TTN DESK
भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई ने मध्यप्रदेश के सिंगरौली एवं जबलपुर और उत्तर प्रदेश के नोएडा में 11 ठिकानों करके 3.85 करोड़ रुपए नकद, डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए. कम से कम 5 लोगों को गिरफ्तार किया है और कई अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
11 ठिकानों पर सीबीआई की रेड
जिन लोगों के यहां छापेमारी की गई, उनमें नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा शामिल हैं. इनके अलावा 6 अन्य लोगों के यहां भी सीबीआई ने दबिश दी थी. बाद में 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनके नाम रविशंकर सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह (सेवानिवृत्त), सूबेदार ओझा, दिवेश सिंह और जॉय जोसेफ दामले हैं.
ओझा के ठिकाने से मिले 3.85 करोड़ रुपए
सीबीआई ने इनके यहां 17 अगस्त को ही छापेमारी की थी. सीएमडी के निजी सचिव के यहां से 3.85 करोड़ रुपए मिलने के बाद सीबीआई ने सूबेदार ओझा को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई का कहना है कि सूबेदार के यहां से मिली रकम एनसीएल, सिंगरौली (मध्यप्रदेश) के कई ठेकेदारों एवं कर्मियों के साथ पक्षपात करने के लिए जमा की गई थी.
अफसरों तक रिश्वत पहुंचाने वाला भी गिरफ्तार
सीबीआई ने सिंगरौली स्थित मेसर्स संगम इंजीनियरिंग के मालिक एवं मध्यस्थ रविशंकर सिंह को भी गिरफ्तार किया है. रविशंकर सिंह कथित तौर पर विभिन्न ठेकेदारों/व्यापारियों व नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के कर्मचारियों की कड़ी के रूप में काम करता था और कर्चारियों तक रिश्वत के पैसे पहुंचाने में मदद करता था.
सीबीआई के डीएसपी जेजे दामले 5 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ाए
मैसर्स संगम इंजीनियरिंग, सिंगरौली के रविशंकर सिंह के एक सहयोगी दिवेश सिंह को भी सीबीआई ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया. वह जबलपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो में पदस्थापित सीबीआई के डीएसपी जॉय जोसेफ दामले को 5 लाख रुपए रिश्वत दे रहा था. सीबीआई में आरोपितों के पक्ष में रिपोर्ट देने के लिए यह रकम दी जा रही थी. दामले को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.