OO वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को करीब 70 मिनट तक सुनवाई हुई। केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं के बीच तीखे सवाल-जवाब भी हुए। आज गुरुवार को इस मामले में फिर सुनवाई हुई है। मगर, सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसके पक्ष में आएगा, देश भर की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। सारे देश में अब चर्चा में ये 3 सवाल है…
O क्या सुप्रीम कोर्ट बढ़ा सकता है केंद्र सरकार की मुश्किलें..?
O किन तीन सवालों पर विचार कर सकता है सुप्रीम कोर्ट..?
O याचिकाकर्ताओं को क्या राहत मिलेगी या कानून पर मुहर..?
TTN Desk
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को सात दिन का समय दिया। न्यायालय ने साथ ही यह भी कहा कि इस बीच केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नियुक्ति नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि उन्हें कुछ दस्तावेजों के साथ प्रारंभिक जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाए, जिसके बाद अदालत ने उन्हें वक्त दिया। न्यायालय ने कहा कि मामले में इतनी सारी याचिकाओं पर विचार करना असंभव, केवल पांच पर ही सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि फिलहाल केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्ति न की जाए। यह आदेश वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया गया।
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से केंद्र की ओर से प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। उन्होंने कहा, “हमें प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाए, हम कुछ आवश्यक दस्तावेज भी पेश करेंगे।”
इस पर अदालत ने निर्देश दिया, “इस बीच केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में कोई नियुक्ति न की जाए।”
याचिकाओं में एक प्रमुख मुद्दा यह था कि संशोधित कानून के तहत गैर-मुस्लिमों को वक्फ परिषदों में नियुक्त किया जा सकता है। इस पर केंद्र ने स्पष्ट किया कि “केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को नियुक्त नहीं किया जाएगा।”
O 1995 कानून के तहत पंजीकृत वक्फ संपत्तियां सुरक्षित: सुप्रीम कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने सुनवाई के दौरान कहा कि वक्फ अधिनियम 1995 के तहत पंजीकृत संपत्तियों को किसी भी तरह से नहीं छेड़ा जा सकता। उन्होंने कहा, “यदि कोई वक्फ संपत्ति 1995 के कानून के तहत पंजीकृत है, तो उसे बाधित नहीं किया जा सकता।”
इसके जवाब में केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया कि “वक्फ-बाय-यूजर” पद्धति के तहत चिन्हित या अधिसूचित वक्फ संपत्तियों को भी अगली सुनवाई तक डि-नोटिफाई नहीं किया जाएगा।
O वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 5 मई को
सुप्रीम कोर्ट वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब 5 मई को अगली सुनवाई करेगा। इस दिन केवल अंतरिम आदेशों और निर्देशों पर सुनवाई की जाएगी।