करोड़ों की बेनामी संपत्ति वाले इस आईएएस पर लग चुका रेप का चार्ज भी

TTN Desk

बिहार के आईएएस अधिकारी संजीव हंस की काली कमाई अब लोगों के सामने उजागर हो गई है। उनकी संपत्ति आमदनी से ज्यादा पाई गई है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में आईएएस संजीव हंस और उनके करीबियों के ठिकानों पर ईडी द्वारा छापेमारी की गई थी। इसके बाद बिहार की विशेष निगरानी ईकाई (SVU) ने आईएएस हंस और झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है। लेकिन ये पहला मौका नहीं है जब संजीव किसी अपराधिक मामले में फंसे हों, बल्कि इससे पहले उन पर गंभीर आरोप लगाए जा चुके हैं। आइए जानें बिहार के इस आईएएस अधिकारी के बारे में….

पंजाब के मूल निवासी है हंस

मूलतः पंजाब के रहने वाले संजीव हंस बिहार कैडर के 1997 बैच के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और इसमें सफलता भी हासिल की। संजीव हंस ने अपने पिता लक्ष्मण दास हंस से सिविल सेवा में आने की प्रेरणा ली थी। उनके पिता राज्य प्रशासनिक सेवा में अधिकारी के पद पर तैनात थे। ट्रेनिंग खत्म करने के बाद उन्हें पहली बार बिहार के बांका जिले में एसडीएम के पद पर नियुक्ति मिली थी।

घुस में मर्सिडीज,महिला से अवैध लेनदेन

आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की जांच में पता चला है कि हंस ने एक कंपनी को ठेका देने के बदले में मर्सिडीज कार ली थी। इतना ही नहीं, उन पर एक महिला के साथ शारीरिक शोषण और अवैध लेनदेन के भी आरोप हैं। ईडी को उनकी पत्नी और पूर्व विधायक गुलाब यादव के साथ मिलकर अवैध कमाई को छिपाने के सबूत भी मिले हैं। एसवीयू द्वारा दर्ज प्राथमिकी में खुलासा हुआ है कि संजीव हंस ने प्री-पेड मीटर लगाने वाली एक कंपनी को ठेका देने के एवज में मर्सिडीज कार ली थी।

एक फ्लैट की कीमत ही है साढ़े नौ करोड़

बता दें कि आईएएस संजीव हंस की संपत्ति आय से अधिक मिली है। जांच एजेंसी के मुताबिक, संजीव हंस की कुल आमदनी 5 करोड़ 47 लाख रुपये है, जिसमें से अधिकांश हिस्सा सैलरी और लोन से आया है। हालांकि उनके खर्च और संपत्तियां उनकी आमदनी से कहीं ज्यादा हैं। IAS की संपत्तियों में उनका दिल्ली के सी-35 आनंद निकेतन में 9 करोड़ 60 लाख रुपये का एक फ्लैट भी शामिल है। साथ ही उनके पिता और साले के नाम पर हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक-एक विला भी है। इसके अलावा बताया गया है कि संजीव हंस ने अलग-अलग स्थानों पर करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति बना ली है।

रेप केस में भी फंसे थे हंस

आईएएस अधिकारी संजीव हंस इससे पहले एक रेप केस में भी फंस चुके हैं। उनके साथ ही पूर्व विधायक गुलाब यादव पर एक महिला ने गैंगरेप का आरोप लगाया था। इस बलात्कार के मामले में आईएएस के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी। हालांकि हाईकोर्ट ने इस मामले को रद्द कर दिया था।

संबंध छिपाने महिला को हर माह दो लाख

बिहार के आईएएस संजीव हंस को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए बताया जा रहा है कि जब वह ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव के साथ-साथ बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSPHCL) के सीएमडी थे, तब उन्‍होंने बिहार में स्मार्ट मीटर लगाओ अभियान लागू किया. इस दौरान उन्‍होंने मीटर लगाने वाली कंपनी से घूस में मर्सिडीज कार ली. संजीव ने चंडीगढ़, गोवा और पुणे आदि जगहों पर प्रॉपर्टी ली है. इसके अलावा संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर एक महिला ने गैंगरेप के भी आरोप लगाए. इस मामले में पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जो खारिज हो गई. अब उसने सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया है. एफआईआर में खुलासा हुआ है कि संजीव हंस अपने संबंधों को छिपाने के लिए महिला को हर महीने दो लाख रुपये का खर्च भी देते थे.