नई दिल्ली: सुनील सांगवान, जिनके सुनारिया जेल अधीक्षक रहने के दौरान बलात्कार और हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को छह बार पैरोल या फरलो पर रिहा किया गया था, भाजपा में शामिल हो गए हैं.
द प्रिंट ने इस पर विस्तृत खबर की है।इस खबर के मुताबिक, उनके आगामी 5 अक्टूबर को प्रस्तावित हरियाणा विधानसभा चुनाव में चरखी दादरी से चुनाव लड़ने की संभावना है.
वह पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के पुत्र हैं, जो दो महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. सतपाल चरखी दादरी से पूर्व विधायक है.
भाजपा ने 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में चरखी दादरी से पहलवान बबीता फोगाट को मैदान में उतारा था. वह 24,786 वोट (19.59 प्रतिशत वोट शेयर) पाकर तीसरे स्थान पर रही थीं. तब सतपाल सांगवान जननायक जनता पार्टी (जजपा) के टिकट पर चुनाव लड़कर दूसरे पायदान पर रहे थे. हालांकि, फोगाट ने आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपना प्रचार अभियान शुरू कर दिया है.
बता दें कि सुनील सांगवान 22 साल से ज़्यादा समय तक सरकारी सेवा में रहे. वह 2002 में हरियाणा जेल विभाग में शामिल हुए थे. वह कई जेलों के अधीक्षक रह चुके हैं, जिनमें रोहतक की सुनारिया जेल भी शामिल है, जहां उन्होंने 5 साल तक सेवा प्रदान की. यह वही जेल थी जहां डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह अपनी दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या के जुर्म में सजा काट रहे थे.
फिलहाल 21 दिनों के लिए फरलो पर जेल से बाहर आए राम रहीम बार-बार पैरोल और फरलो पाने के कारण चर्चा में रहे हैं. जिन 10 मौकों पर राम रहीम को पैरोल या फरलो मिली, उनमें से 6 बार सांगवान उस जेल के अधीक्षक थे जहां डेरा प्रमुख को हिरासत में रखा गया था.