OO शिरोमणि अकाली दल के प्रधान (प्रमुख) पद से सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे को शुक्रवार को शिरोमणि अकाली दल की कार्यसमिति ने मंजूर कर लिया। आगामी एक मार्च को नए प्रधान का चुनाव होगा।विगत तीन दशक से पार्टी पर बादल परिवार का ही वर्चस्व रहा है।
TTN Desk
कार्यसमिति सदस्यों ने इस्तीफे की स्वीकृति से पहले ऐतराज भी जताया परंतु बैठक के दौरान पार्टी के धर्मनिरपेक्ष संविधान, राजनीति पंजीकरण और श्री अकाल तख्त साहिब जी के आदेशों को ध्यान में रखते हुए सुखबीर के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया गया। ध्यान रहे सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब जी द्वारा तनखैया करार दिए जाने के बाद 16 नवंबर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था लेकिन 18 नवम्बर को आयोजित कार्यसमिति की बैठक में शिअद नेताओं के भावुक होने पर इस्तीफे की मंजूरी अगली कार्यसमिति की बैठक तक टाल दी गई थी। वरिष्ठ अकाली नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बैठक के बाद बाकायदा इस्तीफे की मंजूरी की पुष्टि भी की। सुखबीर बादल स्वयं भी बैठक में मौजूद रहे।
0 एक मार्च को नए प्रधान का चुनाव
एक मार्च को प्रधान पद के लिए चुनाव होगा। गुलजार सिंह राणिके को मुख्य चुनाव अधिकारी लगाया गया है। 20 जनवरी से 20 फरवरी तक मेंबरशिप मुहिम शुरू की जाएगी। 25 लाख मेंबरशिप का टारगेट रखा गया है।
O 30 साल तक पिता पुत्र रहे प्रधान,1920 में बनी थी पार्टी
शिरोमणि अकाली दल का गठन 14 दिसंबर 1920 को हुआ था। इसके बाद से पार्टी के 20 प्रधान बने। हालांकि, प्रकाश सिंह बादल के 1995 में पार्टी की कमान संभालने के बाद वह 2008 तक इस पद पर रहे। उसके बाद सुखबीर बादल को प्रधान बना दिया गया। 16 नवंबर 2024 को सुखबीर बादल ने इस्तीफा दे दिया था।
अब 30 साल बाद ऐसा मौका आ रहा है कि बादल परिवार के बजाय कोई दूसरा अकाली दल का प्रधान बन सकता है।
O विनम्र कार्यकर्ता के रूप में पार्टी और पंजाब की सेवा करता रखूंगा: सुखबीर
बैठक के बाद सुखबीर बादल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि शिअद के प्रतिनिधित्व ने उन्हें पार्टी का नेतृत्व करने की जो जिम्मेदारी सौंपी थी, उसे उन्होंने दिल से निभाया है। सुखबीर ने कहा कि 5 सालों से मैंने पार्टी की सेवा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। अपना कार्यकाल पूरा होने पर ही मैंने अपना इस्तीफा कार्यसमिति को सौंप दिया है। किन्हीं कारणों से इस्तीफे को पहले स्वीकार नहीं किया जा सका था परंतु अब शिअद को नया प्रधान मिल सके इसलिए मैंने अपना इस्तीफा कार्यसमिति को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि वह कार्यकारिणी समिति पर अपना इस्तीफा स्वीकार करने के लिए दबाव डालने के लिए ही बैठक में आए थे।