कोरबा : 67 में 45 पार्षद होते हुए भी निगम सभापति में बीजेपी उम्मीदवार की हार,बागी नूतन की जीत,जिलाध्यक्ष कह रहे है करेंगे कार्यवाही

*मनोज शर्मा*

कोरबा। नगर निगम चुनाव में ऐतिहासिक सफलता हासिल करने वाली भाजपा को सभापति चुनाव में पार्टी के ही बागी पार्षद नूतन सिंह से मात खानी पड़ी है।शनिवार को हुए निगम सभापति के चुनाव में कुल 67 पार्षद और एक महापौर का यू कुल 68 वोट पड़े।जिसमें से बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल को 18,निर्दलीय अब्दुल रहमान को 17 और बीजेपी के बागी पार्षद नूतन सिंह को 33 वोट हासिल हुए और वे ये चुनाव खासे मतों से जीत गए। अब जरा पार्षदों की संख्या पर भी नजर दौड़ा ले तो साफ हो जाएगा कि आखिर अब जिला भाजपाध्यक्ष मनोज शर्मा को क्यों कहना पड़ रहा है कि “संगठन में अनुशासन की लौ जलाएंगे।संगठन विरोधियों को सबक सिखाया जाएगा।दरअसल कोरबा नगर निगम के 67 पार्षदों में बीजेपी के 45 ,कांग्रेस के 11 पार्षद जीते है वहीं 11 पार्षद निर्दलीय भी जीते है।इन निर्दलीयों में भी कम से कम 5 ऐसे है जो बीजेपी से जुड़े रहे है।
अब आते है सभापति के चुनाव पर…पार्टी ने यहां रायपुर के विधायक पुरंदर मिश्रा को पर्यवेक्षक बना कर जिम्मेदारी दी थी कि वे यहां सभापति के लिए पार्टी प्रत्याशी को तय कर उनकी जीत सुनिश्चित करवाएंगे।पर शायद प्रदेश के सभी नगरनिगमों में जीत हासिल करने वाली भाजपा को केवल कोरबा में ही अधिकृत सभापति प्रत्याशी को जिताने में सफलता नहीं मिली।

O इधर नूतन बागी हुए उधर कांग्रेस ने मैदान छोड़ा

कोरबा में निगम चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही पार्टी में अनेक नाम सभापति के लिए चर्चा में थे जिनमें हीतानंद अग्रवाल स्वाभाविक दावेदार थे क्योंकि विगत कार्यकाल में जब प्रदेश और निगम में कांग्रेस की सत्ता थी तब उन्होंने निगम में प्रतिपक्ष के नेता के रूप में जुझारू और प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए समय समय पर जनहित और विकास के मुद्दों को उठा कर सड़क की लड़ाई लड़ी थी।इनके अलावा भी दूसरी तीसरी बार पार्षद चुनाव जीते कम से कम 6 नाम और चर्चा में थे।पार्टी सूत्रों के मुताबिक हीतानंद अग्रवाल के पक्ष में डिप्टी सीएम अरुण साव भी थे,वे जिले के प्रभारी मंत्री भी है।पर्यवेक्षक पुरंदर मिश्रा यहां आए ,पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की।पार्षदों की बैठक ले जब उन्होंने हितानंद का नाम पार्टी अधिकृत प्रत्याशी के दौर पर घोषित किया उसके बाद उनका विरोध हो गया। हितानंद के अलावा नूतन सिंह ठाकुर ,जो पहली बार ही बीजेपी की टिकट पर पार्षद बने थे ने भी नामांकन दाखिल कर दिया।निर्दलीय अब्दुल रहमान भी कूद पड़े।दूसरी तरफ कांग्रेस ने मैदान ही छोड़ दिया ।

O प्रदेश संगठन ने गंभीरता से लिया,जिलाध्यक्ष ने जारी किया बयान

चुनाव जीतने के बाद सभापति नूतन सिंह ठाकुर ने मीडिया से चर्चा में कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी से पार्षद चुनाव की टिकट मिली थी और अच्छे वोटो से जीत हासिल किए। सभापति के लिए भी उन्होंने भाजपा पार्षद के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया और पार्षदों ने उन पर अपना भरोसा जताया। नूतन सिंह ने इसके लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह पहले भी भाजपा के थे, अभी भी भाजपा के हैं और आगे भी भाजपा के ही रहेंगे।
दूसरी तरफ पूर्व नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि पार्टी संगठन की ओर से उन्हें अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया था और संगठन के निर्देश पर ही उन्होंने अपना नामांकन सभापति के लिए जमा किया। अब जो भी निर्णय लेना है, वह संगठन को लेना है। हमें संगठन के निर्देश का पालन करते हुए काम करना है।

पार्टी के सूत्रों की माने तो निगम सभापति चुनाव के नतीजों के बाद संगठन में हड़कंप मच गया है।बीजेपी जिलाध्यक्ष ने शाम तक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं कि तब तक ऐसा लग रहा था कि शायद सबकुछ ठीक कर लिया जाएगा किंतु जब चुनाव नतीजे की रिपोर्ट प्रदेश बीजेपी के नेताओं को मिली तो उन्होंने रुख सख्त करते हुए जिला संगठन को ताकीद किया कि ये सब नाकाबिले बर्दाश्त है।इसके बाद आनन फानन में बीजेपी जिलाध्यक्ष मनोज शर्मा ,जिन्होंने हाल ही में पदभार संभाला है ने एक बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा है कि नगर पालिका निगम कोरबा के सभापति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरोध में कार्य करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। संगठन के निर्णयों के विरुद्ध कार्य करने वालों पर सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाए जाएंगे और इस संबंध में प्रदेश स्तरीय समिति द्वारा जांच करने की बात भी कही गई हैं।
मनोज शर्मा ने कहा कि भाजपा अनुशासन और संगठनात्मक एकता में विश्वास रखती है। जो भी कार्यकर्ता या पदाधिकारी पार्टी लाइन के खिलाफ काम करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर संगठन हित में कार्य करने की अपील की और कहा कि पार्टी के प्रति वफादारी और अनुशासन सर्वोपरि है।
कोरबा नगर पालिक निगम के सभापति चुनाव के संबंध में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संगठन ने इस मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों पर जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

O गुटबाजी के खेल ने पार्टी को ही दे दी मात

मनोज शर्मा के इस बयान से भी साफ है कि पार्टी ने जिला संगठन को दरकिनार कर जांच प्रदेश से कराने का निर्णय लिया है।बताया जा रहा है कि इस सारे खेल की तह में पार्टी के स्थानीय वरिष्ठ नेताओं की घनघोर गुटबाजी है। उनके अलग अलग खेमे भी राज्य के अलग अलग वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों से निकटता रखते है।बहरहाल अब चाहे पार्टी इसकी जांच कर जो तथ्य पाए और कार्यवाही करे मगर आज यहां पार्टी को मात खानी पड़ी है और इसने समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता नेताओं को मायूस और आहत किया है।