अनूठा प्रयोग : ईवीएम पर शक,गांव वालों को नतीजे पर अविश्वास तो फिर से करा रहे थे मतपत्र से वोटिंग,प्रशासन ने सख्ती से रोका

महाराष्ट्र के सोलापुर में मार्करवाड़ी गांव में मंगलवार को बैलट पेपर पर डमी वोटिंग होनी थी, लेकिन प्रशासन की सख्ती और पुलिस के दखल के बाद इसे कैंसिल कर दिया गया। हालांकि, गांव में कुछ लोगों ने बैलट पेपर से वोटिंग की पूरी तैयारी कर ली थी। सुबह 8 बजे से वोटिंग होनी थी, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने इसे रोक दिया।

O ग्रामीणों को हिरासत में लिया

कुछ लोग जो जबरन वोटिंग के लिए गए उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। गांव में 5 दिसंबर तक धारा 163 के तहत 5 से ज्यादा लोगों के इकट्‌ठा होने पर रोक लगा दी गई है।

O ये है ग्रामीणों का मानना

दरअसल, मालशिरस विधानसभा सीट पर NCP-SC कैंडिडेट उत्तमराव जानकर को मार्करवाड़ी से विधानसभा चुनाव के दौरान 843 वोट मिले, जबकि BJP के राम सातपुते को 1003 वोट मिले।

रिजल्ट सामने आने के बाद मार्करवाड़ी के लोगों ने 3 दिसंबर को बैलट पेपर पर वोटिंग कराने का फैसला किया। गांव वालों का कहना था कि गांव में 2000 वोटर्स थे, 1900 ने वोट डाला था।

ऐसे में यह संभव नहीं सातपुते को 1003 वोट मिले हों। उन्हें EVM पर भरोसा नहीं है, इसलिए बैलेट पेपर से रीपोलिंग करवाई जाए। दोनों के नंबर्स टैली करके तय होना था कि EVM से वोट मैनेज नहीं हुए थे।

प्रशासन ने अनुमति नहीं दी,पुलिस तैनात

एक प्रतिनिधिमंडल ने बैलेट पेपर का इस्तेमाल करके पुनर्मतदान कराने के लिए जिला प्रशासन से संपर्क किया था, लेकिन अनुरोध को खारिज कर दिया गया। इसके बाद मंगलवार को पुलिस की तरफ से गांव में सड़कें बंद कर दी गईं। चेतावनी दी गई कि वोटिंग करने वालों पर मामले दर्ज किए जाएंगे और मतदान सामग्री जब्त कर ली जाएगी। वहीं, पुलिस उपाधीक्षक (मालशिरस संभाग) नारायण शिरगावकर ने कहा कि गांव में किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की स्थिति से बचने के लिए पर्याप्त सुरक्षा तैनात की गई है।