका पर राहुल गांधी को मंजिल तक जाने से नहीं रोक पाया. राहुल गांधी ने दलित छात्रों से संवाद स्थापित कर अपनी यात्रा के मकसद को हासिल कर लिया. प्रशासन ने रोका तो उनको एक बहाना भी मिल गया कि राज्य सरकार उनकी आवाज दबाना चाहती है और वे इस आवाज को दबने नहीं देंगे.