कोरबा : पूर्व डिप्टी सीएम के बेटे,बहु और पोती के ट्रिपल मर्डर में बड़ा बेटा,बहु सहित 5 दोषी,उम्रकैद की सज़ा

कोरबा : अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, पत्नी सुमित्रा कंवर और बेटी आशी कंवर की तीन साल पहले बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड से प्रदेश में सनसनी फैल गई थी. अब इस मामले में तीन साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी पांच आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपियों में मृतक के बड़े भाई का साला और एक महिला सहित कुल पांच लोग शामिल हैं.

O जब रिश्तेदार ही निकला मुख्य आरोपी
यह हत्याकांड 21 अप्रैल 2021 को उरगा थाना क्षेत्र के भैंसमा गांव में हुआ था. स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के बेटे हरीश कंवर, पत्नी सुमित्रा कंवर और बेटी आशी कंवर की हत्या सुबह के समय कर दी गई थी. तत्कालीन गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे. मामले में कुछ ही घंटों में पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें पता चला कि हत्यारा मृतक के बड़े भाई का साला था. मामले में गहराई से जांच करते हुए पुलिस ने अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था. ट्रिपल मर्डर मामले में तत्कालीन गृहमंत्री ने बताया था कि प्रारंभिक पूछताछ में पैसों का लेन-देन मामला सामने आया था

मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी, जिसके आधार पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सरकारी अभिभाषक कृष्ण द्विवेदी ने बताया कि हरीश कंवर और उनके परिवार के अन्य सदस्य की निर्मम हत्या की गई थी. तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदेश्वर की पीठ ने मामले की सुनवाई की. अभियोजन पक्ष ने सभी साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिनके आधार पर न्यायालय ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. यह फैसला हत्याकांड के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है.

O संपत्ति विवाद बना हत्या का कारण

हरीश कंवर उसकी पत्नी और मासूम बच्ची की हत्या का कारण घरेलू संपत्ति विवाद बना. कोर्ट ने जिन्हें हत्या का दोषी ठहराया है, उसमें हरीश का बड़ा भाई हरभजन सिंह कंवर, उसकी पत्नी धनकुंवर और साला परमेश्वर कंवर के अलावा परमेश्वर के दोस्त रामप्रसाद मन्नेवार और सुरेंद्र सिंह कंवर शामिल हैं.

O “घर खाली है,आप लोग आ जाइए…” ये मोबाइल मैसेज बना सबूत

इस मामले में पुलिस ने मोबाइल फोन से एक टेक्स्ट मैसेज को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया था. जिसमें लिखा गया था कि “घर खाली है, आप लोग आ जाइए”. ये मैसेज हरभजन के परिवार की ओर से परमेश्वर कंवर के मोबाइल फोन पर भेजा गया था. इसी संदेश ने हत्याकांड के राज खोले थे और पुलिस ने एक-एक कर घटना में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था. हत्या को अंजाम देने के लिए परमेश्वर अपने दोस्त सुरेंद्र और रामप्रसाद मन्नेवार के साथ बाइक पर सवार होकर हरीश के घर पहुंचा था.

O मां की गवाही पर बड़े बेटे को सजा

प्राप्त जानकारी के अनुसार दोषियों को सजा दिलाने में हरीश कंवर की मां जानकी बाई पति स्व. प्यारे लाल कंवर की गवाही बेहद महत्वपूर्ण रही. घटना के समय जानकी बाई घर में मौजूद थी और हत्यारों ने जानकी की हत्या नहीं की थी. ट्रिपल मर्डर के हत्याकांड को अंजाम देने के दौरान हत्यारे ने जानकी बाई का गला दबाकर ही उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया फिर बेहोश होने पर उन्हें छोड़ दिया. जब हत्यारे हरीश, उसकी पत्नी और बेटी पर वार कर रहे थे तब जानकी बाई घर में मौजूद थी और उसने अपने बड़े बेटे हरभजन के साले परमेश्वर कंवर को पहचान लिया था.हत्यारों ने हत्या में इस्तेमाल किए गए लोहे के दो कट्टे को भैसमा के पास एक डेम में फेंक दिया था. घटना के बाद आरोपी फरार हो गए थे. सबूत नष्ट करने की कोशिश के मामले में पुलिस ने हत्या और सबूत नष्ट करने का भी अपराध दर्ज किया था.अतिरिक्त शासकीय अभिभाषक अधिकारी कृष्ण कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस मामले की सुनवाई कोरबा के तृतीय अपर सत्र न्यायालय में चल रही थी. न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे की अदालत ने मामले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों को दोषी ठहराया. सभी को आईपीसी की धारा 120बी/34 (साजिश), 201 (सबूत नष्ट करना), 302 (हत्या) एवं 406 (विश्वासघात करना) के तहत कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है. इसमें परमेश्वर कंवर, रामप्रसाद मन्नेवार, हरभजन सिंह कंवर, धनकुंवर और सुरेंद्र सिंह कंवर शामिल हैं.

Oसजा का ऐलान होते ही रोने लगी धनकुंवर

जब कोर्ट में सजा सुनाई गई तब दोषी कटघरे में खड़े थे. सजा सुनकर इस मामले की दोषी धनकुंवर के आंखों से आंसू बहने लगे. अन्य दोषी भी बेहद मायूस नजर आए. कोर्ट का फैसला आते ही पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल उन्हें पुलिस सुरक्षा में कोरबा के जेल भेजा गया है.