टेक : सरकार आपके व्हाट्सएप मैसेज पर भी रखना चाहती है नजर, व्हाट्सएप ने कोर्ट में घसीटा, पढ़े पूरा मामला

नई दिल्ली। 3 महीने पहले देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा लाए गए नए सोशल मीडिया नियमों जिन्हे लागू करने की आखरी तारीख आज थी, के विरोध में मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट में सरकार को चुनौती दी है। व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया के वे सरकार के अधिकतर नियमो को मानने के लिए तैयार हैं लेकिन कुछ नियम ऐसे हैं जिनसे यूजर की प्राइवेसी को खतरा है और यह एप के ‘End to End Encryption’ पॉलिसी के विरुद्ध है।

आसान भाषा में समझे तो किसी यूजर द्वारा व्हाट्सएप में भेजा गया संदेश रिसीवर तक पहुंचने के दौरान विशेष कोड्स द्वारा एनक्रिप्ट होता है मतलब रिसीवर तक पहुंचने के पहले वह संदेश कोई और नही पढ़ सकता, व्हाट्स भी नही। लेकिन सरकार विभिन्न कारणों से यह गोपनीयता भंग करना चाहती है और उसपर अपना नियंत्रण चाहती है। जो कंपनी के नियमो के विरुद्ध है।

विभिन्न सोशल मीडिया एप्स पर यूजर की प्राइवेसी एक गंभीर मुद्दा है। दुनिया की सबसे बड़ी फोन कंपनी एप्पल ने कत्ल के एक मामले में भी मुख्य आरोपी के मोबाइल का लॉक खोलने से  अमेरिकी कोर्ट में इनकार कर दिया था यह कहकर की कंपनी के लिए निजता का अधिकार सर्पोवरी है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने उक्त मामले पर सरकार को नोटिस जारी कर दिया है और हो सकता है आज से लागू होने वाले नियम इस मामले की सुनवाई तक टल जाए। देश की तीन बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों फेसबुक, गूगल और ट्विटर में से किसी ने भी सरकार के सारे कानूनों को नही माना है। लेकिन वे इस पर बात करने को तैयार हैं।