कोलकाता कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने टास्क फोर्स गठित किया,पुलिस और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को फटकार

नई दिल्ली: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के बाद से पूरा देश उबल रहा है। लोग सड़कों पर उतरकर उस पीड़िता के कातिलों के खिलाफ मौत के सजा की मांग कर रहे हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट भी तत्काल सुनवाई के लिए राजी हो गया और तय समय पर सुनवाई शुरू हो गई है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली एक पीठ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई कर रही है। इस केस सूची में सबसे ऊपर रखा गया था। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर इसलिए कि कलकत्ता उच्च न्यायालय पहले ही जांच को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप चुका है।

सिब्बल ने कहा-जो आदेश होगा उसका पालन होगा

कोलकाता रेप मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि लड़की के साथ जानवर से बदतर सलूक किया गया। इसपर कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस ने पूछा कि प्रिंसिपल पर क्या किया जाए? सिब्बल ने कहा कि जो आदेश दिया जाएगा वह पालन होगा।

सीबीआई के पास स्टेटस फाइल करने के लिए गुरुवार तक का समय

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता केस पर सुनवाई के दौरान सीबीआई को निर्देश दिया कि वह गुरुवार तक स्टेटस फाइल करे। छानबीन का स्टेज बताने को भी कहा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम रिपोर्ट देखना चाहते हैं। इसके अलावा सीजेआई ने कहा कि हम नैशनल टास्क फोर्स बनाएंगे। टास्क फोर्स सेफ्टी, वर्किंग कंडिशन आदि के बारे में बताएगा। इसके बाद इस घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हमपर ट्रस्ट करें और इसी के साथ सभी डॉक्टरों को अपना प्रोटेस्ट को वापस लेने का भाी आग्रह किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि शांति पूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर राज्य पुलिस संजीदगी से काम ले। टास्क फोर्स सेफ्टी, वर्किंग कंडिशन आदि के बारे में बताएगा।

सरकार और पुलिस से सवाल

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए। सीजेआई के नेतृत्व वाली बेंच ने कोलकाता पुलिस पर सवालों की बौछार की। बेंच ने पूछा कि क्या पैरेंट्स को लड़की को चार घंटे नहीं मिलने दिया गया? इसपर सिब्बल ने कहा कि यह तथ्य ठीक नहीं है। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या शुरुआत में मर्डर केस दर्ज नहीं किया गया? कॉलेज के प्रिंसिपल उस समय क्या कर रहे थे? उन्होंने एक्शन क्यों नहीं लिया? चीफ जस्टिस ने अस्पताल में भारी भीड़ घुसने पर भी सवाल किया कि जब अस्पताल में मॉब पहुंचा तो पुलिस क्या रह रही थी? पुलिस ने क्राइम सीन को क्यों प्रोटेक्ट नहीं किया? मॉब को अंदर कैसे जाने दिया गया? प्रिंसिपल के इस्तीफा देने पर क्या उन्हें कहीं और नियुक्त किया गया? सिब्बल ने कहा कोर्ट जो आदेश देगी उसका पालन होगा।