TTN Desk
मध्यप्रदेश में नवरात्रि पर होने वाले गरबा उत्सव पर हिंदू और बीजेपी से जुड़े संगठनों की जहां नजर लगी हुई है वहीं इनके नेताओं द्वारा गैर हिन्दू का पंडालों में प्रवेश रोकने तरह तरह के सुझाव दिए जा रहे है। जिनमें गरबा पूजा पंडाल में प्रवेश के पहले भगवान के वराह अवतार का पूजन और गौमूत्र को प्रसाद के रूप में पिलाने का सुझाव चर्चा में आ गया है।
भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच हुआ सक्रिय,दिया ये सुझाव
रिपोर्ट के मुताबिक, यहां भोपाल शहर में ‘संस्कृति बचाओ मंच’ के प्रमुख चंद्रशेखर तिवारी ने मंगलवार को कहा कि गरबा आयोजकों को ‘वराह’ अवतार की पूजा करने के बाद ही किसी को पंडाल में प्रवेश की अनुमति देनी चाहिए। गरबा पंडालों के प्रवेश द्वार पर वराह की तस्वीर लगाई जानी चाहिए। हर प्रतिभागी को ‘पंच-गव्य’ दिया जाना चाहिए, जिसमें गाय का मूत्र, गोबर, दूध, दही और घी शामिल हो।
‘संस्कृति बचाओ मंच’ के प्रमुख चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि ये शर्तें अन्य समुदायों के सदस्यों को गरबा आयोजनों से दूर रखने में मददगार साबित होंगी। खासकर उनके लिए जो वराह अवतार को अपवित्र मानते हैं। केवल सनातन धर्म में विश्वास रखने वाले लोग ही ‘पंच-गव्य’ लेने के लिए तैयार होंगे। पौराणिक कथाओं में वर्णित ‘वराह अवतार’ में हिन्दू समुदाय की बेहद गहरी आस्था है। इसमें भगवान के सिर को शूकर के रूप में दर्शाया गया है।
गरबा पंडालों में सभी को दिया जाय गौमूत्र का प्रसाद
बीजेपी के इंदौर जिला अध्यक्ष (ग्रामीण) चिंटू वर्मा ने कहा- कई बार गरबा आयोजनों में ऐसे लोग शामिल हो जाते हैं जिनको लेकर चर्चाएं होने लगती हैं। मेरा मानना है और मैं सबसे इसको लेकर अपील भी करना चाहूंगा कि हम पांडालों में प्रसाद वितरण करते ही हैं, गौ हमारी माता है। गौ-मूत्र हम लोग पीते ही हैं। ऐसे में प्रसाद स्वरूप में सभी को गो-मूत्र दिया जाना चाहिए।
गरबा में तिलक लगा कर आएं
चिंटू वर्मा ने आगे कहा कि गरबा पांडालों में जो भी लोग आएं और एंट्री से पहले गौ-मूत्र पीयें और आयोजन में शामिल हों। नवरात्रि शक्ति का पर्व है, चोटी रखना और चंदन का तिलक लगाना हमारी पहचान है। ऐसे में गरबा आयोजनों में शामिल होने वाले भी तिलक लगाकर आएं और गो-मूत्र पीने के बाद पांडालों में प्रवेश करें। गो-मूत्र पीकर पांडालों में प्रवेश दिलाएं ऐसा में आयोजकों से अनुरोध करता हूं।